देहरादूनः बीते आठ सालों से देहरादून कई गंभीर बीमारियों की चपेट में लगातार आ रहा है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े इसकी तस्दीक देते हैं. बीते साल डेंगू और स्वाइन फ्लू से पीड़ित मरीजों की संख्या ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे. जिसमें कई लोगों की मौत हुई है. जबकि, अब कोरोना वायरस भी सामने आया है. वहीं, आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो स्वास्थ्य विभाग से संचालित आईडीएसपी की बीते 3 सालों की रिपोर्ट चौंकाने वाली है. आइए रिपोर्ट के जरिए आपको बताते हैं....
स्वाइन फ्लू (Swine Flu)
स्वाइन फ्लू की बात की जाए तो बीते साल यानी 2019 में स्वाइन फ्लू से पीड़ित कुल 589 संदिग्ध मरीज सामने आए थे. जिसमें से 352 मरीजों की रिपोर्ट जांच के लिए भेजी गई थी. जिसमें से 237 मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई थी. जबकि, इस बीमारी से 4 लोगों की मौत हो गई थी.
डेंगू (Dengue)
स्वाइन फ्लू की तरह डेंगू ने भी बीते साल देहरादून में जमकर कहर बरपाया. जो महामारी के रूप में सामने आया. आंकड़ों पर गौर करें तो साल 2017 में करीब 366 मरीज डेंगू की बीमारी से एलाइजा पॉजिटिव पाए गए, जबकि साल 2018 में 314 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई थी.
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वहीं, साल 2019 की बात करें तो 22,338 मरीजों के सैंपल जांच के लिए लैब भेजे गए थे, जिसमें से 4,991 मरीजों में एलाइजा पॉजिटिव पाया गया था. जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी. हालांकि, डेंगू जैसी बीमारी को केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भी देहरादून में बीते दस सालों में हुए अंधाधुंध निर्माण को जिम्मेदार ठहराया था.
कोरोना वायरस (COVID 19)
स्वाइन फ्लू और डेंगू के बाद अब कोरोना वायरस (Novel Corona virus) सामने आया है. कोरोना वायरस से दुनिया भर में कई लोग मौत के गाल में समा गए हैं. जबकि, कई लोग इससे पीड़ित हैं. भारत में भी इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 50 पहुंच चुकी है. हालांकि, अभी तक किसी की मौत नहीं हुई है. उत्तराखंड की बात करें तो कोरोना से संदिग्ध मरीज तो सामने आए हैं, लेकिन पुष्टि नहीं हुई है.
कोरोना वायरस की दस्तक को देखते हुए उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक पोर्टल चलाया जा रहा है. जिसमें पैसेंजर्स की हिस्ट्री फीड की जा रही है. वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने स्कूलों को भी विशेष एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं. विभाग की गाइडलाइन के मुताबिक कोई बच्चा बीमार होता है तो उसे घर पर ही रखें. साथ ही सभी स्कूलों को सेनेटाइज अपनाने की सलाह भी दी है.
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स्वास्थ्य विभाग की मानें तो कोरोना वायरस से बचने के लिए सावधानी ही एकमात्र विकल्प है.
क्या बरतें सावधानी-
- नॉनवेज और नशे से परहेज करें.
- किसी से भी हाथ मिलाने, गले लगने या अन्य तरह के संपर्क से बचें.
- बिना चिकित्सकीय परामर्श के दवा न लें.
- अनावश्यक यात्रा से परहेज करें.
- चीन की तरफ से आने वाले पैक्ड किसी भी तरह के फूड को खाने से बचें.
- अत्यधिक तरल पदार्थों का सेवन न करें.
- खांसते, छींकते समय नाक मुंह रूमाल से ढक लें.
- खाने से पहले हाथ अच्छी तरह साबुन से धो लें.
क्या हैं लक्षण
कोरोना वायरस के मरीजों में आमतौर पर जुखाम, खांसी, गले में दर्द, सांस लेने में दिक्कत, बुखार जैसे शुरुआती लक्षण देखे जाते हैं. इसके बाद ये लक्षण न्यूमोनिया में बदल जाते हैं और किडनी को नुकसान पहुंचाते हैं. इसमें फेफड़े में गंभीर किस्म का संक्रमण होता है. मरीज को वेंटिलेटर पर रखना पड़ता है.
नहीं है वैक्सीन
अभी तक इस वायरस से निजात पाने के लिए कोई वैक्सीन नहीं बनी है, लेकिन इसके लक्षणों के आधार पर चिकित्सक इसके इलाज में दूसरी जरूरी दवाओं का उपयोग कर रहे हैं. साथ ही साथ इसकी वैक्सीन तैयार करने पर भी काम चल रहा है.
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वहीं, देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मीनाक्षी जोशी का कहना है कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए विभाग के दिशा-निर्देश के अनुसार 3 से 4 महीने की दवाइयां स्टॉक में रखी गई है. किसी भी दवा की कमी नहीं आने दी जाएगी. साथ ही कहा कि मास्क आदि भी पर्याप्त मात्रा में स्वास्थ्य विभाग के पास उपलब्ध है. वर्तमान स्थिति को देखते हुए जनता को मास्क पहनने की फिलहाल आवश्यकता नहीं है.
फिलहाल, स्वास्थ विभाग का कहना है कि कोरोना वायरस से ग्रसित किसी भी मरीज का उत्तराखंड में कोई केस रजिस्टर्ड नहीं किया गया है. वर्तमान में देहरादून से कोरोना वायरस के आठ संदिग्ध मरीजों के सैंपल लैब भेजे जा चुके हैं, जिनमें से 7 मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है.