ऋषिकेश: तपोवन क्षेत्र में सैकड़ों ऐसे निर्माण हैं जो प्राधिकरण के नियमों को ताक पर रखकर किए गए हैं और अभी भी लगातार जारी हैं. तपोवन में संकरी गलियों में भी चार से पांच मंजिला होटलों का निर्माण किया गया है. जो हादसों को दावत दे रहे हैं. वहां पर किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति में बचाव और राहत कार्य नहीं किया जा सकता. साथ ही कई ऐसे होटल हैं, जिनके पास फायर एनओसी तक नहीं है.
इतना ही नहीं तपोवन क्षेत्र में हुए लगभग सभी कमर्शियल निर्माण बिना नक्शे के ही बनाए गए हैं. किसी का भी नक्शा प्राधिकरण के द्वारा पास नहीं किया गया है. आपको बता दें कि तपोवन का क्षेत्र ग्रीन वैली क्षेत्र है. यहां पर किसी भी प्रकार का कमर्शियल निर्माण नहीं किया जा सकता. इसके बावजूद भी हजारों होटल बनकर तैयार हो चुके हैं. पूर्व में यह क्षेत्र हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के अंतर्गत आता था. उस दौरान उन्होंने कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति ही की थी. आज यही कारण है कि वहां पर एक दो नहीं बल्कि हजारों अवैध निर्माण हो चुके हैं.
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टिहरी विकास प्राधिकरण के प्रभारी सचिव सुंदरलाल सेमवाल ने बताया कि उनके द्वारा तपोवन और नीर गड्डू क्षेत्र का सर्वे किया गया, जिस सर्वे में उन्होंने 12 अवैध निर्माणों के खिलाफ नोटिस जारी किया है और उनको सुनवाई के लिए वक्त दिया है. साथ ही नीर गड्डू में हो रहे अवैध निर्माण का उन्होंने मुआयना किया. उन्होंने वहां पर सील हुए निर्माण पर कार्य कर रहे मजदूरों को भी खदेड़ा, हालांकि प्राधिकरण और निर्माण कर रहे भवन के स्वामी के बीच आंख मिचौली का खेल जारी है. कई बार वहां से मजदूरों हटाया जा चुका है, लेकिन उसके बावजूद भी कार्य रुका नहीं है. अब देखते हैं कि हाल ही में अस्तित्व में आए टिहरी विकास प्राधिकरण ऐसे लोगों पर क्या कार्रवाई करता है ?