ETV Bharat / state

PM मोदी का केदारनाथ दौरा रचेगा धार्मिक इतिहास, चुनाव से कोई मतलब नहीं- कौशिक

author img

By

Published : Nov 3, 2021, 3:45 PM IST

Updated : Nov 3, 2021, 4:53 PM IST

पीएम नरेंद्र मोदी के केदारनाथ दौरे को भाजपा ने शुद्ध धार्मिक यात्रा करार दिया है. भाजपा ने कहा कि संस्कृति धर्म में आस्था और संस्कारों का यह अनूठा संगम 5 नवंबर को न केवल देश देखेगा, बल्कि पूरा विश्व इस बात का गवाह बनेगा कि भारत और भारत के प्रधानमंत्री ऐसा भी कर सकते हैं.

dehradun
देहरादून

देहरादूनः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ दौरे को लेकर प्रदेश बीजेपी और सरकार दोनों ही बेहद उत्साहित हैं. यही कारण है कि मुख्यमंत्री से लेकर तमाम कैबिनेट मंत्री और खुद प्रदेश अध्यक्ष लगातार केदारनाथ में चल रहे कार्यों का बार-बार जायजा ले रहे हैं.

पीएम मोदी के केदारनाथ दौरे को भाजपा भले ही धार्मिक यात्रा बता रही है लेकिन, बीजेपी की विचारधारा के तहत हो रहे इस कार्यक्रम में वह सब कुछ होगा, जिससे बीजेपी हिंदू वोटरों को यह बताने और जताने की कोशिश करेगी कि वह भगवान में अपार आस्था रखती है. बीजेपी यह भी बताने की कोशिश करेगी कि हिंदुओं के मंदिरों में एक साथ इतने बड़े पैमाने पर पूजा-आरती अनुष्ठान शायद ही पहले कभी हुआ हो. जानकार मानते हैं कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि बीजेपी इस कार्यक्रम से देश में जो संदेश देना चाहती है, वह आसानी से पहुंच जाएगा.

पीएम मोदी का केदारनाथ दौरा

17 जगहों पर LIVE प्रसारणः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह 9:25 पर केदारनाथ धाम में पूजा अनुष्ठान के लिए पहुंचेंगे. ऐसा पहली बार होगा कि जब केदारनाथ में प्रधानमंत्री मोदी दर्शन कर रहे होंगे और देशभर के हजारों मंदिरों में ठीक उसी वक्त बीजेपी के कार्यकर्ता और आम जनमानस पूजा-अर्चना करेंगे. बीजेपी ने लगभग 17 जगहों पर लाइव प्रसारण की व्यवस्था की है ताकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ धाम से ही इन 17 जगहों पर भक्तों से और अपने कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद कर सकें. यह 17 जगह न केवल ज्योतिर्लिंग बल्कि शंकराचार्य से जुड़े स्थान होंगे.

ये भी पढ़ेंः PM मोदी के केदारनाथ दौरे का देखें मिनट टू मिनट कार्यक्रम, सभी तैयारियां पूरी

हिमालय के तमाम मंदिरों में समय बितायाः भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का कहना है कि संस्कृति, धर्म, आस्था और संस्कारों का यह अनूठा संगम 5 नवंबर को न केवल देश देखेगा बल्कि पूरा विश्व इस बात का गवाह बनेगा कि भारत और भारत के प्रधानमंत्री ऐसा भी कर सकते हैं. ऐसा नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आस्था केदारनाथ में प्रधानमंत्री बनने के बाद ही जागी है.

पीएम मोदी बाबा के द्वार से जुड़े हैंः भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की मानें तो जब नरेंद्र भाई मोदी प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री नहीं थे. तब वह संगठन के लिए काम करते थे. तभी से वह बाबा केदार के दर्शनों के लिए आते रहे हैं. हिमालय के तमाम मंदिरों में उन्होंने न केवल समय बिताया है, बल्कि वह जानते हैं कि देवभूमि की महिमा और यहां के मंदिरों में विराजे देवी-देवता बेहद सिद्ध और अलौकिक शक्तियां लिए बैठे हैं. इसलिए पीएम मोदी हमेशा से बाबा के द्वार से जुड़े रहे हैं.

बाबा चाहते थे CM नहीं PM बनकर आएंः मदन कौशिक कहते हैं कि यह हर कोई जानता है कि जब 2013 में उत्तराखंड में आपदा आई थी तब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे. उत्तराखंड आकर उन्होंने केदारनाथ जाने की इच्छा जताई थी, लेकिन उस समय की तत्कालीन सरकार ने उन्हें केदारनाथ जाने की अनुमति नहीं दी थी. शायद बाबा केदार भी यह चाहते थे कि वह मुख्यमंत्री के रूप में नहीं बल्कि देश के प्रधानमंत्री के रूप में बाबा केदार के दर्शन के लिए आएं. हालांकि, जैसे ही वह प्रधानमंत्री बने वैसे ही उन्होंने केदारनाथ धाम में पूजा-अर्चना और अनुष्ठान करने का मन बनाया था. मदन कौशिक का कहना है कि उस वक्त भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इच्छा जाहिर की थी कि पूरा का पूरा केदारनाथ पुनर्निर्माण का काम गुजरात सरकार अपने पैसों से करवाएगी. लेकिन उस समय की सरकार ने इस बात के लिए भी अनुमति नहीं दी.

ये भी पढ़ेंः केदारनाथ धाम पहुंचे CM पुष्कर सिंह धामी बोले- कोई विरोध नहीं, पीएम के दौरे को लेकर सब उत्साहित

चुनावी नहीं धार्मिक यात्राः ईटीवी भारत ने जब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक से पूछा कि क्या इस यात्रा के बहाने आप लोग बीजेपी को विधानसभा में बढ़त दिलवाने की भी कोशिश करेंगे. इस पर मदन कौशिक ने कहा कि नहीं ऐसा नहीं है कि हम इस धार्मिक यात्रा का चुनावी फायदा देख रहे हैं. बीजेपी ऐसा नहीं करती है और न हम ऐसा सोचते हैं. मदन कौशिक ने कहा लेकिन हम उस देश के वासी हैं, जहां पर धर्म संस्कृति और आस्था को दुनिया मानती है. ऐसे में अगर इस तरह के कार्यक्रम आयोजित होते रहेंगे तो यह देश के लिए एक अच्छी बात है. रही बात कांग्रेस की तो कांग्रेसी इस बात पर विचार करें, सोचें और विरोध करें. हमें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता.

शुद्ध रूप से धार्मिक कार्यक्रमः मदन कौशिक ने कहा कि हमने किसी भी दल को भेदभाव के तहत इससे दूर नहीं रखा है. स्थानीय विधायक को भी प्रोटोकॉल में जगह दी गई है. उनसे भी पूछकर कई काम वहां पर किए जा रहे हैं. इसलिए ऐसा नहीं है कि यह कार्यक्रम सिर्फ बीजेपी का है. यह कार्यक्रम शुद्ध रूप से धार्मिक है और इसको और किसी नजरिए से नहीं देखना चाहिए.

तीर्थ पुरोहित करेंगे जोरदार स्वागतः मदन कौशिक से पूछा गया कि जब पीएम केदारनाथ आएंगे तो कहीं ऐसा तो नहीं कि उनका विरोध पंडा समाज, पुरोहित समाज करें. इस पर मदन कौशिक कहते हैं कि नहीं ऐसा नहीं है. पीएम जब वहां पर आएंगे तो तमाम तीर्थ पुरोहित समाज उनका स्वागत करेगा. हां, इतना जरूर है कि इस तरह का विरोध पंडा समाज को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का नहीं करना चाहिए था. हालांकि, विरोध करना हर किसी का हक है. देवस्थानम बोर्ड पर बात करते हुए मदन कौशिक कहते हैं कि जल्द ही बीजेपी सरकार इस पर एक बड़ा फैसला लेने वाली है और जो भी फैसला होगा. वह तीर्थ पुरोहितों के हक को ध्यान में रखकर और उनकी बातों को मानकर ही किया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः आखिर क्यों देवस्थानम बोर्ड का तीर्थ पुरोहित कर रहे विरोध, जानें पूरी कहानी

43 मिनट करेंगे पूजा-पाठः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ में रहकर लगभग 43 मिनट तक पूजा-पाठ करेंगे. इसके बाद वहां बन रहे आस्था पथ का लोकार्पण और वहां पर चल रहे कामों का जायजा लेंगे. इस पूरे कार्यक्रम में सबसे प्रमुख कार्यक्रम भगवान शंकराचार्य जी की मूर्ति का अनावरण है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी केदारनाथ से ही देशभर के 17 धार्मिक स्थलों पर लोगों से बातचीत करेंगे. बताया जा रहा है कि पीएम मोदी 10 से 15 मिनट गुफाओं में भी ध्यान लगा सकते हैं, जिन गुफाओं के बारे में पीएम मोदी इससे पहले केदारनाथ दौरे में भी जिक्र कर चुके हैं.

देहरादूनः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ दौरे को लेकर प्रदेश बीजेपी और सरकार दोनों ही बेहद उत्साहित हैं. यही कारण है कि मुख्यमंत्री से लेकर तमाम कैबिनेट मंत्री और खुद प्रदेश अध्यक्ष लगातार केदारनाथ में चल रहे कार्यों का बार-बार जायजा ले रहे हैं.

पीएम मोदी के केदारनाथ दौरे को भाजपा भले ही धार्मिक यात्रा बता रही है लेकिन, बीजेपी की विचारधारा के तहत हो रहे इस कार्यक्रम में वह सब कुछ होगा, जिससे बीजेपी हिंदू वोटरों को यह बताने और जताने की कोशिश करेगी कि वह भगवान में अपार आस्था रखती है. बीजेपी यह भी बताने की कोशिश करेगी कि हिंदुओं के मंदिरों में एक साथ इतने बड़े पैमाने पर पूजा-आरती अनुष्ठान शायद ही पहले कभी हुआ हो. जानकार मानते हैं कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि बीजेपी इस कार्यक्रम से देश में जो संदेश देना चाहती है, वह आसानी से पहुंच जाएगा.

पीएम मोदी का केदारनाथ दौरा

17 जगहों पर LIVE प्रसारणः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह 9:25 पर केदारनाथ धाम में पूजा अनुष्ठान के लिए पहुंचेंगे. ऐसा पहली बार होगा कि जब केदारनाथ में प्रधानमंत्री मोदी दर्शन कर रहे होंगे और देशभर के हजारों मंदिरों में ठीक उसी वक्त बीजेपी के कार्यकर्ता और आम जनमानस पूजा-अर्चना करेंगे. बीजेपी ने लगभग 17 जगहों पर लाइव प्रसारण की व्यवस्था की है ताकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ धाम से ही इन 17 जगहों पर भक्तों से और अपने कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद कर सकें. यह 17 जगह न केवल ज्योतिर्लिंग बल्कि शंकराचार्य से जुड़े स्थान होंगे.

ये भी पढ़ेंः PM मोदी के केदारनाथ दौरे का देखें मिनट टू मिनट कार्यक्रम, सभी तैयारियां पूरी

हिमालय के तमाम मंदिरों में समय बितायाः भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का कहना है कि संस्कृति, धर्म, आस्था और संस्कारों का यह अनूठा संगम 5 नवंबर को न केवल देश देखेगा बल्कि पूरा विश्व इस बात का गवाह बनेगा कि भारत और भारत के प्रधानमंत्री ऐसा भी कर सकते हैं. ऐसा नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आस्था केदारनाथ में प्रधानमंत्री बनने के बाद ही जागी है.

पीएम मोदी बाबा के द्वार से जुड़े हैंः भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की मानें तो जब नरेंद्र भाई मोदी प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री नहीं थे. तब वह संगठन के लिए काम करते थे. तभी से वह बाबा केदार के दर्शनों के लिए आते रहे हैं. हिमालय के तमाम मंदिरों में उन्होंने न केवल समय बिताया है, बल्कि वह जानते हैं कि देवभूमि की महिमा और यहां के मंदिरों में विराजे देवी-देवता बेहद सिद्ध और अलौकिक शक्तियां लिए बैठे हैं. इसलिए पीएम मोदी हमेशा से बाबा के द्वार से जुड़े रहे हैं.

बाबा चाहते थे CM नहीं PM बनकर आएंः मदन कौशिक कहते हैं कि यह हर कोई जानता है कि जब 2013 में उत्तराखंड में आपदा आई थी तब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे. उत्तराखंड आकर उन्होंने केदारनाथ जाने की इच्छा जताई थी, लेकिन उस समय की तत्कालीन सरकार ने उन्हें केदारनाथ जाने की अनुमति नहीं दी थी. शायद बाबा केदार भी यह चाहते थे कि वह मुख्यमंत्री के रूप में नहीं बल्कि देश के प्रधानमंत्री के रूप में बाबा केदार के दर्शन के लिए आएं. हालांकि, जैसे ही वह प्रधानमंत्री बने वैसे ही उन्होंने केदारनाथ धाम में पूजा-अर्चना और अनुष्ठान करने का मन बनाया था. मदन कौशिक का कहना है कि उस वक्त भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इच्छा जाहिर की थी कि पूरा का पूरा केदारनाथ पुनर्निर्माण का काम गुजरात सरकार अपने पैसों से करवाएगी. लेकिन उस समय की सरकार ने इस बात के लिए भी अनुमति नहीं दी.

ये भी पढ़ेंः केदारनाथ धाम पहुंचे CM पुष्कर सिंह धामी बोले- कोई विरोध नहीं, पीएम के दौरे को लेकर सब उत्साहित

चुनावी नहीं धार्मिक यात्राः ईटीवी भारत ने जब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक से पूछा कि क्या इस यात्रा के बहाने आप लोग बीजेपी को विधानसभा में बढ़त दिलवाने की भी कोशिश करेंगे. इस पर मदन कौशिक ने कहा कि नहीं ऐसा नहीं है कि हम इस धार्मिक यात्रा का चुनावी फायदा देख रहे हैं. बीजेपी ऐसा नहीं करती है और न हम ऐसा सोचते हैं. मदन कौशिक ने कहा लेकिन हम उस देश के वासी हैं, जहां पर धर्म संस्कृति और आस्था को दुनिया मानती है. ऐसे में अगर इस तरह के कार्यक्रम आयोजित होते रहेंगे तो यह देश के लिए एक अच्छी बात है. रही बात कांग्रेस की तो कांग्रेसी इस बात पर विचार करें, सोचें और विरोध करें. हमें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता.

शुद्ध रूप से धार्मिक कार्यक्रमः मदन कौशिक ने कहा कि हमने किसी भी दल को भेदभाव के तहत इससे दूर नहीं रखा है. स्थानीय विधायक को भी प्रोटोकॉल में जगह दी गई है. उनसे भी पूछकर कई काम वहां पर किए जा रहे हैं. इसलिए ऐसा नहीं है कि यह कार्यक्रम सिर्फ बीजेपी का है. यह कार्यक्रम शुद्ध रूप से धार्मिक है और इसको और किसी नजरिए से नहीं देखना चाहिए.

तीर्थ पुरोहित करेंगे जोरदार स्वागतः मदन कौशिक से पूछा गया कि जब पीएम केदारनाथ आएंगे तो कहीं ऐसा तो नहीं कि उनका विरोध पंडा समाज, पुरोहित समाज करें. इस पर मदन कौशिक कहते हैं कि नहीं ऐसा नहीं है. पीएम जब वहां पर आएंगे तो तमाम तीर्थ पुरोहित समाज उनका स्वागत करेगा. हां, इतना जरूर है कि इस तरह का विरोध पंडा समाज को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का नहीं करना चाहिए था. हालांकि, विरोध करना हर किसी का हक है. देवस्थानम बोर्ड पर बात करते हुए मदन कौशिक कहते हैं कि जल्द ही बीजेपी सरकार इस पर एक बड़ा फैसला लेने वाली है और जो भी फैसला होगा. वह तीर्थ पुरोहितों के हक को ध्यान में रखकर और उनकी बातों को मानकर ही किया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः आखिर क्यों देवस्थानम बोर्ड का तीर्थ पुरोहित कर रहे विरोध, जानें पूरी कहानी

43 मिनट करेंगे पूजा-पाठः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ में रहकर लगभग 43 मिनट तक पूजा-पाठ करेंगे. इसके बाद वहां बन रहे आस्था पथ का लोकार्पण और वहां पर चल रहे कामों का जायजा लेंगे. इस पूरे कार्यक्रम में सबसे प्रमुख कार्यक्रम भगवान शंकराचार्य जी की मूर्ति का अनावरण है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी केदारनाथ से ही देशभर के 17 धार्मिक स्थलों पर लोगों से बातचीत करेंगे. बताया जा रहा है कि पीएम मोदी 10 से 15 मिनट गुफाओं में भी ध्यान लगा सकते हैं, जिन गुफाओं के बारे में पीएम मोदी इससे पहले केदारनाथ दौरे में भी जिक्र कर चुके हैं.

Last Updated : Nov 3, 2021, 4:53 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.