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विकासनगर: साल 2013 में आई आपदा में क्षतिग्रस्त हुई हाइड्रम सिंचाई योजना, बंजर हो रही 6 एकड़ जमीन - सिंचाई योजना क्षतिग्रस्त

मलेथा खेड़ा की जड़वाला छानी के किसान इन दिनों खासे परेशान हैं. साल 2013 के बाद से लघु सिंचाई विभाग द्वारा हाइड्रम सिंचाई योजना इन दिनों ठप पड़ी हुई है, जिससे किसानों की 6 हेक्टेयर जमीन बंजर हो रही है.

vikasnagar news
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Published : Jan 14, 2020, 6:15 PM IST

विकासनगर: कालसी ब्लॉक के मलेथा खेड़ा की जड़वाला छानी में सरकार वो दावे खोखले साबित हो रहे हैं, जिसमें किसानों की आय दोगुनी करनी की बात कही जाती है. जड़वाला छानी में लघु सिंचाई विभाग द्वारा हाइड्रम सिंचाई योजना इन दिनों ठप पड़ी हुई है, जिससे करीब 6 हेक्टेयर उपजाऊ जमीन बंजर हो रही है. बता दें, हाइड्रम सिंचाई योजना साल 2013 में आई आपदा में क्षतिग्रस्त हो गई थी.

सिंचाई योजना क्षतिग्रस्त होने से किसान परेशान.

दरअसल, उत्तर प्रदेश के बंटवारे से पहले लघु सिंचाई विभाग ने हाइड्रम सिंचाई योजना के तहत पाइप लाइन बिछाई थी, जिसका लाभ जड़वाला छानी के किसानों को मिल रहा था, लेकिन साल 2013 में आई आपदा में यह योजना क्षतिग्रस्त हो गई, जिस कारण 15 परिवार खेत भुखमरी की कगार पर आ गए हैं. उनका कहना है कि उन्होंने इस संबंध में कई बार विभागीय अधिकारियों को अवगत कराया, लेकिन अभी तक इस ओर ध्यान नहीं किया गया.

जड़वाला छानी के किसान गोपाल सिंह राठौर ने बताया कि यह योजना क्षतिग्रस्त होने से लगभग 6 हेक्टेयर भूमि बंजर हो रही है. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात करती है लेकिन अधिकारियों की अनदेखी की वजह से वो दावे खोखले साबित हो रहे हैं.

पढ़ें- हरदा का अनोखा अंदाज, महिलाओं संग किया झोड़ा-चाचरी डांस

इस मामले में लघु सिंचाई विभाग कालसी के अवर अभियंता सतीश शर्मा ने बताया कि बजट न होने के कारण हाइड्रम सिंचाई योजनाएं की मरम्मत नहीं हो पा रही है. हर साल की तरह इस साल भी मेंटेनेंस का प्रस्ताव शासन को भेजा जा रहा है. बजट आते ही मरम्मत कराई जाएगी.

विकासनगर: कालसी ब्लॉक के मलेथा खेड़ा की जड़वाला छानी में सरकार वो दावे खोखले साबित हो रहे हैं, जिसमें किसानों की आय दोगुनी करनी की बात कही जाती है. जड़वाला छानी में लघु सिंचाई विभाग द्वारा हाइड्रम सिंचाई योजना इन दिनों ठप पड़ी हुई है, जिससे करीब 6 हेक्टेयर उपजाऊ जमीन बंजर हो रही है. बता दें, हाइड्रम सिंचाई योजना साल 2013 में आई आपदा में क्षतिग्रस्त हो गई थी.

सिंचाई योजना क्षतिग्रस्त होने से किसान परेशान.

दरअसल, उत्तर प्रदेश के बंटवारे से पहले लघु सिंचाई विभाग ने हाइड्रम सिंचाई योजना के तहत पाइप लाइन बिछाई थी, जिसका लाभ जड़वाला छानी के किसानों को मिल रहा था, लेकिन साल 2013 में आई आपदा में यह योजना क्षतिग्रस्त हो गई, जिस कारण 15 परिवार खेत भुखमरी की कगार पर आ गए हैं. उनका कहना है कि उन्होंने इस संबंध में कई बार विभागीय अधिकारियों को अवगत कराया, लेकिन अभी तक इस ओर ध्यान नहीं किया गया.

जड़वाला छानी के किसान गोपाल सिंह राठौर ने बताया कि यह योजना क्षतिग्रस्त होने से लगभग 6 हेक्टेयर भूमि बंजर हो रही है. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात करती है लेकिन अधिकारियों की अनदेखी की वजह से वो दावे खोखले साबित हो रहे हैं.

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इस मामले में लघु सिंचाई विभाग कालसी के अवर अभियंता सतीश शर्मा ने बताया कि बजट न होने के कारण हाइड्रम सिंचाई योजनाएं की मरम्मत नहीं हो पा रही है. हर साल की तरह इस साल भी मेंटेनेंस का प्रस्ताव शासन को भेजा जा रहा है. बजट आते ही मरम्मत कराई जाएगी.

Intro:विकासनगर_ कालसी ब्लॉक के मलेथा खेड़ा की जड़वाला छानी में वर्षों पूर्व बनी लघु सिंचाई विभाग द्वारा हाइड्रम सिंचाई योजना इन दिनों ठप पड़ी हुई है जिससे लगभग 6 हेक्टेयर भूमि सिंचित हुआ करती थी लेकिन वर्ष 2013 में आई आपदा से हाइड्रम सिंचाई योजना ठप पड़ी हुई है जिससे किसानों की कई हेक्टेयर भूमिअसिंचित हो रही है


Body:कालसी ब्लॉक के मलेथा खेड़ा के जड़वाला छानी में वर्ष पूर्व बनाई गई है लघु सिंचाई विभाग द्वारा वर्षों पुर हाइड्रम सिंचाई योजना के तहत लगभग 6 हेक्टेयर भूमि को सिंचित करने के लिए बनाई गई थी वर्ष 2013 में आई आपदा से यह योजना क्षतिग्रस्त हो गई जिस कारण से लगभग 15 परिवार खेती-किसानी से वंचित रह गए इस समय किसानों का कहना है कि आसमानी वर्षा पर ही खेती किसानी की जा रही है अगर समय से वर्षा नहीं हुई तो जमीन बंजर हो जाती है जिसका खामियाजा हमारे परिवार को भुगतना पड़ता है एवं आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ रहा है विभाग द्वारा इस और कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है कई बार ग्रामीणों द्वारा विभाग को अवगत कराने के बाद भी विभाग ने जड़वाला छानी की हाइड्रम सिंचाई योजना को ठीक नहीं किया गया जिस कारण से किसान काफी परेशान है एक तरफ सरकार कह रही है कि किसानों की आय दोगुनी होगी लेकिन ऐसी हालत में क्या किसानों की आय दोगुनी हो सकती है इससे तो यह अंदाजा लगाया जाता है कि किसानों के प्रति विभाग व सरकार लापरवाह बने हुए हैं


Conclusion:जड़ वाला छानी के किसान गोपाल सिंह राठौर ने बताया कि वर्षों पूर्व बनी यह हाइड्रम सिंचाई योजना लगभग 6 हेक्टेयर भूमि को सिंचित कर रही थी जिससे कि किसान अपनी आर्थिकी में सुधार कर रहे थे लेकिन वर्ष 2013 में आई अमलावा नदी के उफान से हाइड्रम सिंचाई योजना क्षतिग्रस्त हो गई है बावजूद इसके विभाग ने सिंचाई योजना ठीक करने की सुध नहीं ली जबकि कई बार विभागीय अधिकारियों को लिखित व मौखिक रूप से अवगत करवाया गया
वही लघु सिंचाई विभाग कालसी के अवर अभियंता सतीश शर्मा ने बताया कि हर वर्ष मेंटेनेंस का प्रस्ताव शासन को भेजा जा रहा है लेकिन बजट न होने के कारण कई हाइड्रम सिंचाई योजनाएं की मरम्मत का कार्य नहीं हो पा रहा है और इस वर्ष दोबारा रिवाइज कर कर प्रस्ताव भेजा गया है बजट आते ही हाइड्रम सिंचाई योजना की मेंटेनेंस का कार्य किया जाएगा
बाइट_ गोपाल सिंह राठौर_ किसान
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