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दीपावली पर 'वोकल फॉर लोकल' का चढ़ रहा रंग, ऑनलाइन बिक्री ने तोड़े सारे रिकॉर्ड

प्रधानमंत्री मोदी ने वोकल फॉर लोकल का नारा दिया था. इसी तर्ज पर उत्तराखंड में भारतीय उत्पादों की उत्पादन बड़ी संख्या में की जा रही है. अब तक ऑनलाइन माध्यम से इन उत्पादों की पांच लाख तक बिक्री हो चुकी है.

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Published : Nov 12, 2020, 5:18 PM IST

देहरादूनः दीपावली को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिन पहले वोकल फॉर लोकल का नारा दिया था. उनकी मुहिम का असर राजधानी के बाजारों में साफ देखा जा रहा है. जहां एक तरफ बाजारों में इस बार चाइनीज प्रोडक्ट के स्थान पर भारतीय सजावटी सामान और लड़ियां ज्यादा नजर आ रही हैं. प्रधानमंत्री मोदी की इस मुहिम का सीधा असर उत्तराखंड के लोकल उद्योगों और ग्रोथ सेंटर पर भी पड़ा है. जहां पिछले सालों तक लोकल उद्योगों और ग्रोथ सेंटेंर्स में तैयार होने वाली चीजों की डिमांड काफी कम हुआ करती थी, इस बार दीपावली पर इन उत्पादों की काफी अच्छी डिमांड देखने को मिल रही है.

दीपावली पर राजधानी देहरादून के थानो और नैनीताल के कोटाबाग में मौजूद ग्रोथ सेंटर पर महिलाएं एलईडी बल्ब और एलईडी लड़ियां तैयार कर रही हैं. जिसकी बाजार में अच्छी खासी मांग है. वहीं, दूसरी तरफ खटीमा के थारू जनजाति की महिलाओं की ओर से मूंज घास से तैयार किए गए सजावटी सामान खरीदना भी लोग काफी पसंद कर रहे हैं. ऑनलाइन शॉपिंग के माध्यम से लोग उत्तराखंड में उत्पादित इन सामानों को काफी ज्यादा खरीद रहे हैं.

दीपावली पर 'वोकल फॉर लोकल' का चढ़ रहा रंग

पढ़ेंः धनतेरस से सर्राफा व्यापारियों को खासी उम्मीदें, बाजारों में लौट आई रौनक

बता दें कि प्रदेश में मौजूद 2250 इलेक्ट्रॉनिक और इलेक्ट्रिकल से जुड़े उद्योगों में से 378 उद्योग ऐसे हैं जो दीपावली पर एलईडी लाइटें, झालर, इलेक्ट्रॉनिक दीया इत्यादि तैयार कर रहे हैं. ये औद्योगिक इकाइयां विशेषकर सेलाकुई, काशीपुर, हरिद्वार, सितारगंज और भगवानपुर में स्थित हैं. कुल मिलाकर देखें तो इस बार पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड के बाजारों में दीपावली के मौके पर चाइनीज लड़ियों के मुकाबले भारत में निर्मित लड़ियों की भरमार है, ये सभी यहीं की लोकल औद्योगिक इकाइयों में तैयार की गई हैं.

ईटीवी भारत से बात करते हुए उद्योग निदेशक सुधीर नौटियाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की वोकल फॉर लोकल मुहिम के असर से इस बार प्रदेश की औद्योगिक इकाइयों और ग्रोथ सेंटर को काफी लाभ पहुंच रहा है. यहां तैयार किए जा रहे विभिन्न उत्पादों की अच्छी खासी डिमांड मार्केट में देखने को मिल गई है, विशेषकर ऑनलाइन मार्केट हिमाद्री की बात करें तो हिमाद्री के माध्यम से अब तक 5 लाख रुपए से ज्यादा का राजस्व का हो चुका है.

यही नहीं खटीमा की थारू जनजाति की महिलाओं द्वारा मूंज के घास से तैयार किए जा रहे उत्पादों की ऑनलाइन मार्केट में डिमांड काफी बढ़ गई है. स्थानीय आर्टिस्ट अभिरुचि बताती हैं कि यह प्रोडक्ट बाजार में मिलने वाले अन्य प्रोडक्ट्स की तुलना में काफी किफायती और दिखने में बेहद ही खूबसूरत हैं. इस वजह से लोग इस बार त्योहार के मौके पर इन्हें खरीदना काफी पसंद कर रहे हैं.

देहरादूनः दीपावली को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिन पहले वोकल फॉर लोकल का नारा दिया था. उनकी मुहिम का असर राजधानी के बाजारों में साफ देखा जा रहा है. जहां एक तरफ बाजारों में इस बार चाइनीज प्रोडक्ट के स्थान पर भारतीय सजावटी सामान और लड़ियां ज्यादा नजर आ रही हैं. प्रधानमंत्री मोदी की इस मुहिम का सीधा असर उत्तराखंड के लोकल उद्योगों और ग्रोथ सेंटर पर भी पड़ा है. जहां पिछले सालों तक लोकल उद्योगों और ग्रोथ सेंटेंर्स में तैयार होने वाली चीजों की डिमांड काफी कम हुआ करती थी, इस बार दीपावली पर इन उत्पादों की काफी अच्छी डिमांड देखने को मिल रही है.

दीपावली पर राजधानी देहरादून के थानो और नैनीताल के कोटाबाग में मौजूद ग्रोथ सेंटर पर महिलाएं एलईडी बल्ब और एलईडी लड़ियां तैयार कर रही हैं. जिसकी बाजार में अच्छी खासी मांग है. वहीं, दूसरी तरफ खटीमा के थारू जनजाति की महिलाओं की ओर से मूंज घास से तैयार किए गए सजावटी सामान खरीदना भी लोग काफी पसंद कर रहे हैं. ऑनलाइन शॉपिंग के माध्यम से लोग उत्तराखंड में उत्पादित इन सामानों को काफी ज्यादा खरीद रहे हैं.

दीपावली पर 'वोकल फॉर लोकल' का चढ़ रहा रंग

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बता दें कि प्रदेश में मौजूद 2250 इलेक्ट्रॉनिक और इलेक्ट्रिकल से जुड़े उद्योगों में से 378 उद्योग ऐसे हैं जो दीपावली पर एलईडी लाइटें, झालर, इलेक्ट्रॉनिक दीया इत्यादि तैयार कर रहे हैं. ये औद्योगिक इकाइयां विशेषकर सेलाकुई, काशीपुर, हरिद्वार, सितारगंज और भगवानपुर में स्थित हैं. कुल मिलाकर देखें तो इस बार पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड के बाजारों में दीपावली के मौके पर चाइनीज लड़ियों के मुकाबले भारत में निर्मित लड़ियों की भरमार है, ये सभी यहीं की लोकल औद्योगिक इकाइयों में तैयार की गई हैं.

ईटीवी भारत से बात करते हुए उद्योग निदेशक सुधीर नौटियाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की वोकल फॉर लोकल मुहिम के असर से इस बार प्रदेश की औद्योगिक इकाइयों और ग्रोथ सेंटर को काफी लाभ पहुंच रहा है. यहां तैयार किए जा रहे विभिन्न उत्पादों की अच्छी खासी डिमांड मार्केट में देखने को मिल गई है, विशेषकर ऑनलाइन मार्केट हिमाद्री की बात करें तो हिमाद्री के माध्यम से अब तक 5 लाख रुपए से ज्यादा का राजस्व का हो चुका है.

यही नहीं खटीमा की थारू जनजाति की महिलाओं द्वारा मूंज के घास से तैयार किए जा रहे उत्पादों की ऑनलाइन मार्केट में डिमांड काफी बढ़ गई है. स्थानीय आर्टिस्ट अभिरुचि बताती हैं कि यह प्रोडक्ट बाजार में मिलने वाले अन्य प्रोडक्ट्स की तुलना में काफी किफायती और दिखने में बेहद ही खूबसूरत हैं. इस वजह से लोग इस बार त्योहार के मौके पर इन्हें खरीदना काफी पसंद कर रहे हैं.

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