देहरादूनः विश्व प्रसिद्ध द दून स्कूल (The Doon School) में पढ़ रहे एक केंद्रीय मंत्री के बेटे और एक पूर्व मुख्यमंत्री के पोते पर स्कूल प्रशासन ने कार्रवाई की है. दिनभर उनके नकल में पकड़े जाने (Action on being caught copying) की चर्चा का खंडन करते हुए स्कूल प्रशासन ने स्वीकार किया कि हॉस्टल से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने पर दोनों बच्चों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है. दूसरी तरफ ये खबर दिनभर इंटरनेट और सोशल मीडिया में चर्चाओं का विषय बनी रही.
विश्व प्रसिद्ध द दून स्कूल से जुड़ी एक खबर शुक्रवार को दिनभर सोशल मीडिया पर तैरती रही. खबर थी कि एक केंद्रीय मंत्री के बेटे और एक पूर्व मुख्यमंत्री के पोते को दून स्कूल में बोर्ड परीक्षा के दौरान अनुचित साधनों का प्रयोग करते पकड़ा. चर्चा इस बात की भी थी कि दोनों छात्रों पर स्कूल प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए हॉस्टल से निष्कासित कर दिया है, लेकिन दबाव में कार्रवाई वापस ले ली गई.
हालांकि, शाम को स्कूल प्रशासन की ओर से सभी चर्चाओं पर विराम लगा दिया गया. स्कूल की पीआरओ कीर्तिका जुगरान की ओर से एक बयान जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि कुछ सोशल मीडिया में प्रकाशित खबर तथ्यात्मक रूप से गलत है. 2 छात्रों पर हॉस्टल के नियम तोड़ने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है. यह स्कूल के नियम-नीति से जुड़ी एक सामान्य प्रक्रिया है. वहीं, स्कूल प्रशासन ने छात्रों को हॉस्टल से निष्कासित करने की सूचना का भी खंडन किया है. उन्होंने कहा कि भविष्य में इस प्रकार की तथ्यविहीन खबरों को प्रकाशित ना करें.
ये भी पढ़ेंः देहरादून पहुंचे बॉलीवुड के Bad Man, टॉक शो में साझा किये जीवन के अनुभव
गौरतलब है कि आप नेता संजय सिंह (AAP leader Sanjay Singh) ने ट्वीट किया कि दून स्कूल में एक केंद्रीय मंत्री के बेटे और एक पूर्व मुख्यमंत्री के पोते को बोर्ड परीक्षा के दौरान अनुचित सामान का प्रयोग करते हुए पाया गया. इसके बाद उनके निष्कासन की कार्रवाई को दबाव के चलते वापस ले लिया गया. आप नेता के इस ट्वीट को पत्रकार विनोद कापड़ी ने भी रीट्वीट किया. जिसके बाद स्कूल प्रबंधन में हड़कंप मच गया. बता दें कि दून स्कूल प्रदेश का ही नहीं बल्कि देश का प्रतिष्ठित स्कूल है. स्कूल में देश के कई वीवीआईपी और वीआईपी के बच्चे पढ़ते हैं.