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शहीद स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ नेगी के पिता ने देश की जनता से की अपील, आप भी सुनिए

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Published : Feb 5, 2019, 7:49 PM IST

बलवीर सिंह नेगी ने ईटीवी भारत के माध्यम से उन माता-पिता को भी संदेश दिया जो अपने बच्चों को सेना में नहीं जाने देते. नेगी का कहना है कि खतरा हर जगह होता है. अगर हर कोई अपने बच्चों को सेना में भर्ती होने से रोकेगा तो इस मातृभूमि की रक्षा के लिए कौन आगे आएगा.

बलवीर सिंह नेगी

देहरादूनः बेंगलुरु विमान हादसे में शहीद हुए सिद्धार्थ नेगी के परिवार से मिलने आज रक्षा मंत्री निर्मला सीतरमण देहरादून पहुंची थी. रक्षा मंत्री ने शहीद के परिजनों से मिलकर उनको ढांढस बंधाया. जहां एक ओर सिद्धार्थ के पिता बलवीर सिंह नेगी की आंखों में अपने जवान बेटे को खोने का गम साफ देखा झलक रहा था, वहीं उन्हें अपने बेटे की शहादत पर गर्व है. ईटीवी भारत ने भी शहीद सिद्धार्थ के पिता से बातचीत की और उनका दु:ख साझा किया.

शहीद के पिता बोले, बेटे की शहादत पर गर्व है.

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इस दुनिया में एक पिता के लिए सबसे बड़ा दु:ख अपने जवान बेटे को खोने का होता है. शहीद सिद्धार्थ नेगी के पिता बलवीर सिंह नेगी का कहना है कि उन्हें बेंगलुरु में हुए विमान हादसे की खबर शहीद बेटे के ससुर से मिली. उन्हें यह खबर सुनकर काफी धक्का लगा, लेकिन होनी को कौन टाल सकता है.

बलवीर सिंह नेगी का कहना है कि सिद्धार्थ बचपन से ही काफी संवेदनशील और मेहनती बच्चा था. उसने सेना में जाने का निर्णय लिया था. बेटे के सेना में भर्ती होने से उन्हें काफी खुशी थी. हालांकि, एक ना एक दिन सभी को इस दुनिया से जाना है. लेकिन उनके बेटे ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है. इसलिए उन्हें अपने बेटे की शहादत पर नाज है.

बलवीर सिंह नेगी ने ईटीवी भारत के माध्यम से उन माता-पिता को भी संदेश दिया जो अपने बच्चों को सेना में नहीं जाने देते. नेगी का कहना है कि खतरा हर जगह होता है. अगर हर कोई अपने बच्चों को सेना में भर्ती होने से रोकेगा तो इस मातृभूमि की रक्षा के लिए कौन आगे आएगा. उन्होंने कहा कि आज फौज के हालात पहले से बेहतर हुए हैं.

देहरादूनः बेंगलुरु विमान हादसे में शहीद हुए सिद्धार्थ नेगी के परिवार से मिलने आज रक्षा मंत्री निर्मला सीतरमण देहरादून पहुंची थी. रक्षा मंत्री ने शहीद के परिजनों से मिलकर उनको ढांढस बंधाया. जहां एक ओर सिद्धार्थ के पिता बलवीर सिंह नेगी की आंखों में अपने जवान बेटे को खोने का गम साफ देखा झलक रहा था, वहीं उन्हें अपने बेटे की शहादत पर गर्व है. ईटीवी भारत ने भी शहीद सिद्धार्थ के पिता से बातचीत की और उनका दु:ख साझा किया.

शहीद के पिता बोले, बेटे की शहादत पर गर्व है.

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इस दुनिया में एक पिता के लिए सबसे बड़ा दु:ख अपने जवान बेटे को खोने का होता है. शहीद सिद्धार्थ नेगी के पिता बलवीर सिंह नेगी का कहना है कि उन्हें बेंगलुरु में हुए विमान हादसे की खबर शहीद बेटे के ससुर से मिली. उन्हें यह खबर सुनकर काफी धक्का लगा, लेकिन होनी को कौन टाल सकता है.

बलवीर सिंह नेगी का कहना है कि सिद्धार्थ बचपन से ही काफी संवेदनशील और मेहनती बच्चा था. उसने सेना में जाने का निर्णय लिया था. बेटे के सेना में भर्ती होने से उन्हें काफी खुशी थी. हालांकि, एक ना एक दिन सभी को इस दुनिया से जाना है. लेकिन उनके बेटे ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है. इसलिए उन्हें अपने बेटे की शहादत पर नाज है.

बलवीर सिंह नेगी ने ईटीवी भारत के माध्यम से उन माता-पिता को भी संदेश दिया जो अपने बच्चों को सेना में नहीं जाने देते. नेगी का कहना है कि खतरा हर जगह होता है. अगर हर कोई अपने बच्चों को सेना में भर्ती होने से रोकेगा तो इस मातृभूमि की रक्षा के लिए कौन आगे आएगा. उन्होंने कहा कि आज फौज के हालात पहले से बेहतर हुए हैं.
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देहरादूनः बेंगलुरु विमान हादसे में शहीद हुए सिद्धार्थ नेगी के परिवार से मिलने आज रक्षा मंत्री निर्मला सीतरमण देहरादून पहुंची थी. रक्षा मंत्री ने शहीद के परिजनों से मिलकर उनको ढांढस बंधाया. जहां एक ओर सिद्धार्थ के पिता बलबीर सिंह नेगी की आंखों में अपने जवान बेटे को खोने का गम साफ देखा झलक रहा था, वहीं उन्हें अपने बेटे की शहादत पर गर्व है.  ईटीवी भारत ने भी शहीद सिद्धार्थ के पिता से बातचीत की और उनका दु:ख साझा किया. 

इस दुनिया में एक पिता के लिए सबसे बड़ा दु:ख अपने जवान बेटे को खोने का होता है. शहीद सिद्धार्थ नेगी के पिता बलबीर सिंह नेगी का कहना है कि उन्हें बेंगलुरु में हुए विमान हादसे की खबर शहीद बेटे के ससुर से मिली. उन्हें यह खबर सुनकर काफी धक्का लगा, लेकिन होनी को कौन टाल सकता है. 

बलबीर सिंह नेगी का कहना है कि सिद्धार्थ बचपन से ही काफी संवेदनशील और मेहनती बच्चा था. उसने सेना में जाने का निर्णय लिया था. बेटे के सेना में भर्ती होने से उन्हें काफी खुशी थी. हालांकि, एक ना एक दिन सभी को इस दुनिया से जाना है. लेकिन उनके बेटे ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है. इसलिए उन्हें अपने बेटे की शहादत पर नाज है.

बलबीर सिंह नेगी ने ईटीवी भारत के माध्यम से उन माता-पिता को भी संदेश दिया जो अपने बच्चों को सेना में नहीं जाने देते. नेगी का कहना है कि खतरा हर जगह होता है. अगर हर कोई अपने बच्चों को सेना में भर्ती होने से रोकेगा तो इस मातृभूमि की रक्षा के लिए कौन आगे आएगा. उन्होंने कहा कि आज फौज के हालात पहले से बेहतर हुए हैं. 





 


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