देहरादूनः उत्तराखंड कांग्रेस में हाईकमान द्वारा सुलह कराने के बाद भी गुटबाजी सुलझती नजर नहीं आ रही है. कुछ दिन पहले हाईकमान के साथ मीटिंग के बावजूद भी नेता एकजुट होते नजर नहीं आ रहे हैं. कांग्रेस के बड़े-बडे़ कार्यक्रमों में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह दिखाई नहीं दे रहे हैं.
उत्तराखंड कांग्रेस में साफ झलक रहा है कि अभी भी सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है. कांग्रेस के बड़े-बड़े कार्यक्रमों से नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह नदारद नजर आ रहे हैं. रविवार को रायपुर विधानसभा सीट में महेंद्र नेगी गुरुजी की विजय शंखनाद जनसभा, सोमवार को कांग्रेस भवन में आयोजित सदस्यता ग्रहण कार्यक्रम और फिर उसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस से नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह गैरमौजूद रहे.
हालांकि, कांग्रेस पार्टी की ओर से प्रदेश मुख्यालय में संपन्न हुए सदस्यता ग्रहण समारोह और पत्रकार वार्ता के आमंत्रण पत्र पर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह का भी उल्लेख किया गया था. इसमें लिखा गया था कि सोमवार को नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह भी सदस्यता ग्रहण कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे.
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निराकरण का रास्ता ढूंढ लिया गयाः वहीं, जब पूर्व सीएम और चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष हरीश रावत से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम सब लोगों के कुछ सवाल जरूर थे, लेकिन ऐसा नहीं है कि मेरे ट्वीट से कुछ सवाल छलके. उन्होंने कहा कि इन सब सवालों का जिस तरह से पार्टी के अंदर निराकरण हो सकता था, वह रास्ता ढूंढ लिया गया है.
नेताओं को मोटी रस्सी से बांधना होगाः प्रीतम सिंह की कार्यक्रम में गैरमौजूदगी पर हरीश रावत ने कहा कि अब अपने नेताओं को मोटी रस्सी से बांध कर रखना होगा. उन्होंने कहा कि सब नेता अपने-अपने कार्यक्रम पर लगे हुए हैं. ऐसे में जहां तक संभव होता है, वहां सब नेता एक साथ रहते हैं. इतना बड़ा राज्य है, ऐसे में सभी नेता अपने कार्यक्रम के मुताबिक जनता के बीच जा रहे हैं.