देहरादून: 18 फरवरी 2019 को एक सैन्य अभियान में शहीद हुए मेजर विभूति ढौंडियाल की आज तृतीय पुण्यतिथि है. इस मौके पर गढ़वाल सभा में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों व उनके मित्रों और रिश्तेदारों ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की.
शहीद मेजर विभूति ढौंडियाल के मित्र मयंक खंडूरी ने कहा कि आज उनकी शहादत को 3 वर्ष पूर्ण होने के बाद भी हम लोग यहां पर एकत्रित हुए हैं. हर वर्ष की तरह मेजर विभूति को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं. इसके पीछे का कारण यह है कि उनकी शौर्य गाथा का स्मरण किया जाए. जिसने मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया. उनके परिवार के साथ हम इस दुख में शरीक होने का संदेश भी दे रहे हैं. श्रद्धांजलि सभा के दौरान मेजर विभूति के चाचा जगदीश शंकर भी मौजूद रहे.
वहीं, राज्य के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने भी शहीद मेजर विभूति ढौंडियाल के डंगवाल रोड स्थित आवास पहुंचकर उनके परिजनों से भेंट की और शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस मौके पर सैनिक कल्याण मंत्री जोशी ने कहा कि उत्तराखंड वीरों की भूमि है. मात्रभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राण, प्रण निछावर करने की परम्परा यहां के वीरों के डीएनए में समाहित है. यह वीरता शहादत पर और भी ज्यादा निखर जाती है. मेजर विभूति की पत्नी नितिका ने पति की शहादत के बाद सेना में सेवा देकर नई मिसाल पेश की है. निकिता ने शहीद मेजर विभूति शंकर की वीरता और सर्वोच्च बलिदान में चार चांद लगा दिए हैं.
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बता दें कि, जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों से लोहा लेने के दौरान एनकाउंटर में शहीद हुए मेजर विभूति शंकर को भारत सरकार ने शौर्य चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित किया है. शहीद मेजर ने पुलवामा आतंकी हमले के गुनाहगार आतंकवादियों से लोहा लिया था और एक ऑपरेशन के दौरान पांच आतंकियों को मारने के बाद देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी. इस दौरान 200 किलो विस्फोटक सामग्री भी बरामद की गई थी. वहीं 29 मई 2021 को उनकी पत्नी नीतिका ढौंडियाल ने भी सेना ज्वॉइन कर ली.