देहरादून: कोरोना महामारी और लॉकडाउन की मार से हर एक वर्ग और तबका प्रभावित हुआ है. ऐसे में लोगों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. अनलॉक 1.0 में कुछ छूट मिली है जिसकी वजह से लोग एक बार फिर से अपनी जिंदगी को पटरी पर लाने में जुटे है. वहीं, बात अगर म्यूजिक इंडस्ट्री से जुड़े कलाकारों की करें तो इस लॉकडाउन की वजह से उनके सामने रोजी-रोटी का संकट गहराने लगा है. हर साल 21 जून को विश्व संगीत दिवस के रूप में मनाया जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि इस क्षेत्र से जुड़े लोगों के सामने क्या-क्या समस्याएं हैं. आखिर क्या है इन म्यूजिक इंडस्ट्री से जुड़े आर्टिस्ट के हालात? देखिए ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट....
21 जून को विश्व संगीत दिवस मनाया जाता है. इसका उदेश्य नए-नए कलाकारों को उभारना है, लेकिन वैश्विक महामारी के चलते इस तबके पर अब रोजी-रोटी का संकट मंडराने लगा है. जी हां, हम बात कर रहे हैं म्यूजिक इंडस्ट्री से जुड़े आर्टिस्टों की, जो इन दिनों राज्य सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
विश्व संगीत दिवस मनाने का उद्देश्य
संगीत एक विधा है और इसकी खूबियों की वजह से ही विश्व में संगीत के नाम एक दिन रखा गया है. विश्व संगीत दिवस को "फेटे डील ला म्यूजिक" के नाम से भी जाना जाता है. जिसका मतलब म्यूजिक फेस्टिवल है. विश्व में सबसे पहले म्यूजिक दिवस मनाने की शुरुआत 1982 में फ्रांस में हुई थी, जिसका उद्देश्य अलग-अलग तरीके से म्यूजिक का प्रॉपेगैंडा तैयार करने के साथ ही नए कलाकारों को उभारना था. इसके बाद इसे धीरे-धीरे 21 जून को पूरे विश्व भर में संगीत दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.
कलाकारों पर गहराया रोजी-रोटी का संकट
वैश्विक कोरोना महामारी के चलते पब्लिक प्लेस, शादी समारोह, होटल, पर्यटन स्थल आदि जगहों पर अपने कला और म्यूजिक के माध्यम से लोगों का मनोरंजन करने वाले आर्टिस्ट इन दिनों आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. क्योंकि लॉकडाउन के दौरान पर्यटन, होटल, पब्लिक प्लेस, समारोह आदि पर रोक लगने के चलते इन आर्टिस्टों को ना ही कोई काम मिल पाया और ना ही यह आर्टिस्ट कहीं परफॉर्म कर पा रहे हैं, जिसके चलते अब इन आर्टिस्टों के सामने रोजी-रोटी का संकट गहराने लगा है.
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उत्तराखंड म्यूजिशियंस वेलफेयर सोसाइटी से जुड़े हैं 200 आर्टिस्ट
उत्तराखंड म्यूजिशियंस वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष रवि गुरविंदर सिंह ने बताया कि म्यूजिशियन वेलफेयर सोसाइटी से करीब 200 आर्टिस्ट जुड़े हुए हैं, जिनके रोजी-रोटी का एकमात्र साधन म्यूजिक ही है, लेकिन अब इन आर्टिस्टों में से अधिकतर को रोजी-रोटी के लाले पड़ने लगे हैं. क्योंकि इस दौरान काम ना मिलने की वजह से सभी आर्टिस्ट बेरोजगार हैं और कब तक उन्हें काम मिल पाएगा यह उन्हें भी नहीं पता है. ऐसे में अब उन्हें अपने परिवार के भरण-पोषण की चिंता सता रही है.
राज्य सरकार से कलाकार लगा चुके हैं कई बार गुहार
म्यूजिक इंडस्ट्री से जुड़े कलाकारों ने बताया कि उत्तराखंड सरकार से कई बार मदद की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन लंबा वक्त बीत जाने के बाद भी उनको मदद नहीं मिली है. यही नहीं कलाकारों ने बताया कि कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज से लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत तक को पत्र भेज चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है. जबकि पत्र भेजे करीब डेढ़ महीने से अधिक का समय बीत चुका है.
महिला कलाकारों के सामने संकट
उत्तराखंड म्यूजिशियंस वेलफेयर सोसाइटी से जुड़ी एक महिला आर्टिस्ट ऐसी हैं जो पिछले 15 सालों से मनोरंजन के क्षेत्र में काम कर रही हैं. लेकिन इन दिनों यह महिला आर्टिस्ट आर्थिक तंगी के चलते दर-दर की ठोकरें खा रही हैं. इनके परिवार में 5 सदस्य हैं, लेकिन वह परिवार में अकेले कमाने वाली हैं. ऐसे में अब यह महिला आर्टिस्ट लगातार राज्य सरकार से मदद की गुहार लगा रही हैं. यही नहीं एक महिला कलाकार ऐसी भी हैं जिन्होंने अभी हाल फिलहाल में ही म्यूजिक इंडस्ट्री में कदम रखा है, जिनके ना ही पेरेंट्स है और ना ही देहरादून में रहने का ठिकाना. ऐसे में वह किराए के मकान में रहती हैं, लेकिन लॉकडाउन के चलते कहीं काम ना मिल पाने की वजह से इन कलाकारों की विकट स्थिति हो गई है.
कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने दिया मदद का आश्वासन
वहीं, संगीत क्षेत्र से जुड़े कलाकारों की परेशानी को देखते हुए शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा कि जो कलाकार आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं उनकी आर्थिक मदद के लिए राज्य सरकार विचार कर रही है. जल्द ही इन लोगों की आर्थिक मदद की जाएगी.