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लता मंगेशकर ने इस गढ़वाली गीत को कर दिया अमर, 1990 में रिलीज रैबार फिल्म में गाया था गाना

1990 में रिलीज हुई गढ़वाली फ़िल्म रैबार की सबसे बड़ी पहचान एक गीत बन गया था. गीत के बोल हैं मन भरमेगे… इस गीत को शब्द देवी प्रसाद सेमवाल की कलम से निकले थे. जिसे लता मंगेशकर के स्तर की धुन में बांधने के काम को कुंवर सिंह बावला ने अंजाम दिया था. वहीं, इस गीत को गाने से पहले लता मंगेशकर ने इसके शब्दों को अर्थ समझा और करीब चार घंटे बाद इस गीत को गाया.

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लता मंगेशकर ने इस गढ़वाली गीत को कर दिया अमर.
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Published : Feb 6, 2022, 11:29 AM IST

Updated : Feb 6, 2022, 11:58 AM IST

देहरादून: भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar death) का 92 साल की उम्र में निधन हो गया. लता मंगेशकर बहुमुखी प्रतिभा की धनी थीं. साल 1990 में रिलीज हुई गढ़वाली फिल्म रैबार के लिए भी स्वर कोकिला ने एक गाना गाया था. जो इस फिल्म की पहचान बन गया. ऐसे में इस फिल्म के माध्यम से उत्तराखंड की लोक संस्कृति और यहां की बोली भाषा को वैश्विक पटल मिला.

1990 में रिलीज हुई गढ़वाली फ़िल्म रैबार की सबसे बड़ी पहचान एक गीत बन गया था. गीत के बोल हैं मन भरमेगे… इस गीत को शब्द देवी प्रसाद सेमवाल की कलम से निकले थे. जिसे लता मंगेशकर के स्तर की धुन में बांधने के काम को कुंवर सिंह बावला ने अंजाम दिया था. वहीं, इस गीत को गाने से पहले लता मंगेशकर ने इसके शब्दों को अर्थ समझा और करीब चार घंटे बाद इस गीत को गाया. जिसके बाद उत्तराखंडी सिनेमा जगत में ये गीत अमर हो गया.

वहीं, लता मंगेशकर के निधन के पूरे देश में शोक की लहर है. राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत देश की कई हस्तियों ने लता मंगेशकर के निधन पर शोक व्यक्त किया है. उत्तराखंड के सीएम धामी और अन्य नेताओं ने भी ट्वीट कर लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि दी है.

  • स्वर कोकिला, सुर साम्राज्ञी, ख्यातिलब्ध पार्श्व गायिका 'भारत रत्न' लता मंगेशकर जी के निधन की खबर से मन अत्यंत दुखी है। वे संगीत साधकों के लिए सदैव प्रेरणा थी और उनका जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है।#LataMangeshkar pic.twitter.com/CVPS1f0iXt

    — Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) February 6, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें- लता मंगेशकर के ये 10 गाने रह-रहकर दिलाएंगे उनकी याद, सुनकर नहीं रुकेंगे आंसू

सीएम ने अपने ट्वीट में लिखा कि 'स्वर कोकिला, सुर साम्राज्ञी, ख्यातिलब्ध पार्श्व गायिका 'भारत रत्न' लता मंगेशकर जी के निधन की खबर से मन अत्यंत दु:खी है. वे संगीत साधकों के लिए सदैव प्रेरणा थी और उनका जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है. ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें एवं परिजनों को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें.

लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर, 1929 को इंदौर में हुआ था. वह भारत की सबसे लोकप्रिय और आदरणीय गायिका थीं. जिनका छह दशकों का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा पड़ा है. लता जी ने लगभग तीस से ज्यादा भाषाओं में फिल्मी और गैर-फ़िल्मी गीत गाये हैं लेकिन उनकी पहचान भारतीय सिनेमा में एक पार्श्वगायक के रूप में रही है. अपनी बहन आशा भोंसले के साथ लता जी का फ़िल्मी गायन में सबसे बड़ा योगदान रहा है. लता की जादुई आवाज के भारतीय उपमहाद्वीप के साथ-साथ पूरी दुनिया में दीवाने हैं. लता दीदी को भारत सरकार ने 'भारत रत्न' से सम्मानित किया.

देहरादून: भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar death) का 92 साल की उम्र में निधन हो गया. लता मंगेशकर बहुमुखी प्रतिभा की धनी थीं. साल 1990 में रिलीज हुई गढ़वाली फिल्म रैबार के लिए भी स्वर कोकिला ने एक गाना गाया था. जो इस फिल्म की पहचान बन गया. ऐसे में इस फिल्म के माध्यम से उत्तराखंड की लोक संस्कृति और यहां की बोली भाषा को वैश्विक पटल मिला.

1990 में रिलीज हुई गढ़वाली फ़िल्म रैबार की सबसे बड़ी पहचान एक गीत बन गया था. गीत के बोल हैं मन भरमेगे… इस गीत को शब्द देवी प्रसाद सेमवाल की कलम से निकले थे. जिसे लता मंगेशकर के स्तर की धुन में बांधने के काम को कुंवर सिंह बावला ने अंजाम दिया था. वहीं, इस गीत को गाने से पहले लता मंगेशकर ने इसके शब्दों को अर्थ समझा और करीब चार घंटे बाद इस गीत को गाया. जिसके बाद उत्तराखंडी सिनेमा जगत में ये गीत अमर हो गया.

वहीं, लता मंगेशकर के निधन के पूरे देश में शोक की लहर है. राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत देश की कई हस्तियों ने लता मंगेशकर के निधन पर शोक व्यक्त किया है. उत्तराखंड के सीएम धामी और अन्य नेताओं ने भी ट्वीट कर लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि दी है.

  • स्वर कोकिला, सुर साम्राज्ञी, ख्यातिलब्ध पार्श्व गायिका 'भारत रत्न' लता मंगेशकर जी के निधन की खबर से मन अत्यंत दुखी है। वे संगीत साधकों के लिए सदैव प्रेरणा थी और उनका जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है।#LataMangeshkar pic.twitter.com/CVPS1f0iXt

    — Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) February 6, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें- लता मंगेशकर के ये 10 गाने रह-रहकर दिलाएंगे उनकी याद, सुनकर नहीं रुकेंगे आंसू

सीएम ने अपने ट्वीट में लिखा कि 'स्वर कोकिला, सुर साम्राज्ञी, ख्यातिलब्ध पार्श्व गायिका 'भारत रत्न' लता मंगेशकर जी के निधन की खबर से मन अत्यंत दु:खी है. वे संगीत साधकों के लिए सदैव प्रेरणा थी और उनका जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है. ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें एवं परिजनों को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें.

लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर, 1929 को इंदौर में हुआ था. वह भारत की सबसे लोकप्रिय और आदरणीय गायिका थीं. जिनका छह दशकों का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा पड़ा है. लता जी ने लगभग तीस से ज्यादा भाषाओं में फिल्मी और गैर-फ़िल्मी गीत गाये हैं लेकिन उनकी पहचान भारतीय सिनेमा में एक पार्श्वगायक के रूप में रही है. अपनी बहन आशा भोंसले के साथ लता जी का फ़िल्मी गायन में सबसे बड़ा योगदान रहा है. लता की जादुई आवाज के भारतीय उपमहाद्वीप के साथ-साथ पूरी दुनिया में दीवाने हैं. लता दीदी को भारत सरकार ने 'भारत रत्न' से सम्मानित किया.

Last Updated : Feb 6, 2022, 11:58 AM IST
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