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आईएनसी की मान्यता नहीं मिलने पर भड़के चिकित्सा शिक्षा मंत्री, अफसरों को लगाई फटकार, दिया ये चैलेंज - धन सिंह रावत की बैठक

उत्तराखंड के कई संस्थानों को आईएनसी की मान्यता नहीं मिल सकी है. इस पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने नाराजगी जताई है. अफसरों को फटकार लगाते हुए धन सिंह ने कहा कि सभी नर्सिंग संस्थानों में आईएनसी के मानकों के अनुसार फैकल्टी तैनात की जाएं.

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चिकित्सा मंत्री की बैठक
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Published : Jul 13, 2023, 1:56 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड राज्य के सभी नर्सिंग कॉलेजों में आईएनसी (इंडियन नर्सिंग काउंसिल) के मानकों के अनुरूप सुविधाओं को बढ़ाने के साथ आवश्यक संसाधन भी जुटाये जायेंगे. दरअसल, प्रदेश के राजकीय नर्सिंग कॉलेज एवं स्कूल, पैरामेडिकल कॉलेज और एएनएम ट्रेनिंग सेंटरों में आईएनसी की मान्यता मिलने सम्बन्धित सुविधाएं मौजूद नहीं हैं. इसको देखते हुए चिकित्सा शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने प्रदेश के राजकीय नर्सिंग कॉलेज, स्कूल, पैरामेडिकल कॉलेज और एएनएम ट्रेनिंग सेंटरों की समीक्षा बैठक ली.

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आईएनसी की मान्यता नहीं मिलने पर भड़के चिकित्सा शिक्षा मंत्री

आईएनसी की मान्यता नहीं मिलने पर मंत्री नाराज: बैठक के दौरान मंत्री ने संस्थानों को आईएनसी की मान्यता न मिलने पर अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई. दरअसल, नर्सिंग संस्थाओं को आईएनसी की मान्यता मिलने के बाद इन संस्थानों से पासआउट होने वाले छात्र-छात्राओं को देश-विदेश के बड़े और नामी मेडिकल संस्थानों में अपनी सेवाएं देना का मौका मिलता है. बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि अधिकतर संस्थानों में आईएनसी मानकों के अनुरूप टीचिंग फैकल्टी की तैनाती नहीं हो पाई है. कई संस्थानों में आईएनसी के मानकों के अनुरूप पदों का सृजन भी नहीं है, क्योंकि इसके प्रस्ताव शासन स्तर पर लम्बित हैं.

एक सप्ताह के भीतर: इसके चलते अधिकतर संस्थानों की आईएनसी से मान्यता नहीं हो पायी है. हालांकि, प्रदेश के अधिकतर संस्थानों को स्टेट नर्सिंग काउंसिल की मान्यता प्राप्त है. वहीं, बैठक के दौरान मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि सभी नर्सिंग संस्थानों में आईएनसी की मानकों के अनुसार फैकल्टी तैनात की जाएं. साथ ही आवश्यक संसाधनों को भी जुटाने के सख्त निर्देश दिये. इसके साथ ही मंत्री ने चिकित्सा शिक्षा के निदेशक को निर्देश दिए कि अगले एक सप्ताह के भीतर उनकी अध्यक्षता में मुख्य सचिव, कार्मिक सचिव, वित्त सचिव और चिकित्सा शिक्षा सचिव की बैठक के आयोजन के लिए पत्र दें.
ये भी पढ़ें: नर्सिंग भर्ती को लेकर बेरोजगार युवाओं ने भरी हुंकार, मांग पूरी न होने पर आंदोलन की दी चेतावनी

चिकित्सा शिक्षा निदेशक ने क्या कहा? ताकि, उस बैठक में जिन संस्थानों के मामले पेंडिंग हैं, उन पर निर्णय लिया जा सके. बैठक में चिकित्सा शिक्षा के निदेशक डा. आशुतोष सयाना ने बताया कि प्रदेशभर में 9 नर्सिंग कॉलेज, 3 नर्सिंग स्कूल, 3 पैरामेडिकल कॉलेज और 5 एएनएम ट्रेंनिग सेंटर संचालित हैं. इन सभी नर्सिंग संस्थानों में नियमित नियुक्ति होने तक रिक्त पदों पर संविदा के माध्यम से ट्यूटर के 32 पद, असिस्टेंट प्रोफेसर के 4 पद और एसोसिएट प्रोफेसर के 6 पदों को भरा जायेगा. इसके लिये 20 जुलाई को इंटरव्यू किया जाएगा.

देहरादून: उत्तराखंड राज्य के सभी नर्सिंग कॉलेजों में आईएनसी (इंडियन नर्सिंग काउंसिल) के मानकों के अनुरूप सुविधाओं को बढ़ाने के साथ आवश्यक संसाधन भी जुटाये जायेंगे. दरअसल, प्रदेश के राजकीय नर्सिंग कॉलेज एवं स्कूल, पैरामेडिकल कॉलेज और एएनएम ट्रेनिंग सेंटरों में आईएनसी की मान्यता मिलने सम्बन्धित सुविधाएं मौजूद नहीं हैं. इसको देखते हुए चिकित्सा शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने प्रदेश के राजकीय नर्सिंग कॉलेज, स्कूल, पैरामेडिकल कॉलेज और एएनएम ट्रेनिंग सेंटरों की समीक्षा बैठक ली.

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आईएनसी की मान्यता नहीं मिलने पर भड़के चिकित्सा शिक्षा मंत्री

आईएनसी की मान्यता नहीं मिलने पर मंत्री नाराज: बैठक के दौरान मंत्री ने संस्थानों को आईएनसी की मान्यता न मिलने पर अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई. दरअसल, नर्सिंग संस्थाओं को आईएनसी की मान्यता मिलने के बाद इन संस्थानों से पासआउट होने वाले छात्र-छात्राओं को देश-विदेश के बड़े और नामी मेडिकल संस्थानों में अपनी सेवाएं देना का मौका मिलता है. बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि अधिकतर संस्थानों में आईएनसी मानकों के अनुरूप टीचिंग फैकल्टी की तैनाती नहीं हो पाई है. कई संस्थानों में आईएनसी के मानकों के अनुरूप पदों का सृजन भी नहीं है, क्योंकि इसके प्रस्ताव शासन स्तर पर लम्बित हैं.

एक सप्ताह के भीतर: इसके चलते अधिकतर संस्थानों की आईएनसी से मान्यता नहीं हो पायी है. हालांकि, प्रदेश के अधिकतर संस्थानों को स्टेट नर्सिंग काउंसिल की मान्यता प्राप्त है. वहीं, बैठक के दौरान मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि सभी नर्सिंग संस्थानों में आईएनसी की मानकों के अनुसार फैकल्टी तैनात की जाएं. साथ ही आवश्यक संसाधनों को भी जुटाने के सख्त निर्देश दिये. इसके साथ ही मंत्री ने चिकित्सा शिक्षा के निदेशक को निर्देश दिए कि अगले एक सप्ताह के भीतर उनकी अध्यक्षता में मुख्य सचिव, कार्मिक सचिव, वित्त सचिव और चिकित्सा शिक्षा सचिव की बैठक के आयोजन के लिए पत्र दें.
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चिकित्सा शिक्षा निदेशक ने क्या कहा? ताकि, उस बैठक में जिन संस्थानों के मामले पेंडिंग हैं, उन पर निर्णय लिया जा सके. बैठक में चिकित्सा शिक्षा के निदेशक डा. आशुतोष सयाना ने बताया कि प्रदेशभर में 9 नर्सिंग कॉलेज, 3 नर्सिंग स्कूल, 3 पैरामेडिकल कॉलेज और 5 एएनएम ट्रेंनिग सेंटर संचालित हैं. इन सभी नर्सिंग संस्थानों में नियमित नियुक्ति होने तक रिक्त पदों पर संविदा के माध्यम से ट्यूटर के 32 पद, असिस्टेंट प्रोफेसर के 4 पद और एसोसिएट प्रोफेसर के 6 पदों को भरा जायेगा. इसके लिये 20 जुलाई को इंटरव्यू किया जाएगा.

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