देहरादून: उत्तराखंड के शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने कहा, कि कोरोना को लेकर शासन की ओर से जारी एसओपी का स्कूलों में भी पूरी तरह से पालन किया जाए. वहीं, सीईओ डॉ. मुकुल कुमार सती ने दून जिले के सभी सरकारी, निजी और अशासकीय स्कूलों के प्रधानाचार्यों को पत्र जारी किया है. उन्होंने कहा है कि स्कूलों में मास्क जरूरी होगा. थर्मल स्कैनिंग व सैनिटाइजर की व्यवस्था भी की जाए. सरकार की ओर से जारी एसओपी का हर हाल में पालन किया जाए.
नैनीताल हाईकोर्ट में भी मास्क जरूरी: नैनीताल हाईकोर्ट में भी मास्क जरूरी है. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी की ओर से इस संबंध में दिशा-निर्देश (Corona cases in Uttarakhand) जारी किए गए हैं. गाइडलाइन के अनुसार अब कोर्ट परिसर व कोर्ट रूम में मास्क पहनने के साथ ही सामाजिक दूरी का पालन भी किया जायेगा. साथ ही कोर्ट रूम और परिसर को नियमित रूप से सैनिटाइज किया जाएगा.
अस्पताल की व्यवस्थाएं जांचने के लिए मॉक ड्रिल: दरअसल दुनियाभर में एक बार फिर से कोरोना वायरस ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. इस बार ओमिक्रोन के सब वेरिएंट बीएफ.7 (Omicron BF.7 variant) की दहशत है. जिसे लेकर अलर्ट जारी किया गया है. इसी कड़ी में देशभर के साथ ही उत्तराखंड के विभिन्न अस्पतालों में मॉकड्रिल किया जा रहा है. मॉकड्रिल का मकसद कोरोना से निपटने के लिए व्यवस्थाओं को मुकम्मल करना है. ताकि, कोरोना के नए वेरिएंट से निपटा जा सके.
आगामी चुनौतियों को देखते हुए अभी से ही कोरोना संक्रमण से बचाव के संबंध में तमाम स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को मुकम्मल किया जा रहा है. लिहाजा, सभी अस्पतालों में मॉकड्रिल किया जा रहा है. इस कड़ी उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने भी पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिला चिकित्सालय यानी कोरोनेशन अस्पताल देहरादून (Coronation Hospital Dehradun) में चल रहे मॉकड्रिल का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने ऑक्सीजन और अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया.
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उत्तराखंड में ओमिक्रोन के सब वेरिएंट बीएफ.7 का कोई केस नहीं: उन्होंने अधिकारियों को व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के साथ ही धरातल पर नजर बनाने के निर्देश दिए, जिससे कोरोना में इजाफा न हो. स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने कहा कि राज्य में अभी ओमिक्रोन बीएफ. 7 का अब तक कोई भी मामला सामने नहीं आया है. जिसको लेकर अधिकारियों को अलर्ट रहने के लिए भी कहा गया. इससे निपटने के लिए विशेष व्यवस्था बनाई जा रही है.