देहरादून: उत्तराखंड में इस बार मानसून के दौरान नुकसान भले ही हिमाचल से कम दिखाई दिया हो, लेकिन आंकड़ों के रूप में राज्य का वित्तीय नुकसान पिछले सालों की तुलना में काफी ज्यादा हुआ है. खासतौर पर गन्ने की फसल और सड़कों के रूप में राज्य को सबसे ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा है.
उत्तराखंड में आपदा से करीब 1420 करोड़ रुपए का अब तक नुकसान हो चुका है. स्थिति यह है कि राज्य भर के तमाम जिलों में सड़कों की स्थिति कई जगह बेहद खराब हो चुकी है. मानसून सीजन के दौरान हर साल जनहानि के साथ ही वित्तीय रूप से भी बड़ा नुकसान राज्य को झेलना पड़ता है, लेकिन, इस बार राज्य सरकार की तरफ से नुकसान का आकलन करते हुए यह पाया गया है कि पिछले सालों के मुकाबले इस बार करीब 15 से 20% तक आर्थिक नुकसान ज्यादा हुआ है. खास बात यह है कि इस बार मानसून सीजन के दौरान मैदानी जिले हरिद्वार में सबसे ज्यादा नुकसान देखने को मिला है. यहां करीब 657 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है.
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दूसरी तरफ गन्ने की फसल और सड़कों के टूटने से राज्य में 60% तक के आर्थिक नुकसान का आकलन किया गया है. गन्ने की फसल को हुए नुकसान का आकलन 464 करोड़ रुपए किया गया है. पीडब्ल्यूडी की सड़कों और पुल के क्षतिग्रस्त होने का आकलन 424 करोड़ है. इसके अलावा प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में भी करीब डेढ़ सौ करोड़ की सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं.
राज्य में बारिश के बदले पैटर्न के कारण भी नुकसान ज्यादा हुआ है. कई जगहों पर एक साथ कम समय में ज्यादा बारिश होने के कारण दिक्कतें बढ़ी है. उधर यह स्थिति पहाड़ी जनपदों के साथ ही मैदानी जनपदों में भी देखने को मिली है. इस बार लैंडस्लाइड की घटनाएं भी ज्यादा हुई हैं. इसके कारण भी सड़कों को ज्यादा नुकसान हुआ है.