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फीस वृद्धि के खिलाफ MBBS छात्रों ने पकड़ी आंदोलन की राह, कैंपस में प्रदर्शन

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Published : Aug 29, 2021, 10:33 PM IST

Updated : Aug 29, 2021, 10:48 PM IST

राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस छात्रों ने फीस वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन किया. छात्रों ने कहा कि अन्य राज्यों के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस कोर्स की फीस 20 से 80 हजार रुपये है, जबकि उत्तराखंड में सालाना फीस के तौर पर करीब 4 लाख लिए जाते हैं.

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देहरादून

देहरादूनः राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के करीब 350 एमबीबीएस छात्र-छात्राओं ने फीस वृद्धि के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसी कड़ी में फीस वृद्धि के खिलाफ राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस छात्र छात्राओं ने रविवार को पटेल नगर स्थित कैंपस में साढ़े 3 घंटे का शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रथम और द्वितीय बैच के छात्र-छात्राओं ने एमबीबीएस की फीस कम किए जाने की मांग की.

बता दें कि एमबीबीएस की फीस घटाने को लेकर 2019 और 2020 बैच के छात्र-छात्राएं आंदोलनरत हैं. प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राओं का कहना है कि अन्य राज्यों की तुलना में प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में फीस कई गुना अधिक है, जिस कारण उनके परिजनों के ऊपर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है.

फीस वृद्धि के खिलाफ MBBS छात्रों ने पकड़ी आंदोलन की राह

छात्र-छात्राओं का कहना है कि अन्य राज्यों के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस कोर्स कर रहे छात्र-छात्राओं की सालाना फीस 20 हजार से 80 हजार रुपये है, जबकि उत्तराखंड में सालाना फीस के तौर पर करीब 4 लाख रुपए लिए जाते हैं. ऐसे में अधिकांश छात्र-छात्राएं मध्यमवर्गीय परिवार से हैं, जिनकी सालाना आय काफी कम है. लिहाजा, एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं के लिए इस फीस को देना बहुत बड़ी चुनौती बनता जा रहा है.

ये भी पढ़ेंः AAP का एक और चुनावी दांव, सरकार बनते ही पहली कलम से निरस्त होगा देवस्थानम बोर्ड

आंदोलनरत छात्र-छात्राओं का कहना है कि कोरोना महामारी के कारण कई लोगों के रोजगार प्रभावित हुए है. इस महामारी के कारण उनके परिवार में कोई निश्चित आय के साधन नहीं रहे, जिस कारण उन्हें 4 लाख रुपये सालाना फीस देने में काफी दिक्कतें आ रही हैं. उसके बावजूद कॉलेज प्रशासन हम पर फीस देने का दबाव निरंतर बना रहा है.

सरकारी मेडिकल कॉलेजों में फीस घटाने की मांग कर रहे एमबीबीएस छात्र-छात्राओं ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार फीस नहीं घटाती है तो ऐसे में उन्हें अनिश्चितकालीन आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ेगा.

देहरादूनः राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के करीब 350 एमबीबीएस छात्र-छात्राओं ने फीस वृद्धि के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसी कड़ी में फीस वृद्धि के खिलाफ राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस छात्र छात्राओं ने रविवार को पटेल नगर स्थित कैंपस में साढ़े 3 घंटे का शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रथम और द्वितीय बैच के छात्र-छात्राओं ने एमबीबीएस की फीस कम किए जाने की मांग की.

बता दें कि एमबीबीएस की फीस घटाने को लेकर 2019 और 2020 बैच के छात्र-छात्राएं आंदोलनरत हैं. प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राओं का कहना है कि अन्य राज्यों की तुलना में प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में फीस कई गुना अधिक है, जिस कारण उनके परिजनों के ऊपर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है.

फीस वृद्धि के खिलाफ MBBS छात्रों ने पकड़ी आंदोलन की राह

छात्र-छात्राओं का कहना है कि अन्य राज्यों के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस कोर्स कर रहे छात्र-छात्राओं की सालाना फीस 20 हजार से 80 हजार रुपये है, जबकि उत्तराखंड में सालाना फीस के तौर पर करीब 4 लाख रुपए लिए जाते हैं. ऐसे में अधिकांश छात्र-छात्राएं मध्यमवर्गीय परिवार से हैं, जिनकी सालाना आय काफी कम है. लिहाजा, एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं के लिए इस फीस को देना बहुत बड़ी चुनौती बनता जा रहा है.

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आंदोलनरत छात्र-छात्राओं का कहना है कि कोरोना महामारी के कारण कई लोगों के रोजगार प्रभावित हुए है. इस महामारी के कारण उनके परिवार में कोई निश्चित आय के साधन नहीं रहे, जिस कारण उन्हें 4 लाख रुपये सालाना फीस देने में काफी दिक्कतें आ रही हैं. उसके बावजूद कॉलेज प्रशासन हम पर फीस देने का दबाव निरंतर बना रहा है.

सरकारी मेडिकल कॉलेजों में फीस घटाने की मांग कर रहे एमबीबीएस छात्र-छात्राओं ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार फीस नहीं घटाती है तो ऐसे में उन्हें अनिश्चितकालीन आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ेगा.

Last Updated : Aug 29, 2021, 10:48 PM IST
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