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उत्तराखंड में तबाही मचा रहा मॉनसून, कई पुल और सड़कें ध्वस्त, अब तक 461 करोड़ का नुकसान

Disaster in Uttarakhand भले ही सूबे में मॉनसून सीजन खत्म होने में अभी समय हो, लेकिन अभी तक मॉनसून काफी तबाही मचा चुका है. जिसके चलते करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है. सड़कों और पुलों के क्षतिग्रस्त होने से करीब 461 करोड़ रुपए का नुकसान है, लेकिन विभागीय मंत्री महाराज के नुकसान का आंकड़ा नहीं है. जानिए इसके अलावा क्या है प्रदेश में नुकसान की स्थिति?

Disaster in Uttarakhand
उत्तराखंड में आपदा से नुकसान
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Published : Aug 20, 2023, 5:09 PM IST

Updated : Aug 20, 2023, 6:02 PM IST

आपदा से नुकसान पर मंत्रियों के बयान

देहरादूनः उत्तराखंड में हर बार मॉनसून तबाही मचा कर जाता है. इस बार भी मॉनसून परिवहन इंफ्रास्ट्रक्चर, एग्रीकल्चर सेक्टर के साथ ही टूरिज्म सेक्टर में काफी नुकसान पहुंचा चुका है, लेकिन राज्य में नुकसान का अभी तक सटीक आकलन नहीं हो पाया है. वहीं, पीडब्ल्यूडी और पर्यटन जैसे बड़े विभाग को संभाल रहे सतपाल महाराज अब आकलन कराने की बात कह रहे हैं. जबकि, पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में नुकसान का आकलन पहले ही किया जा चुका है.

Disaster in Uttarakhand
बारिश से सड़कों को नुकसान

उत्तराखंड में भारी बारिश और भूस्खलन के चलते लोगों के हताहत होने के साथ ही भारी नुकसान हुआ है. प्रदेश की सड़कों, पुलों, भूमि और फसलों को काफी नुकसान पहुंची है. जो कि प्रदेश के लिहाज से काफी बड़ा नुकसान है. हालांकि, अभी मॉनसून का सीजन बाकी है, लेकिन नुकसान अभी तक काफी हो चुका है.

दरअसल, उत्तराखंड सीमित आर्थिक संसाधनों में सिमटा हुआ राज्य है. ऐसे में विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते आपदा के दौरान राज्य काफी नुकसान झेलता है. आपदा विभाग के मुताबिक, उत्तराखंड में मॉनसून सीजन के दौरान करीब साढ़े 8 सौ करोड़ रुपए के नुकसान का आकलन किया गया है. जो कि रोजाना बढ़ता जा रहा है.
ये भी पढ़ेंः आराकोट बंगाण क्षेत्र में सेब की पैदावार पर मौसम की मार, 50 फीसदी फसल को नुकसान

आपदा में 77 लोग गंवा चुके जानः आपदा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रदेशभर में आपदा की वजह से अब तक 77 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि, 46 लोग घायल और 19 लोग अभी भी लापता हैं. इसके साथ ही इस आपदा के चलते जानवरों का भी बड़ा नुकसान हुआ है.

Disaster in Uttarakhand
आपदा से भारी नुकसान

जिसके तहत 93 बड़े जानवर, 474 छोटे जानवर और 7,170 पोल्ट्री का नुकसान हुआ है. इतना ही नहीं 1,278 मकान आंशिक, 139 मकान का करीब आधा हिस्सा और 54 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. ये नुकसान सीधे तौर पर आम जनता से जुड़े हुए हैं. सरकार की मानें तो प्रभावितों को सहायता राशि मुहैया कराई जा रही है.

सड़कों और पुलों के क्षतिग्रस्त होने से 461 करोड़ का नुकसानः इस मॉनसून सीजन में भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से सड़कों और पुलों को भी काफी नुकसान पहुंचा है. लोक निर्माण विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेशभर में इस आपदा सीजन में 2,970 सड़कें बंद हुई. जिसमें पीडब्ल्यूडी की 2,220 सड़कें, नेशनल हाईवे की 19 सड़कें और पीएमजीएसवाई की 731 सड़कें शामिल है.

Disaster in Uttarakhand
बारिश से गाड़ियां क्षतिग्रस्त

इन सभी सड़कों को पूर्व अवस्था में लाने के लिए करीब 368 करोड़ रुपए की आवश्यकता है. हालांकि, अभी तक 2,683 सड़कों को खोला जा चुका है. जबकि, 287 सड़कें अभी भी बाधित है. इसके अलावा अभी तक 83 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं.

इन पुलों को पहले की तरह व्यवस्थित करने के लिए 92 करोड़ 47 लाख रुपए की लागत आने की संभावना है. यानी प्रदेश की सड़कों, पुलों और क्षतिग्रस्त पीडब्ल्यूडी की भवनों को पहले की तरह दुरुस्त करने में करीब 461 करोड़ 93 लाख रुपए के खर्च का अनुमान है.
ये भी पढ़ेंः नाइसेला गांव में आपदा की 'आफत',10 से ज्यादा घरों में आईं दरारें, ग्रामीणों को सता रहा अनहोनी का डर

प्रदेश के 8602.97 हेक्टेयर भूमि पर फसल बर्बादः उत्तराखंड में भारी बारिश की वजह से 9 जिलों में फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. सबसे ज्यादा हरिद्वार जिले में जलभराव की समस्या से कृषि क्षेत्र काफी प्रभावित हुआ है. इसके साथ ही देहरादून, नैनीताल, पिथौरागढ़, पौड़ी, उधम सिंह नगर, टिहरी, उत्तरकाशी और चमोली जिले में भी फसलों को नुकसान पहुंचा है.

Disaster in Uttarakhand
उत्तराखंड में बारिश से फसलों को नुकसान

कृषि विभाग की मानें तो अभी तक प्रदेश भर में 8,602.97 हेक्टेयर कृषि भूमि के फसल को नुकसान पहुंचा. यह आंकड़े कृषि विभाग के हैं, लेकिन वास्तविक में काफी नुकसान पहुंचा है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, करीब 3 करोड़ 30 लाख रुपए के फसल का नुकसान पहुंचा है.

भारी बारिश से हुए नुकसान के आंकलन पर घिरे महाराजः उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के पास प्रदेश की दो सबसे महत्वपूर्ण विभाग है, जिसमें मुख्य रूप से पीडब्ल्यूडी और पर्यटन विभाग शामिल हैं. बावजूद इसके कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के पास इस बात की जानकारी नहीं है कि इस मॉनसून सीजन में भारी बारिश की वजह से पीडब्ल्यूडी और पर्यटन को कितने करोड़ का नुकसान हुआ है.

Disaster in Uttarakhand
बारिश से फसलों को नुकसान

जबकि, आपदा विभाग के पास सड़कों के नुकसान का आकलन मौजूद है. मंत्री महाराज का कहना है कि इसका आकलन कर रहे हैं कि कितने करोड़ का नुकसान हुआ है, लेकिन बरसात कम होने के बाद सड़कों के मरम्मत का काम शुरू हो जाएगा. अभी मॉनसून सीजन बाकी है.

Disaster in Uttarakhand
सेब की फसल तबाह

हरिद्वार में जलभराव और फैक्ट्रियों के केमिकल से फसलों को नुकसानः वहीं, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि आपदा से पूरे प्रदेश को नुकसान हुआ है. कृषि के क्षेत्र में सबसे ज्यादा नुकसान हरिद्वार जिले में हुआ है. उनका कहना है कि हरिद्वार जिले में जो फसलों को नुकसान हुआ है, उसके दो मुख्य वजह से हुआ है.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में दैवीय आपदा से अब तक 96 लोगों की मौत, अभी भी 4 NH सहित 217 सड़कें बंद

पहला भारी बारिश और जलभराव की वजह से हुआ है. दूसरा फैक्ट्रियों से निकलने वाले केमिकल से गन्ने की फसल पूरी तरह से खत्म हो गई है. हालांकि, अभी तक साढ़े बारह हजार किसानों को मुआवजा दिया गया है. भारत सरकार की टीम भी हरिद्वार आई थी. जिसने रेवेन्यू टीम के साथ मिलकर सर्वे किया था, जिसकी रिपोर्ट आना बाकी है.

भारी बारिश के चलते करीब 826 करोड़ रुपए के नुकसान का आंकलनः वहीं, आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया कि इस मॉनसून सीजन में जो भी नुकसान हो रहे हैं, उसका रियल टाइम असेसमेंट किया जा रहा है. हालांकि, अभी तक 77 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि कई लोग अभी भी लापता हैं. साथ ही सरकारी संपत्तियों को जो क्षति हुई है, उसके अनुसार अभी तक 826 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है, जो लगातार बढ़ता जा रहा है. हालांकि, शुक्रवार से मौसम ठीक हुआ है, लेकिन येलो अलर्ट जारी है.

Disaster in Uttarakhand
बारिश से सड़कों को नुकसान

जिलेवार फसलों के नुकसान की स्थितिः हरिद्वार जिले में 8,507 हेक्टेयर कृषि भूमि की फसल बर्बाद हुई. इन फसलों में साठी धान और चारा शामिल है. जबकि, देहरादून जिले में 28.16 हेक्टेयर कृषि भूमि की फसल बर्बाद हुई. जिसमें धान और मंडुवा शामिल है. वहीं, नैनीताल जिले में 6.897 हेक्टेयर कृषि भूमि की फसल बर्बाद हुई है. जिसमें धान की फसल को नुकसान हुआ है. उधर, पिथौरागढ़ जिले में 0.32 हेक्टेयर कृषि भूमि की फसल बर्बाद हुई है. इन फसलों में धान, मक्का और मंडुवा शामिल है.

पौड़ी जिले में 4.92 हेक्टेयर कृषि भूमि की फसल बर्बाद हुई है. इन फसलों में धान, सावा और मंडुवा शामिल है. उधम सिंह नगर जिले में 7.16 हेक्टेयर कृषि भूमि पर फसल तबाह हुई. जिसमें धान की फसल को नुकसान हुआ है. वहीं, टिहरी जिले में 2.25 हेक्टेयर कृषि भूमि की फसल बर्बाद हुई. इन फसलों में धान, राजमा और रामदाना शामिल है. उत्तरकाशी जिले में 45.96 हेक्टेयर कृषि भूमि की फसल बर्बाद हुई है. जिसमें मंडुवा, राजमा और रामदाना शामिल है. जबकि, चमोली जिले में 0.30 हेक्टेयर कृषि भूमि की फसल बर्बाद हुई है.

आपदा से नुकसान पर मंत्रियों के बयान

देहरादूनः उत्तराखंड में हर बार मॉनसून तबाही मचा कर जाता है. इस बार भी मॉनसून परिवहन इंफ्रास्ट्रक्चर, एग्रीकल्चर सेक्टर के साथ ही टूरिज्म सेक्टर में काफी नुकसान पहुंचा चुका है, लेकिन राज्य में नुकसान का अभी तक सटीक आकलन नहीं हो पाया है. वहीं, पीडब्ल्यूडी और पर्यटन जैसे बड़े विभाग को संभाल रहे सतपाल महाराज अब आकलन कराने की बात कह रहे हैं. जबकि, पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में नुकसान का आकलन पहले ही किया जा चुका है.

Disaster in Uttarakhand
बारिश से सड़कों को नुकसान

उत्तराखंड में भारी बारिश और भूस्खलन के चलते लोगों के हताहत होने के साथ ही भारी नुकसान हुआ है. प्रदेश की सड़कों, पुलों, भूमि और फसलों को काफी नुकसान पहुंची है. जो कि प्रदेश के लिहाज से काफी बड़ा नुकसान है. हालांकि, अभी मॉनसून का सीजन बाकी है, लेकिन नुकसान अभी तक काफी हो चुका है.

दरअसल, उत्तराखंड सीमित आर्थिक संसाधनों में सिमटा हुआ राज्य है. ऐसे में विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते आपदा के दौरान राज्य काफी नुकसान झेलता है. आपदा विभाग के मुताबिक, उत्तराखंड में मॉनसून सीजन के दौरान करीब साढ़े 8 सौ करोड़ रुपए के नुकसान का आकलन किया गया है. जो कि रोजाना बढ़ता जा रहा है.
ये भी पढ़ेंः आराकोट बंगाण क्षेत्र में सेब की पैदावार पर मौसम की मार, 50 फीसदी फसल को नुकसान

आपदा में 77 लोग गंवा चुके जानः आपदा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रदेशभर में आपदा की वजह से अब तक 77 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि, 46 लोग घायल और 19 लोग अभी भी लापता हैं. इसके साथ ही इस आपदा के चलते जानवरों का भी बड़ा नुकसान हुआ है.

Disaster in Uttarakhand
आपदा से भारी नुकसान

जिसके तहत 93 बड़े जानवर, 474 छोटे जानवर और 7,170 पोल्ट्री का नुकसान हुआ है. इतना ही नहीं 1,278 मकान आंशिक, 139 मकान का करीब आधा हिस्सा और 54 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. ये नुकसान सीधे तौर पर आम जनता से जुड़े हुए हैं. सरकार की मानें तो प्रभावितों को सहायता राशि मुहैया कराई जा रही है.

सड़कों और पुलों के क्षतिग्रस्त होने से 461 करोड़ का नुकसानः इस मॉनसून सीजन में भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से सड़कों और पुलों को भी काफी नुकसान पहुंचा है. लोक निर्माण विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेशभर में इस आपदा सीजन में 2,970 सड़कें बंद हुई. जिसमें पीडब्ल्यूडी की 2,220 सड़कें, नेशनल हाईवे की 19 सड़कें और पीएमजीएसवाई की 731 सड़कें शामिल है.

Disaster in Uttarakhand
बारिश से गाड़ियां क्षतिग्रस्त

इन सभी सड़कों को पूर्व अवस्था में लाने के लिए करीब 368 करोड़ रुपए की आवश्यकता है. हालांकि, अभी तक 2,683 सड़कों को खोला जा चुका है. जबकि, 287 सड़कें अभी भी बाधित है. इसके अलावा अभी तक 83 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं.

इन पुलों को पहले की तरह व्यवस्थित करने के लिए 92 करोड़ 47 लाख रुपए की लागत आने की संभावना है. यानी प्रदेश की सड़कों, पुलों और क्षतिग्रस्त पीडब्ल्यूडी की भवनों को पहले की तरह दुरुस्त करने में करीब 461 करोड़ 93 लाख रुपए के खर्च का अनुमान है.
ये भी पढ़ेंः नाइसेला गांव में आपदा की 'आफत',10 से ज्यादा घरों में आईं दरारें, ग्रामीणों को सता रहा अनहोनी का डर

प्रदेश के 8602.97 हेक्टेयर भूमि पर फसल बर्बादः उत्तराखंड में भारी बारिश की वजह से 9 जिलों में फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. सबसे ज्यादा हरिद्वार जिले में जलभराव की समस्या से कृषि क्षेत्र काफी प्रभावित हुआ है. इसके साथ ही देहरादून, नैनीताल, पिथौरागढ़, पौड़ी, उधम सिंह नगर, टिहरी, उत्तरकाशी और चमोली जिले में भी फसलों को नुकसान पहुंचा है.

Disaster in Uttarakhand
उत्तराखंड में बारिश से फसलों को नुकसान

कृषि विभाग की मानें तो अभी तक प्रदेश भर में 8,602.97 हेक्टेयर कृषि भूमि के फसल को नुकसान पहुंचा. यह आंकड़े कृषि विभाग के हैं, लेकिन वास्तविक में काफी नुकसान पहुंचा है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, करीब 3 करोड़ 30 लाख रुपए के फसल का नुकसान पहुंचा है.

भारी बारिश से हुए नुकसान के आंकलन पर घिरे महाराजः उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के पास प्रदेश की दो सबसे महत्वपूर्ण विभाग है, जिसमें मुख्य रूप से पीडब्ल्यूडी और पर्यटन विभाग शामिल हैं. बावजूद इसके कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के पास इस बात की जानकारी नहीं है कि इस मॉनसून सीजन में भारी बारिश की वजह से पीडब्ल्यूडी और पर्यटन को कितने करोड़ का नुकसान हुआ है.

Disaster in Uttarakhand
बारिश से फसलों को नुकसान

जबकि, आपदा विभाग के पास सड़कों के नुकसान का आकलन मौजूद है. मंत्री महाराज का कहना है कि इसका आकलन कर रहे हैं कि कितने करोड़ का नुकसान हुआ है, लेकिन बरसात कम होने के बाद सड़कों के मरम्मत का काम शुरू हो जाएगा. अभी मॉनसून सीजन बाकी है.

Disaster in Uttarakhand
सेब की फसल तबाह

हरिद्वार में जलभराव और फैक्ट्रियों के केमिकल से फसलों को नुकसानः वहीं, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि आपदा से पूरे प्रदेश को नुकसान हुआ है. कृषि के क्षेत्र में सबसे ज्यादा नुकसान हरिद्वार जिले में हुआ है. उनका कहना है कि हरिद्वार जिले में जो फसलों को नुकसान हुआ है, उसके दो मुख्य वजह से हुआ है.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में दैवीय आपदा से अब तक 96 लोगों की मौत, अभी भी 4 NH सहित 217 सड़कें बंद

पहला भारी बारिश और जलभराव की वजह से हुआ है. दूसरा फैक्ट्रियों से निकलने वाले केमिकल से गन्ने की फसल पूरी तरह से खत्म हो गई है. हालांकि, अभी तक साढ़े बारह हजार किसानों को मुआवजा दिया गया है. भारत सरकार की टीम भी हरिद्वार आई थी. जिसने रेवेन्यू टीम के साथ मिलकर सर्वे किया था, जिसकी रिपोर्ट आना बाकी है.

भारी बारिश के चलते करीब 826 करोड़ रुपए के नुकसान का आंकलनः वहीं, आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया कि इस मॉनसून सीजन में जो भी नुकसान हो रहे हैं, उसका रियल टाइम असेसमेंट किया जा रहा है. हालांकि, अभी तक 77 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि कई लोग अभी भी लापता हैं. साथ ही सरकारी संपत्तियों को जो क्षति हुई है, उसके अनुसार अभी तक 826 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है, जो लगातार बढ़ता जा रहा है. हालांकि, शुक्रवार से मौसम ठीक हुआ है, लेकिन येलो अलर्ट जारी है.

Disaster in Uttarakhand
बारिश से सड़कों को नुकसान

जिलेवार फसलों के नुकसान की स्थितिः हरिद्वार जिले में 8,507 हेक्टेयर कृषि भूमि की फसल बर्बाद हुई. इन फसलों में साठी धान और चारा शामिल है. जबकि, देहरादून जिले में 28.16 हेक्टेयर कृषि भूमि की फसल बर्बाद हुई. जिसमें धान और मंडुवा शामिल है. वहीं, नैनीताल जिले में 6.897 हेक्टेयर कृषि भूमि की फसल बर्बाद हुई है. जिसमें धान की फसल को नुकसान हुआ है. उधर, पिथौरागढ़ जिले में 0.32 हेक्टेयर कृषि भूमि की फसल बर्बाद हुई है. इन फसलों में धान, मक्का और मंडुवा शामिल है.

पौड़ी जिले में 4.92 हेक्टेयर कृषि भूमि की फसल बर्बाद हुई है. इन फसलों में धान, सावा और मंडुवा शामिल है. उधम सिंह नगर जिले में 7.16 हेक्टेयर कृषि भूमि पर फसल तबाह हुई. जिसमें धान की फसल को नुकसान हुआ है. वहीं, टिहरी जिले में 2.25 हेक्टेयर कृषि भूमि की फसल बर्बाद हुई. इन फसलों में धान, राजमा और रामदाना शामिल है. उत्तरकाशी जिले में 45.96 हेक्टेयर कृषि भूमि की फसल बर्बाद हुई है. जिसमें मंडुवा, राजमा और रामदाना शामिल है. जबकि, चमोली जिले में 0.30 हेक्टेयर कृषि भूमि की फसल बर्बाद हुई है.

Last Updated : Aug 20, 2023, 6:02 PM IST
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