देहरादून: मुख्य सचिव ओम प्रकाश की अध्यक्षता में सचिवालय में आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के संबंध में राज्य स्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी की प्रथम बैठक आयोजित की गयी. बैठक में मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना है.
इस योजना का लाभ अधिक से अधिक किसान ले सकें, इसके लिए जागरूकता फैलायी जानी चाहिए. मुख्य सचिव ने कहा कि इस फंड का प्रयोग प्रोसेसिंग यूनिट, कोल्ड स्टोर आदि से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएं. पर्वतीय क्षेत्रों में छोटी जोत होने के कारण कृषकों को आकर्षित करने के लिए सभी संबंधित विभागों को प्रो-एक्टिव होकर कार्य करना होगा. उन्होंने कहा कि फूड प्रोसेसिंग, फिशरीज, डेरी, मेडिसनल और एरोमेटिक प्लांट्स की खेती को फोकस किया जाना चाहिए.
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मुख्य सचिव ने कहा कि इस योजना की सफलता के लिए सेक्टर स्पेसिफिक होना होगा. प्रदेश में ग्रोथ सेंटर अच्छा कार्य कर रहे हैं. इस योजना में ग्रोथ सेंटर्स को भी शामिल किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मार्केट सर्वे करा लिया जाए, ताकि किन उपजों पर फोकस करना है इसकी जानकारी मिल सके. योजना के क्रियान्वयन से पहले एक गोष्ठी का भी आयोजन किया जाए, जिसमें कृषि पंडित एवं उद्यान पंडित जैसे पुरस्कार प्राप्त किसानों के साथ ही इस क्षेत्र से जुड़े सभी विभागों, संस्थानों एवं लोगों की सहभागिता सुनिश्चित की जाए.
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उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक तीन माह में इसके टारगेट की समीक्षा की जाए. योजना के अंतर्गत अगले 04 वर्षों में 0785 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया जाना है. इस सुविधा के तहत ऋण पर सालाना ब्याज में 03 प्रतिशत की छूट दी जाएगी. इसके तहत किसान, सोसायटी, एफपीओ, एग्री एन्टप्रीन्योर, स्टार्ट-अप, स्वयं सहायता समूह, केंद्रीय अथवा राज्य एजेंसी या स्थानीय निकाय आदि लाभ उठा सकते हैं. योजना में पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट्स जैसे- सप्लाई चेन सर्विसेज, ई-मार्केटिंग प्लेटफॉर्म, गोदाम, भूमिगत कक्ष, छंटाई और ग्रेडिंग इकाइयां, कोल्ड चेन, प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्र आदि गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा.