विकासनगर: जौनसार बावर को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग कालसी चकराता मोटर मार्ग बरसात के सीजन में हादसों को दावत देता दिखाई दे रहा है. मार्ग में बरसात में जजरेड पहाड़ी से भूस्खलन होता रहता है, जिससे आवाजाही बाधित होती रहती है. वहीं बरसात में लोगों में जजरेड पहाड़ी का खौफ साफ देखा जा सकता है. हालांकि लोक निर्माण विभाग द्वारा मार्ग को खोलने के लिए दो जेसीबी मशीनों को तैनात किया गया है.
यूं तो बरसात के दिनों में पहाड़ों में जगह-जगह भूस्खलन होता रहता है. जिससे कई मार्ग बाधित भी हो जाते हैं. वहीं जौनसार बाबर की लाइफ लाइन कहे जाने वाले कालसी चकराता मोटर मार्ग पर कई वर्षों से भूस्खलन होता आ रहा है. जिसमें मुख्यत: जजरेड पहाड़ी है जहां लगातार भूस्खलन होता रहता है. जिसका खौफ लोगों में भी साफ देखा जा सकता है. इस पहाड़ी के भूस्खलन की चपेट में कई लोग चोटिल भी हो चुके हैं. वही जौनसार बावर से बरसात के दिनों में काफी मात्रा में स्थानीय नगदी फसलों का उत्पादन भारी मात्रा में किया जाता है. जिसे साहिया मंडी से विकासनगर- देहरादून आदि मंडियों में भेजा जाता है.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड लॉकडाउनः नियमों का उल्लंघन करने पर 22 लोगों पर मुकदमा दर्ज, 977 गिरफ्तार
लेकिन जजरेड पार्टी के भूस्खलन के कारण किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. पूर्व की सरकार ने इस पहाड़ी से आवागमन के लिए स्थाई समाधान करने के लिए पुल व टनल बनाने का आश्वासन दिया. लेकिन वह भी कागजों में ही सिमट कर रह गया. वर्तमान सरकार से लोगों को काफी उम्मीदें हैं लेकिन वर्तमान सरकार द्वारा भी जजरेड पहाड़ी का स्थाई समाधान नहीं निकाला जा रहा है, जिससे लोगों में खासा रोष है.
ये भी पढ़ें: 2013 केदारनाथ आपदा में ये मार्ग बना था संकटमोचक, आज पग-पग पर बैठा है 'यमराज'
वहीं चंदन सिंह रावत का कहना है कि लोगों का चकराता से देहरादून-विकासनगर आना-जाना लगा रहता है. लेकिन बरसात के दिनों में पहले ही मन में जजरेड पहाड़ी से हो रहे भूस्खलन का खौफ पैदा हो जाता है. जिस पर सरकार भी ध्यान नहीं दे रही है. जिससे लोगों में सरकार के प्रति रोष गहराता जा रहा है.