ETV Bharat / state

दिल्ली में मेलानिया ट्रंप का 'पहाड़ी' सत्कार, बेडू पाको गीत से हुआ स्वागत - बेडू पाको बारामासा

दिल्ली में अमेरिका की प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप का स्वागत उत्तराखंड के पारंपरिक गीत 'बेडू पाको बारामासा' के साथ हुआ. गाने की धुन सुनकर उत्तराखंड के लोग जमकर झूमे.

Melania Trump
दिल्ली में मेलानिया ट्रंप का 'पहाड़ी' स्वागत
author img

By

Published : Feb 25, 2020, 5:46 PM IST

Updated : Feb 25, 2020, 5:57 PM IST

दिल्ली/देहरादूनः अमेरिका की प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप बुधवार को दक्षिण दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में ‘हैप्पीनेस क्लास' में शिरकत करने पहुंचीं. मेलानिया के स्वागत के लिए स्कूल का बैंड तैयार था. जैसे ही मेलानिया ट्रंप स्कूल पहुंचीं, उनके स्वागत के लिये उत्तराखंड का मशहूर पहाड़ी गीत 'बेडू पाको बारामासा' बजाया गया. गाने की धुन सुनकर उत्तराखंड के लोग जमकर झूमे.

मेलानिया के स्वागत में सर्वोदय उच्चतर माध्यमिक स्कूल को फूलों से सजाया गया था. स्कूल में अनेक स्थानों पर फूलों से रंगोली बनाई गई थी. मेलानिया के स्वागत के लिए बच्चों ने पारंपरिक परिधान पहने थे. मेलानिया के स्कूल में आने पर उत्साहित छात्रों ने माला पहनाकर और उनके माथे पर टीका लगाकर पारंपरिक तरीके से उनका स्वागत किया.

दिल्ली में मेलानिया ट्रंप का 'पहाड़ी' स्वागत

इस दौरान मेलानिया ने कहा कि उनका स्वागत करने के लिए शुक्रिया. यह भारत की मेरी पहली यात्रा है. यहां के लोग गर्मजोशी से भरे हुए हैं और अच्छे हैं. उन्होंने कहा कि यह बेहद प्रेरणादायक है कि विद्यार्थी प्रकृति से स्वयं को जोड़ने वाली क्रियाओं के साथ अपने दिन की शुरुआत करते हैं. अमेरिका की फर्स्ट लेडी पॉप गाने और वेस्टर्न कल्चर से दूर उत्तराखंड की पहाड़ी संस्कृति को देख बहुत खुश हुईं. उन्होंने कहा कि बेहतरीन स्वागत के लिए आपका शुक्रिया, भारत की संस्कृति से लोग प्रेरणा ले सकते हैं.

ये भी पढ़ें: स्कूल दौरे पर पहुंचीं मेलानिया ट्रंप को छात्रों ने उपहार में दी मधुबनी पेटिंग

क्या है बेडू:

'बेडू पाको बारामासा, नारैणा काफल पाको चैता' इस उत्तराखंडी लोकगीत पर लोगों की थिरकन बढ़ जाती है और वे खुद के पहाड़ की वादियों में होने का अहसास करते हैं. दरअसल, बेडू उत्तराखंड का स्वादिष्ट जंगली फल है. उत्तराखंड सहित कई अन्य पहाड़ी राज्यों में बेडू को फल, सब्जी और औषधि के रूप में प्रयोग करते हैं. बेडू का स्वाद इसमें उपलब्ध जूस से भी जाना चाता है. उत्तराखंड में बेडू का कोई व्यावसायिक उत्पादन नहीं किया जाता है, लेकिन जंगलों में यह खुद ही उग जाता है और चारवाहों द्वारा बड़े ही चाव से खाया जाता है.

ये भी पढ़ें: भारत को हथियार बेचने पर डेमोक्रेट सांसद बर्नी सेंडर्स ने ट्रंप की आलोचना की

उत्तराखंड में पाए जाने वाले जंगली फल बेडू यहां की लोक संस्कृति में गहराई तक रचा बसा है, लेकिन इन्हें वह महत्व आजतक नहीं मिल पाया, जिसकी दरकार है. अलग राज्य बनने के बाद जड़ी-बूटी को लेकर तो खूब हल्ला मचा, मगर इन फलों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं समझा गया और ये सिर्फ लोकगीतों तक ही सिमटकर रह गए.

दिल्ली/देहरादूनः अमेरिका की प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप बुधवार को दक्षिण दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में ‘हैप्पीनेस क्लास' में शिरकत करने पहुंचीं. मेलानिया के स्वागत के लिए स्कूल का बैंड तैयार था. जैसे ही मेलानिया ट्रंप स्कूल पहुंचीं, उनके स्वागत के लिये उत्तराखंड का मशहूर पहाड़ी गीत 'बेडू पाको बारामासा' बजाया गया. गाने की धुन सुनकर उत्तराखंड के लोग जमकर झूमे.

मेलानिया के स्वागत में सर्वोदय उच्चतर माध्यमिक स्कूल को फूलों से सजाया गया था. स्कूल में अनेक स्थानों पर फूलों से रंगोली बनाई गई थी. मेलानिया के स्वागत के लिए बच्चों ने पारंपरिक परिधान पहने थे. मेलानिया के स्कूल में आने पर उत्साहित छात्रों ने माला पहनाकर और उनके माथे पर टीका लगाकर पारंपरिक तरीके से उनका स्वागत किया.

दिल्ली में मेलानिया ट्रंप का 'पहाड़ी' स्वागत

इस दौरान मेलानिया ने कहा कि उनका स्वागत करने के लिए शुक्रिया. यह भारत की मेरी पहली यात्रा है. यहां के लोग गर्मजोशी से भरे हुए हैं और अच्छे हैं. उन्होंने कहा कि यह बेहद प्रेरणादायक है कि विद्यार्थी प्रकृति से स्वयं को जोड़ने वाली क्रियाओं के साथ अपने दिन की शुरुआत करते हैं. अमेरिका की फर्स्ट लेडी पॉप गाने और वेस्टर्न कल्चर से दूर उत्तराखंड की पहाड़ी संस्कृति को देख बहुत खुश हुईं. उन्होंने कहा कि बेहतरीन स्वागत के लिए आपका शुक्रिया, भारत की संस्कृति से लोग प्रेरणा ले सकते हैं.

ये भी पढ़ें: स्कूल दौरे पर पहुंचीं मेलानिया ट्रंप को छात्रों ने उपहार में दी मधुबनी पेटिंग

क्या है बेडू:

'बेडू पाको बारामासा, नारैणा काफल पाको चैता' इस उत्तराखंडी लोकगीत पर लोगों की थिरकन बढ़ जाती है और वे खुद के पहाड़ की वादियों में होने का अहसास करते हैं. दरअसल, बेडू उत्तराखंड का स्वादिष्ट जंगली फल है. उत्तराखंड सहित कई अन्य पहाड़ी राज्यों में बेडू को फल, सब्जी और औषधि के रूप में प्रयोग करते हैं. बेडू का स्वाद इसमें उपलब्ध जूस से भी जाना चाता है. उत्तराखंड में बेडू का कोई व्यावसायिक उत्पादन नहीं किया जाता है, लेकिन जंगलों में यह खुद ही उग जाता है और चारवाहों द्वारा बड़े ही चाव से खाया जाता है.

ये भी पढ़ें: भारत को हथियार बेचने पर डेमोक्रेट सांसद बर्नी सेंडर्स ने ट्रंप की आलोचना की

उत्तराखंड में पाए जाने वाले जंगली फल बेडू यहां की लोक संस्कृति में गहराई तक रचा बसा है, लेकिन इन्हें वह महत्व आजतक नहीं मिल पाया, जिसकी दरकार है. अलग राज्य बनने के बाद जड़ी-बूटी को लेकर तो खूब हल्ला मचा, मगर इन फलों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं समझा गया और ये सिर्फ लोकगीतों तक ही सिमटकर रह गए.

Last Updated : Feb 25, 2020, 5:57 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.