देहरादून: पिछले साल 22 नवंबर 2022 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी धनौल्टी विधानसभा क्षेत्र के कैंपटी में आयोजित खेल एवं सांस्कृतिक विकास मेले में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे थे. इस दौरान मुख्यमंत्री ने वादा किया था कि वह इस इलाके को संवारते हुए जल्द कैंपटी को नगर पंचायत बनाएंगे. मुख्यमंत्री की इस घोषणा को अभी 1 साल पूरे होने में कुछ समय बाकी है, लेकिन सोमवार को धामी मंत्रिमंडल ने धनौल्टी विधानसभा क्षेत्र के इस इलाके के लिए बड़ा फैसला लेते हुए कैंपटी को नगर पंचायत बनाने की घोषणा कर दी है.
स्थानीय लोगों ने जताया मुख्यमंत्री का आभार: कैंपटी को नगर पंचायत बनाने की घोषणा होने के बाद क्षेत्र के लोगों ने उत्तराखंड सरकार और विशेष तौर से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताया है. स्थानीय भाजपा नेता राजेश नौटियाल का कहना है कि लंबे समय से इस क्षेत्र के लोगों की ये मांग थी. जिस तरह से लगातार पर्यटक स्थल के रूप में कैंपटी फॉल इलाके का विकास हुआ है. यहां पर व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ी हैं, निश्चित तौर से इसे व्यवस्थित करने के लिए यहां पर प्रशासनिक सुधार होने जरूरी थे. लिहाजा उत्तराखंड सरकार ने कमेटी को नगर पंचायत बनाने का फैसला लेकर इस क्षेत्र के लोगों के भविष्य को सुधारने का काम किया है.
सीएम धामी ने पूरा किया वादा: क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि और सिया गांव के प्रधान वीरेंद्र पंवार ने कहा कि जिस तरह से इस क्षेत्र में अव्यवस्थित विकास बढ़ रहा है और लगातार इस क्षेत्र के लोगों की मांग थी कि सरकार द्वारा इस ओर ध्यान दिया जाए, वो मांग पूरी हो गई है. सरकार ने नगर पंचायत बनाकर इस क्षेत्र को संवारने का काम किया है. इसके लिए वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का धन्यवाद करते हैं.
सबसे अधिक राजस्व वाली नगर पंचायत बनेगा कैंपटी: धनौल्टी विधानसभा क्षेत्र के कैंपटी क्षेत्र के लोगों का कहना है कि कैंपटी फॉल एक ऐसा पर्यटक स्थल है जो कि पर्यटन के मानचित्र पर अपनी पहले से ही वैश्विक पहचान रखता है. इस क्षेत्र में इसके अलावा लेकमिस्ट, संतुरा देवी मंदिर सहित अन्य पर्यटक स्थल भी आते हैं. एक बड़ा व्यावसायिक 7 स्टार होटल भी इस क्षेत्र के अंतर्गत आता है. लिहाजा राजस्व और पर्यटन के लिहाज से धनौल्टी विधानसभा क्षेत्र का यह छोटा सा क्षेत्र बेहद समृद्ध है. टिहरी जिले और देहरादून के मसूरी के बिल्कुल सटा यह छोटा सा पर्यटक स्थल पिछले कई दशकों से अपनी एक अलग पहचान बनाये हुआ है.
कैंपटी में पर्यटन की अपार संभावनाएं: कैंपटी के पास मौजूद यमुना ब्रिज और यमुना नदी के साथ-साथ अगलाढ़ नदी में भी पर्यटन की कई संभावनाएं मौजूद हैं. लिहाजा इस क्षेत्र को नगर पंचायत बनाने के बाद कई नई संभावनाएं जन्म लेंगी. स्थानीय लोगों की मानें तो राजस्व के लिहाज से कैंपटी नगर पंचायत भविष्य में सबसे अधिक किफायती साबित होगी. राजस्व कमाने में अपनी मजबूत पकड़ रखने वाले इस क्षेत्र में अब निश्चित तौर से व्यवस्थित विकास को भी बढ़ावा मिलेगा और इस क्षेत्र में विकास के नए द्वार खुलेंगे.
पहले मसूरी में शामिल करने की थी प्लानिंग, लोगों ने किया विरोध: देहरादून जिले के मसूरी और टिहरी जिले के धनौल्टी विधानसभा क्षेत्र के कैंपटी और अन्य क्षेत्र को लेकर के सरकार पिछले कुछ सालों में लगातार प्रशासनिक सुधार करने में जुटी है. यही वजह है कि जहां एक तरफ टिहरी जिले की धनौल्टी विधानसभा सीट के अंतर्गत आने वाले कैंपटी और आसपास के तमाम गांवों को पहले सरकार देहरादून जिले में आने वाली मसूरी विधानसभा सीट में शामिल करने की प्लानिंग कर रही थी, लेकिन स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया था.
कैंपटी में रोजगार बढ़ने की उम्मीद: स्थानीय लोगों ने अपने इतिहास और सांस्कृतिक विरासत पर इस बदलाव का बुरा असर देखते हुए मसूरी के साथ जुड़ने में अपनी सहमति नहीं दी थी. लिहाजा इसके बाद भले ही उत्तराखंड सरकार ने मसूरी क्षेत्र को अलग से तहसील बनाया, लेकिन धनौल्टी विधानसभा क्षेत्र के कैंपटी क्षेत्र को इसमें नहीं जोड़ा. अब सरकार ने धनौल्टी विधानसभा क्षेत्र के कैंपटी बाजार, कैंपटी फॉल क्षेत्र और उसके आसपास के कुछ गांवों को एक नगर पंचायत के रूप में विकसित करने को कैबिनेट में मंजूरी दे दी है. इसके बाद से इस इलाके में विकास के साथ-साथ स्थानीय लोगों की आर्थिकी मजबूत होने और रोजगार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद जगी है.
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