देहरादून: उत्तराखंड की संस्कृति की पहचान मां धारी देवी की डोली यात्रा का आगाज सोमवार से शुरू हो गया है. 21 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा का शुभारंभ देहरादून नगर निगम परिसर में किया गया. इस कार्यक्रम में वाद्य यंत्र और ढोल दमाऊं की थाप पर मां धारी देवी डोली यात्रा नगर निगम हॉल से नगर में निकाली गई. मां धारी देवी की डोली यात्रा देहरादून से शुरू होकर मेरठ, फरीदाबाद, कानपुर और दिल्ली होते हुए प्रयागराज पहुंचेगी.
29 जनवरी को बंसत पंचमी के दिन प्रयागराज में स्नान करने के बाद एक फरवरी को सिद्धपीठ मां धारी देवी मंदिर परिसर में पहुंचेगी. उसके बाद दो फरवरी को भंडारे के बाद डोली नेहरू कॉलोनी देहरादून के लिए प्रस्थान करेगी.
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बता दें कि डोली यात्रा देहरादून के नगर निगम से मेरठ, फरीदाबाद, कानपुर और दिल्ली से होते हुए प्रयागराज पहुंचेगी. इसके बाद ये डोली यात्रा वापस लौटेगी. 21 दिवसीय मां धारी देवी डोली की यात्रा का आयोजन 13 दिसंबर से 2 फरवरी तक चलेगा.
राज्य आंदोलनकारी प्रदीप कुकरेती ने बताया कि 15 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन धारी देवी डोली का हरिद्वार में गंगा स्नान होगा. इस कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को देवभूमि की संस्कृति से रूबरू कराया जाएगा. साथ ही कार्यक्रम में देवी-देवताओं की कथाओं का भी मंचन किया जाएगा. धारी देवी डोली यात्रा के दौरान कन्या भ्रूण हत्या, स्वच्छ भारत अभियान, अविरल गंगा, अविरल स्वरोजगार और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ को लेकर जागरूक किया जाएगा. एक फरवरी को डोली श्रीनगर गढ़वाल स्थित सिद्ध पीठ मां धारी देवी मंदिर पहुंचेगी. जहां डोली की पूजा-अर्चना मंदिर के मुख्य पुजारी करेंगे. दो फरवरी को भंडारे के बाद डोली नेहरू कॉलोनी देहरादून के लिए प्रस्थान करेगी.