पौड़ीः चाकीसैंण तहसील के बडेथ गांव के लाल सिंह रावत के कुल का चिराग गुलदार की भेंट चढ़ गया. गुलदार की ओर से पांच साल के मासूम आर्यन को निवाला बनाने के बाद मां-बाप का रो रो कर बुरा हाल है. आर्यन तीन बहनों का एकलौता भाई था. वहीं, घटना से क्षेत्रीय विधायक और शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने घटना पर गहरा दु:ख जताया है. वहीं, वन मंत्री सुबोध उनियाल ने इस घटना पर दु:ख व्यक्त करते हुए डीएफओ को तत्काल ही मृतक बालक के परिजनों को मुआवजा देने हेतु निर्देशित किया, साथ ही यहां गश्त बढ़ाने और पिंजरे लगाने के लिए कहा है.
बता दें कि गढ़वाल वन प्रभाग के पौड़ी रेंज में बीते दो से तीन महीने के भीतर यह तीसरी घटना है. जब गुलदार ने इंसानों को निवाला बनाया. बीती 15 मई को इसी क्षेत्र के सपलोड़ी में शाम साढ़े छह बजे राशन लेने गई सुषमा देवी (उम्र 45 वर्ष) को निवाला बनाया था. उसके बाद 23 मई को कुलमोरी में महिला को घायल किया. जबकि, 2 जून को भट्टी गांव में घर के आंगन से ही 75 साल की बुजुर्ग महिला को गुलदार उठा ले गया.
वहीं, 4 जून को कोठड़ा, सैंजी और आस पास के गांवों में दोपहर को ही गुलदार दिखाई देने लगा था. साथ ही 21 जून को कोठड़ा गांव में फिर से दोपहर को ही गुलदार चहलकदमी करना दिखा था. अब बड़ेथ गांव में लाल सिंह के बेटे आर्यन को गुलदार ने निवाला बना लिया. बता दें कि लाल सिंह रावत बकरी पालन कर किसी तरह अपने परिवार का लालन पालन कर रहा है. मासूम की मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा है.
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बिजली और वन विभाग पर लापरवाही का आरोपः जिला पंचायत सदस्य प्रियंका रावत ने घटना में बिजली और वन विभाग की घोर लापरवाही बताई है. उन्होंने कहा कि गुरुवार को शाम से ही गांव में बिजली भी गुल रही, जो पूरी रात नहीं आई. शाम को जैसे ही मासूम घर पर नहीं मिला तो सभी ग्रामीणों ने उसकी खोजबीन की.
प्रियंका रावत ने कहा कि अंधेरा होने के कारण सर्च अभियान में भी काफी परेशानी हुई. वहीं, लोगों ने पहले ही पैठाणी क्षेत्र के आस पास गुलदार की धमक की शिकायत वन विभाग से की थी, लेकिन वन महकमे की घोर लापरवाही के चलते एक मासूम को अपनी जान गंवानी पड़ी.
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गुलदार को पकड़ने की मांगः पौड़ी रेंज के सपलोड़ी, सरणा और भट्टी गांव में सक्रिय रहने के बाद अब गुलदार पैठाणी रेंज के गांवों में सक्रिय हो गया है. ऐसे में एक बार फिर समूचे क्षेत्र में गुलदार की दहशत बन गई है. ग्रामीण शाम होते ही अपने घरों में दुबकने को मजबूर हैं. वहीं, लोगों ने वन विभाग से आदमखोर गुलदार को मारने की मांग की है.
गुलदार पर नजर बनाए रखने के लिए मौके पर टीम गश्त करेगी. साथ ही गुलदार को नरभक्षी घोषित करने के लिए पत्र मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक को भेजा जा रहा है. ग्रामीणों से अपील की गई कि शाम को अकेले इधर-उधर न जाएं. —मुकेश कुमार, डीएफओ, पौड़ी.