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मसूरी में विधि-विधान से हुई भगवान भद्रराज की पूजा, भारी तादाद में उमड़े श्रद्धालु

मसूरी नगर पालिका सीमा के अंर्तगत 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भगवान भद्रराज के मंदिर में विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई. इस मौके पर सैकड़ों की तादाद में भक्त भगवान के दर्शन करने पहुंचे.

Mussoorie
भगवान भद्राक्ष की पूजा
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Published : Aug 16, 2021, 7:51 PM IST

मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी में सोमवार को भद्रराज देवता की दो दिवसीय वार्षिक पूजा-अर्चना कोरोना नियमों को ध्यान में रखकर हुई. इस मौके श्रद्धालुओं ने भगवान भद्रराज का दूध, घी, मक्खन और दही से अभिषेक किया. कोरोना को देखते हुए पूर्व भगवान भद्रराज का प्रसिद्ध धार्मिक एवं पर्यटन मेले का आयोजन इस बार नहीं किया गया.

दरअसल, मसूरी नगर पालिका सीमा के अंर्तगत 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भगवान भद्रराज के मंदिर में विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई. इस मौके पर भगवान के दर्शन के सैकड़ों भक्त भ्रदराज मंदिर पहुंचे.

भगवान भ्रदराज के दर्शन कर उनसे विश्व शांति की कामना की. मंदिर के कपाट खुलने से पहले ही भक्त रात से ही मंदिर के बाहर लंबी कतारों में लग गए थे. वहीं, मंदिर के पुजारी मोहन लाल तिवारी ने बताया कि पूजा में मसूरी, देहरादून, पछवादून, विकासनगर, जौनसार और रवाई समेत विभिन्न क्षेत्रों के लोग पहुंचे थे.

ये भी पढ़ें: खुुशखबरीः उत्तराखंड के 16 मोटर मार्गों का होगा कायाकल्प, केंद्र से ₹13,366.15 लाख मंजूर

अधिकांश भक्त 10 से 15 किलोमीटर पैदल चल कर अपने अराध्य देव के दर्शन पहुंचे थे. मंदिर के पुजारी ने बताया की महाभारत के समय कृष्ण के भाई बलराम मसूरी के इस दूरस्थ क्षेत्र दूधली में भ्रमण पर निकले थे और वहां जाकर गौपालकों को शास्त्रों का ज्ञान दिया था. मंदिर के पुजारी के मुताबिक भगवान बलराम ने यहां विश्राम किया था. तभी से इस स्थान को ग्रामीणों द्वारा पूजा जाता है और श्रद्धालु यहां पर भगवान भद्रराज के दर्शन करने के लिए खिंचे चले आते हैं.

मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी में सोमवार को भद्रराज देवता की दो दिवसीय वार्षिक पूजा-अर्चना कोरोना नियमों को ध्यान में रखकर हुई. इस मौके श्रद्धालुओं ने भगवान भद्रराज का दूध, घी, मक्खन और दही से अभिषेक किया. कोरोना को देखते हुए पूर्व भगवान भद्रराज का प्रसिद्ध धार्मिक एवं पर्यटन मेले का आयोजन इस बार नहीं किया गया.

दरअसल, मसूरी नगर पालिका सीमा के अंर्तगत 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भगवान भद्रराज के मंदिर में विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई. इस मौके पर भगवान के दर्शन के सैकड़ों भक्त भ्रदराज मंदिर पहुंचे.

भगवान भ्रदराज के दर्शन कर उनसे विश्व शांति की कामना की. मंदिर के कपाट खुलने से पहले ही भक्त रात से ही मंदिर के बाहर लंबी कतारों में लग गए थे. वहीं, मंदिर के पुजारी मोहन लाल तिवारी ने बताया कि पूजा में मसूरी, देहरादून, पछवादून, विकासनगर, जौनसार और रवाई समेत विभिन्न क्षेत्रों के लोग पहुंचे थे.

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अधिकांश भक्त 10 से 15 किलोमीटर पैदल चल कर अपने अराध्य देव के दर्शन पहुंचे थे. मंदिर के पुजारी ने बताया की महाभारत के समय कृष्ण के भाई बलराम मसूरी के इस दूरस्थ क्षेत्र दूधली में भ्रमण पर निकले थे और वहां जाकर गौपालकों को शास्त्रों का ज्ञान दिया था. मंदिर के पुजारी के मुताबिक भगवान बलराम ने यहां विश्राम किया था. तभी से इस स्थान को ग्रामीणों द्वारा पूजा जाता है और श्रद्धालु यहां पर भगवान भद्रराज के दर्शन करने के लिए खिंचे चले आते हैं.

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