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मसूरी हत्याकांड: हत्यारे पति को आजीवन कारावास, पिता ने कहा फांसी होती तो अच्छा था

पत्नी को घुमाने के बहाने मसूरी की पहाड़ी से गिराकर और पत्थरों से मारकर निर्मम हत्या करने वाले पति को देहरादून की ADJ चतुर्थ कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. दहेज हत्या मामले में आजीवन सजा पाने वाले सचिन मिश्रा के खिलाफ पूरी कोर्ट प्रक्रिया के तहत 12 अहम गवाहों को पेश किया गया. जिनके द्वारा इस पूरे हत्याकांड का खुलासा हुआ.

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Published : Sep 17, 2019, 8:08 PM IST

Updated : Sep 17, 2019, 10:36 PM IST

दोषी को जेल ले जाती पुलिस.

देहरादून: दहेज की डिमांड पूरी ना होने पर अपनी पत्नी की निर्मम हत्या करने के मामले में कोर्ट से फैसला सुना दिया है. ADG चतुर्थ कोर्ट के न्यायाधीश शंकर राज की अदालत ने दहेज हत्या में दोषी पति सचिन मिश्रा को उम्र कैद की सजा सुनाई है. साथ ही डेढ़ लाख का आर्थिक दंड भी लगाया है. मामला 2011 का है.

हत्यारे पति को आजीवन कारावास.

जानकारी के मुताबिक मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में रहने वाले सचिन मिश्रा ने अपनी नवविवाहित पत्नी को दहेज के लिए तंग किया करता था. डिमांड पूरी ना होने के चलते उसने पत्नी की हत्या की साजिश रची. जिसके तहत 8 अक्टूबर 2011 को वह अपने पत्नी कमलेश उर्फ कनक को घुमाने के बहाने पहले गंगोत्री और यमुनोत्री लेकर गया. उसके बाद 13 अक्टूबर 2011 को आरोपी ने मसूरी के पास गन हिल के पीछे एक पहाड़ी से अपनी पत्नी को गिरा दिया. पहाड़ी से गिरने के बाद भी जब वह बच गई तो आरोपी सचिन ने निर्मम तरीके से पत्थरों से कूचलकर पत्नी की हत्या कर दी. जिसके बाद पत्नी का शव झाड़ियों में छिपा दिया.

पढ़ें- अंतरराज्यीय ATM ठग गिरोह का पर्दाफाश, मदद के बहाने देते थे धोखा

इस फैसले के बाद मृतका के पिता का कहना है कि जिस तरह से उनकी नवविवाहिता बेटी की साजिश के तहत निर्मम तरीके से हत्या की गई. ऐसे में उनके दामाद को फांसी की सजा होनी चाहिए थी. पीड़ित पिता के मुताबिक उन्होंने बेटी की शादी में 12 लाख खर्च किये थे. जिसके बाद दहेज के लालची हत्यारे दामाद सचिन मिश्रा को डिमांड के चलते बाद में ढाई लाख भी दिए थे.

वहीं मामले में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा दिलाने वाली शासकीय अधिवक्ता जया ठाकुर ने बताया कि इस मामले में पूरी कानूनी प्रक्रिया के दौरान बारह गवाह पेश किये गए थे. उन्होंने बताया कि कोर्ट ने अलग-अलग गवाहों और देहरादून-ऋषिकेश पुलिस द्वारा सामने लाये गए सबूतों के आधार पर आरोपी सचिन मिश्रा को धारा 302 में आजीवन सजा और धारा 201 के तहत 7 साल की अतिरिक्त सजा सुनाई है. साथ ही डेढ़ लाख का आर्थिक दंड भी लगाया है.

देहरादून: दहेज की डिमांड पूरी ना होने पर अपनी पत्नी की निर्मम हत्या करने के मामले में कोर्ट से फैसला सुना दिया है. ADG चतुर्थ कोर्ट के न्यायाधीश शंकर राज की अदालत ने दहेज हत्या में दोषी पति सचिन मिश्रा को उम्र कैद की सजा सुनाई है. साथ ही डेढ़ लाख का आर्थिक दंड भी लगाया है. मामला 2011 का है.

हत्यारे पति को आजीवन कारावास.

जानकारी के मुताबिक मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में रहने वाले सचिन मिश्रा ने अपनी नवविवाहित पत्नी को दहेज के लिए तंग किया करता था. डिमांड पूरी ना होने के चलते उसने पत्नी की हत्या की साजिश रची. जिसके तहत 8 अक्टूबर 2011 को वह अपने पत्नी कमलेश उर्फ कनक को घुमाने के बहाने पहले गंगोत्री और यमुनोत्री लेकर गया. उसके बाद 13 अक्टूबर 2011 को आरोपी ने मसूरी के पास गन हिल के पीछे एक पहाड़ी से अपनी पत्नी को गिरा दिया. पहाड़ी से गिरने के बाद भी जब वह बच गई तो आरोपी सचिन ने निर्मम तरीके से पत्थरों से कूचलकर पत्नी की हत्या कर दी. जिसके बाद पत्नी का शव झाड़ियों में छिपा दिया.

पढ़ें- अंतरराज्यीय ATM ठग गिरोह का पर्दाफाश, मदद के बहाने देते थे धोखा

इस फैसले के बाद मृतका के पिता का कहना है कि जिस तरह से उनकी नवविवाहिता बेटी की साजिश के तहत निर्मम तरीके से हत्या की गई. ऐसे में उनके दामाद को फांसी की सजा होनी चाहिए थी. पीड़ित पिता के मुताबिक उन्होंने बेटी की शादी में 12 लाख खर्च किये थे. जिसके बाद दहेज के लालची हत्यारे दामाद सचिन मिश्रा को डिमांड के चलते बाद में ढाई लाख भी दिए थे.

वहीं मामले में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा दिलाने वाली शासकीय अधिवक्ता जया ठाकुर ने बताया कि इस मामले में पूरी कानूनी प्रक्रिया के दौरान बारह गवाह पेश किये गए थे. उन्होंने बताया कि कोर्ट ने अलग-अलग गवाहों और देहरादून-ऋषिकेश पुलिस द्वारा सामने लाये गए सबूतों के आधार पर आरोपी सचिन मिश्रा को धारा 302 में आजीवन सजा और धारा 201 के तहत 7 साल की अतिरिक्त सजा सुनाई है. साथ ही डेढ़ लाख का आर्थिक दंड भी लगाया है.

Intro:summary- दहेज हत्यारे पति को आजीवन कारावास की सजा, दहेज की डिमांड पूरी न होने पर वर्ष 2011 में नवविवाहिता पत्नी को मौत के घाट उतारने का मामला, मसूरी घूमने के बहाने पहाड़ी से गिराकर पत्थरों से की थी निर्मम हत्या, देहरादून ADJ चतुर्थ कोर्ट शंकर राज की अदालत ने सुनाया फैसला।


शादी के वक्त दहेज की डिमांड पूरी ना होने पर अपनी नवविवाहित पत्नी को घुमाने के बहाने मसूरी की पहाड़ी से गिरा कर पत्थरों से मारकर निर्मम हत्या करने वाले दोषी पति को देहरादून की ADJ चतुर्थ कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इतना ही नहीं ADG चतुर्थ कोर्ट के न्यायधीश शंकर राज की अदालत ने दहेज हत्या दोषी पति सचिन मिश्रा के उम्र कैद की सजा के साथ डेढ़ लाख का आर्थिक दंड भी लगाया है जिसको अदा न करने पर 5 साल के अतिरिक्त सजा का ऐलान किया है। कोर्ट द्वारा तय की गई डेढ़ लाख की आर्थिक जुर्माने की राशि में से सवा लाख रुपये मृतका के पीड़ित परिवार को सांत्वना स्वरूप दिए जाएंगे।

इन धारा में हुई सजा और जुर्माना

आजीवन कारावास की सजा पाने वाले सचिन मिश्रा को अपनी पत्नी की हत्या के मामले में आईपीसी धारा 302 के तहत आजीवन कारावास और एक लाख का जुर्माना कोर्ट द्वारा दंडित किया गया है। जबकि इसी मामलें पर एक और दोषसिद्ध बाद धारा 201 आईपीसी के तहत 7 वर्ष की कठोर कारावास और 50 हजार अतिरिक्त जुर्माना भी सुनाया गया है। कोर्ट के मुताबिक दोषी की दोनों सजाएं साथ साथ चलेगी।


Body:मृतका के पीड़ित पिता ने कहा फांसी से होती पूरी संतुष्टि

उधर कोर्ट द्वारा देहज हत्या में दोषी पति को आजीवन सजा देने के इस फैसले के बाद मृतका कमलेश उर्फ कनक के पीड़ित पिता ने कहा कि वह आजीवन सजा वाले फैसले से काफी हद तक संतुष्टि तो है लेकिन जिस तरह से उनकी नवविवाहिता बेटी की साज़िश के तहत निर्मम तरीके हत्या की ...ऐसे में दामाद को फांसी की सजा होनी चाहिए थी। इतना ही नहीं पीड़ित पिता के मुताबिक उन्होंने 12 लाख शादी में खर्च बेटी शादी की थी उसके बाद दहेज के लालची हत्यारे दामाद सचिन मिश्रा को डिमांड के चलते बाद में ढाई लाख भी दिए थे लेकिन जिस तरह उसने अपनी पैसे की हवस में उसने गुमराह कर बेटी की हत्या की वह माफी योग्य नहीं है।

बाइट -मृतका के पिता

कोर्ट ने हत्या के सभी साक्ष्य सबूतों के आधार पर सुनाई सजा: सरकारी वकील

वहीं इस मामले में हत्यारे पति को आजीवन सजा दिलाने वाली शासकीय अधिवक्ता जया ठाकुर के मुताबिक इस मामले में पूरी कानूनी प्रक्रिया के दौरान बारा गवाह दोषी के खिलाफ पेश किए गए जिनके द्वारा हत्या के अलग-अलग कारणों का खुलासा किया गया सरकारी अधिवक्ता जया ठाकुर के मुताबिक जिस तरह से उत्तर प्रदेश बदायूं के रहने वाले सचिन मिश्रा ने अपनी पत्नी को दहेज हत्या के लालच में आकर मसूरी के गनहिल पहाड़ी में मौत के घाट उतारा वह बेहद गंभीर अपराध किस श्रेणी में आया कोर्ट ने अलग-अलग गवाहों और देहरादून ऋषिकेश पुलिस द्वारा साक्षर सबूत के आधार को सही पाते हुए दोषी पति सचिन मिश्रा को आजीवन सजा के साथ साथ 7 साल की सजा अतिरिक्त दी है और डेढ़ लाख का आर्थिक दंड भी लगाया हैं।

बाइट -जया ठाकुर शासकीय अधिवक्ता


Conclusion:क्या है पुरा दहेज हत्या का मामला

दहेज हत्या में आजीवन सजा पाने वाले सचिन मिश्रा के खिलाफ पूरी कोर्ट प्रक्रिया के तहत 12 अहम गवाह पेश किए गए जिनके द्वारा इस पूरे हत्याकांड का खुलासा किया गया। जानकारी के मुताबिक मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में रहने वाले सचिन मिश्रा अपनी नवविवाहित पत्नी को दहेज की डिमांड पूरी ना होने के चलते एक घिनौनी साजिश के तहत 8 अक्टूबर 2011 को अपने पत्नी कमलेश उर्फ कनक को घुमाने के बहाने पहले गंगोत्री और यमुनोत्री ले गया था। उसके बाद 13 अक्टूबर 2011 को मसूरी के पास गन हिल के पीछे एक पहाड़ी से गिरा कर अपनी पत्नी को घायल किया और उसके बाद निर्मम तरीके से उसकी पत्थरों से मारकर हत्या कर दी गई थी इतना ही नहीं दहेज के हत्यारे पति सचिन द्वारा पत्नी का शव झाड़ियों में फेंककर छिपाया गया।

पत्नी को मौत के घाट उतारने के बाद दोषी ने पुलिस को किया गुमराह

जानकारी के मुताबिक अपनी पत्नी को दहेज हत्या के मकसद से मौत के घाट उतारने वाले सचिन मिश्रा द्वारा घटना कार्य करने के बाद ऋषिकेश पहुंचकर लक्ष्मणझूला पुलिस को उसके द्वारा सूचना दी गई कि उसकी पत्नी राम झूला में नहाते वक्त नदी में डूब गई है। पति की शिकायत के आधार पर ऋषिकेश पुलिस ने सीसीटीवी कैमरा ऑर्गन छानबीन करने के बाद जब पत्नी के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली तो उसके बाद शक के अंदेशे में पति सचिन से सख्ती से पूछताछ की तब उसके द्वारा बताया गया कि उसने दहेज की डिमांड पूरी ना होने पर अपनी पत्नी को मसूरी गन हिल में पहाड़ी से गिरा कर उसकी निर्मम तरीके से हत्या कर दी।
Last Updated : Sep 17, 2019, 10:36 PM IST
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