देहरादून: उत्तराखंड में बेमौसम बारिश और बर्फबारी का सीधा असर चारधाम यात्रा पर दिखाई दे रहा है. इसके चलते राज्य के चारों धामों में श्रद्धालुओं की यात्रा इससे प्रभावित हो रही है. श्रद्धालुओं को आ रही इसी परेशानी को देखते हुए राज्य सरकार ने चारों धामों के लिए नोडल अफसर नामित किए थ. जिसके बाद केदारनाथ के नोडल अफसर बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने केदारनाथ की व्यवस्थाओं को लेकर मौजूदा हालातों में सीमित यात्रियों की संख्या होने का सुझाव दिया है. यही नहीं नोडल अफसर की तरफ से कुछ दूसरे जरूरी निर्देश भी जिला प्रशासन को दिए गए.
केदारनाथ धाम में भारी बर्फबारी के कारण यात्रा प्रभावित हो रही है, हेलीकॉप्टर सेवा को संचालित कर पाना मुश्किल हो रहा है और यात्रियों को अधिक संख्या में आगे भेजना भी मुश्किल हो रहा है. लिहाजा राज्य सरकार ने नोडल अधिकारी के जरिए मौजूदा हालातों के आधार पर ही यात्रा को संचालित करने का निर्णय लिया है. केदारनाथ धर्म के लिए सरकार ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी बीवीआरसी पुरुषोत्तम को नामित किया है और वह नोडल अफसर बनने के बाद केदारनाथ की पैदल यात्रा करके स्थितियों का जायजा ले चुके हैं. केदारनाथ धाम में व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए उनकी तरफ से कुछ सुझाव भी दिए गए हैं जो कि बर्फबारी की स्थिति में बेहद जरूरी भी है.
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आईएएस अधिकारी बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने कहा कि उन्होंने दो दिन तक केदारनाथ में रहकर स्थितियों को देखा है. निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि यात्रा में जिला प्रशासन समेत पेयजल विभाग और स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इस बार पहले के मुकाबले बेहतर तैयारियां तो की गई हैं, लेकिन पर्याप्त मात्रा में जानकारी ना होने के कारण श्रद्धालुओं को दिक्कत आ रही हैं. इसके लिए नोडल अफसर की तरफ से जिला प्रशासन को यात्रा मार्ग पर ज्यादा से ज्यादा साइन बोर्ड लगाए जाने के निर्देश दिए गए हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस तरह बर्फबारी हो रही है, उसमें नोडल अधिकारी की तरफ से करीब 5000 श्रद्धालुओं तक को ही एक बारी में केदारनाथ धाम यात्रा के लिए संख्या सीमित करने के लिए भी सुझाव दिया गया है.
बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने कहा कि जिस तरह बर्फबारी हो रही है उसमें बेहद ज्यादा संख्या में केदारनाथ में श्रद्धालुओं को भेजने से दिक्कतें आ सकती हैं. लिहाजा करीब 5000 तक यात्रियों को ही केदारनाथ भेजे जाने की बात कही जा रही है. जबकि पहले के दिनों में 20,000 से ज्यादा यात्री केदारनाथ पहुंच गए थे. इसके अलावा यात्रा मार्ग पर जगह-जगह घोड़े और खच्चर गलत तरीके से खड़े किए जाने की भी कमी नोडल अधिकारी को दिखाई दी. इसके लिए अब एक नए प्लान के तहत उनके स्वामियों को दिशा निर्देश दिए जाएंगे. दरअसल, मार्ग में घोड़े और खच्चर गलत तरीके से खड़े कर दिए जाते हैं. इससे मार्ग से गुजरने वाले श्रद्धालुओं को दिक्कत आती है. लिहाजा एक निश्चित स्थान पर ही इनको रखने और व्यवस्थित रूप से इन्हें खड़ा करने के लिए व्यवस्थाएं बनाने के लिए भी कहा गया है.