देहरादून: यूं तो बीमारी के रूप में दुनिया ने कोरोना वायरस जैसा खौफ कभी नही महसूस किया. लेकिन समय-समय पर कई जानलेवा बीमारियां लोगों के लिए खौफ की वजह बनती रही. इन्ही में से एक मलेरिया की दहशत को लोग देख चुके हैं. लेकिन समय बीतने के साथ अब वही जानलेवा मलेरिया बेहद कमजोर हो गया है.
उत्तराखंड में तो पिछले 5 सालों में मलेरिया के मामलों में 80 फ़ीसदी तक की कमी आई है. राज्य में मलेरिया के सबसे ज्यादा मामले हरिद्वार और उधम सिंह नगर जिले में रिकॉर्ड किए गए हैं.
आंकड़ों से जानिए, साल दर साल मलेरिया कैसे उत्तराखंड में कमजोर होता चला गया-
साल | मलेरिया के कुल रिकॉर्ड मामले |
2015 | 1466 |
2016 | 961 |
2017 | 504 |
2018 | 409 |
2019 | 296 |
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साल 2020 में मलेरिया के कुल रिकॉर्ड मामलों में और भी ज्यादा गिरावट आने की उम्मीद जताई जा रही है. दरअसल, मलेरिया को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने जिस मुस्तैदी से काम किया है, उसके बाद मलेरिया पर काबू पाने में कामयाबी हासिल हो सकी है. इस बार भी फॉगिंग कराए जाने समेत तमाम मलेरिया से जुड़ी तैयारियां की जा रही है. ताकि इस आंकड़े को शून्य तक लाया जा सके.