देहरादून: उत्तराखंड में सरकार के मंत्रियों का नौकरशाही पर हमलावर रुख अभी पुराना भी नहीं हुआ था कि नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य (Leader of Opposition Yashpal Arya) ने भी नौकरशाही के रवैया को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं. धामी सरकार के 100 दिनों में विफलता पर बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने नौकरशाही पर बड़ा तंज कसा है. यही नहीं, सरकार के 100 दिन पूरे होने पर मनाए जा रहे उत्सव को भी यशपाल आर्य ने जनता को गुमराह करने वाला बताया है.
उत्तराखंड में नौकरशाही हमेशा हावी रही है. इस बात की तस्दीक खुद उत्तराखंड में तमाम सरकारों के मंत्री करते रहे हैं. हाल ही में रेखा आर्य ने विभाग में तबादलों को लेकर आईएएस अधिकारी सचिन कुर्वे को निशाने पर लिया था. इसके बाद वन मंत्री सुबोध उनियाल (Forest Minister Subodh Uniyal) ने भी नौकरशाही के हावी होने की बात को स्वीकारा था. इससे पहले सतपाल महाराज अधिकारियों के लापरवाह और मनमानी रवैया को लेकर नाराजगी जाहिर करते रहे हैं.
सरकार में अधिकारियों के खिलाफ लामबंद होते मंत्रियों के बीच अब नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने भी मंत्रियों की इन बातों का समर्थन कर दिया. यशपाल आर्य ने दो टूक कहा कि उत्तराखंड में कुछ अधिकारियों की लॉबी काम कर रही है और यही लोग भी सरकार चलाती हैं. ये अधिकारी इतने ताकतवर हो चुके हैं कि सरकार को वह कुछ नहीं समझते. यशपाल आर्य ने कहा कि सरकार को अभी काम करने के लिए कम से कम 1 साल का वक्त दिया जाना चाहिए लेकिन जिस तरह भाजपा सरकार 100 दिनों में ही उत्सव जैसा माहौल बना रही है. वह जनता को गुमराह करने जैसा है.
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पुष्कर सिंह धामी दोबारा बने सीएम: पुष्कर सिंह धामी ने 27 मार्च 2022 को बतौर मुख्यमंत्री अपना पदभार ग्रहण किया था. हालांकि, उस समय पुष्कर सिंह धामी के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाना कांटों भरे ताज से कम नहीं था. क्योंकि, मुख्यमंत्री होते हुए भी वो खटीमा से चुनाव हार गए थे, फिर भी पार्टी ने पुष्कर सिंह धामी पर भरोसा किया और उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज किया.
कई घोषणाओं को किया पूरा: चंपावत उपचुनाव से पहले ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनता को ये मैसेज देने की पूरी कोशिश की कि बीजेपी ने मेनिफेस्टो में जिन घोषणाओं का जिक्र किया है, उन पर सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है. 100 दिनों के अंदर ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) को न केवल कैबिनेट में मंजूरी दी, बल्कि इस पर कमेठी का गठन भी किया. बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 से ठीक पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू करने की घोषणा की थी.
इन घोषणाओं को धरातल पर उतारा: इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकारी कर्मचारियों का भत्ता बढ़ाया. वहीं, समाज कल्याण विभाग से जारी होने वाली पेंशन की राशि भी बढ़ाई गई. इसके साथ ही शिक्षामित्रों का मानदेय भी 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार किया गया. इन घोषणाओं को पूरा करके मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा और जनता को मैसेज दिया कि बीजेपी की कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है.
धामी सरकार की चुनौतियां: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने पांच साल का लंबा कार्यकाल बचा हुआ है, लेकिन पांच सालों में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने कई चुनौतियां भी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या फिर खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कई बार मंचों से कह चुके हैं कि आने वाला कल उत्तराखंड का होगा. उत्तराखंड देश का अग्रणी राज्यों की श्रेणी में होगा, लेकिन ये आसान नहीं है, क्योंकि धामी सरकार के आगे चुनौतियां कम नहीं हैं.