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अनलॉक में भी नहीं मिल रही सवारियां, मैक्सी कैब संचालक करेंगे वाहनों के कागजात सरेंडर

दून-गढ़वाल ट्रैकर जीप संचालन समिति के सचिव राजेश कुमार ने बताया कि राज्य सरकार ने टैक्स में 3 महीने की राहत तो जरूर दी है, लेकिन लॉकडाउन के दौरान हुए भारी आर्थिक नुकसान से उबरने के लिए नाकाफी है.

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Published : Jul 27, 2020, 7:42 PM IST

taxi operators
टैक्सी

देहरादूनः कोरोना संकट के बीच राज्य सरकार ने 50 फीसदी सवारियों के साथ व्यावसायिक वाहनों के संचालन की अनुमति दे दी है. लेकिन इसके बावजूद वाहन संचालकों को सवारिया नहीं मिल पा रही हैं. पहले से ही लॉकडाउन की मार झेल चुके वाहन संचालकों की हालत खराब होती जा रही है. ऐसे में अब दून-गढ़वाल ट्रैकर जीप संचालन समिति से जुड़े लोगों ने आगामी 29 जुलाई तक करीब 300 मैक्सी कैब के कागजात संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय (RTO) में सरेंडर करने का मन बनाया है.

टैक्सी संचालकों को नहीं मिल रहे सवारी.

रिस्पना पुल के पास मौजूद मैक्सी कैब स्टैंड पर भी गढ़वाल के अलग-अलग हिस्सों में जाने वाले मैक्सी कैब सवारियों का इंतजार करते दिखाए दे रहे हैं. दून-गढ़वाल ट्रैकर जीप संचालन समिति के सचिव राजेश कुमार ने बताया कि राज्य सरकार ने टैक्स में 3 महीने की राहत तो जरूर दी है, लेकिन लॉकडाउन के दौरान हुए भारी आर्थिक नुकसान से उबरने के लिए नाकाफी है. एक ओर सवारी न मिलने से मैक्सी कैब संचालकों को पहले ही भारी नुकसान हो रहा है तो वहीं, दूसरी ओर सरकार ने टैक्स और इंश्योरेंस व्यावसायिक वाहन चालकों के लिए अनिवार्य कर दिया है.

ये भी पढ़ेंः CM त्रिवेंद्र ने तहसील भवन और डिग्री कॉलेज के छात्रावास का किया शिलान्यास, गिनाए उपलब्धियां

उनका कहना है कि जब कमाई ही नहीं हो रही तो आखिर टैक्स और इंश्योरेंस का खर्चा कैसे निकालेंगे. वहीं, उन्होंने सरकार से मांग की है कि उन्हें टैक्स और इंश्योरेंस में कम से कम एक या दो साल की राहत दी जाए. जिससे कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान हुए आर्थिक नुकसान से उभरने में उन्हें कुछ राहत मिल सके. लिहाजा, सरकार उनकी मांगों को गंभीरता से लें.

देहरादूनः कोरोना संकट के बीच राज्य सरकार ने 50 फीसदी सवारियों के साथ व्यावसायिक वाहनों के संचालन की अनुमति दे दी है. लेकिन इसके बावजूद वाहन संचालकों को सवारिया नहीं मिल पा रही हैं. पहले से ही लॉकडाउन की मार झेल चुके वाहन संचालकों की हालत खराब होती जा रही है. ऐसे में अब दून-गढ़वाल ट्रैकर जीप संचालन समिति से जुड़े लोगों ने आगामी 29 जुलाई तक करीब 300 मैक्सी कैब के कागजात संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय (RTO) में सरेंडर करने का मन बनाया है.

टैक्सी संचालकों को नहीं मिल रहे सवारी.

रिस्पना पुल के पास मौजूद मैक्सी कैब स्टैंड पर भी गढ़वाल के अलग-अलग हिस्सों में जाने वाले मैक्सी कैब सवारियों का इंतजार करते दिखाए दे रहे हैं. दून-गढ़वाल ट्रैकर जीप संचालन समिति के सचिव राजेश कुमार ने बताया कि राज्य सरकार ने टैक्स में 3 महीने की राहत तो जरूर दी है, लेकिन लॉकडाउन के दौरान हुए भारी आर्थिक नुकसान से उबरने के लिए नाकाफी है. एक ओर सवारी न मिलने से मैक्सी कैब संचालकों को पहले ही भारी नुकसान हो रहा है तो वहीं, दूसरी ओर सरकार ने टैक्स और इंश्योरेंस व्यावसायिक वाहन चालकों के लिए अनिवार्य कर दिया है.

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उनका कहना है कि जब कमाई ही नहीं हो रही तो आखिर टैक्स और इंश्योरेंस का खर्चा कैसे निकालेंगे. वहीं, उन्होंने सरकार से मांग की है कि उन्हें टैक्स और इंश्योरेंस में कम से कम एक या दो साल की राहत दी जाए. जिससे कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान हुए आर्थिक नुकसान से उभरने में उन्हें कुछ राहत मिल सके. लिहाजा, सरकार उनकी मांगों को गंभीरता से लें.

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