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दून अस्पताल में बढ़ रही अस्थमा के मरीजों की संख्या, महिला वार्ड में रूम हीटर का अभाव

उत्तराखंड में सर्दी के कहर से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. इसके साथ ही अस्पतालों में अस्थमा के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में दून अस्पताल भी मरीजों से पटा पड़ा है. साथ ही यहां पर्याप्त सुविधाएं न होने से मरीज परेशान हैं.

doon hospital
दून अस्पताल
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Published : Dec 19, 2019, 2:36 PM IST

देहरादून: पहाड़ी क्षेत्रों में जहां एक तरफ भारी बर्फबारी हो रही है तो इसका असर मैदानी क्षेत्रों में भी दिखने लगा है. अगर खासकर बात सरकारी अस्पतालों की करें तो सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों की तादाद भी बढ़ने लगी है. वहीं, दून मेडिकल कॉलेज में आने वाले मरीजों के लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई भी सुविधाएं नहीं की गई हैं. इसे लेकर मरीज अपने घरों से रजाई गद्दे व अलाव की व्यवस्था स्वयं कर रहे हैं. हालांकि, अस्पताल में स्टॉफ नर्सों और डॉक्टरों के लिए अस्पताल प्रशासन ने अलाव जरूर मुहैया करवा रखे हैं.

दून अस्पताल में बढ़े मरीज.

तीमारदारों की मानें तो अस्पताल में मरीज की सही तरीके से देख-रेख हो रही है लेकिन काफी सर्दी होने के कारण अस्पताल प्रशासन ने कोई हीटर की व्यवस्था नहीं कर रखी है. इसलिए हम लोग हीटर घर से लेकर आये हैं. ठंड के कारण मरीज परेशान होते हैं इसलिए हीटर लगाना चाहिए.

वहीं दून अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ केसी पंत की मानें तो बढ़ती सर्दी के चलते अस्पतालों में मरीजों की तादाद भी बढ़ने लगी है. खासकर उन मरीजों की तादाद बढ़ रही है जिनमें हार्ट के मरीज ज्यादा हैं. साथ ही पंत ने कहा कि इस सर्द मौसम में लोगों को पूरे कपड़े पहनने चाहिए.हालांकि, वे यह भी मानते हैं कि पहाड़ों में हो रही बर्फबारी के चलते अस्पतालों में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि पहाड़ों में सड़क ब्लॉक होने से कई मरीज अस्पताल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं इससे वहां पर यह जीवन-यापन करने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

ऐसे में एक बात तो साफ है कि भले ही दून प्रशासन ने अस्पताल के कर्मचारियों के लिए अलाव की व्यवस्था कर दी हो लेकिन अस्पताल में आने वाले मरीज भगवान भरोसे है. बहराल देखना होगा कि दून अस्पताल प्रशासन मरीजों के लिए कोई व्यवस्था करता है या फिर इसी तरह से मरीजों को ठंड में ठिठुरना पड़ेगा. उत्तराखंड के सबसे बड़े सरकारी दून मेडिकल कॉलेज में ठंड से बचने के लिए भर्ती मरीजों के लिए हीटर का इंतजाम तक नहीं है. ठंड के कारण मरीज ठिठुर रहे हैं वार्डों में हीटर आदि की पर्याप्त सुविधा नहीं होने से जच्चा-बच्चा वार्ड की स्थिति और भी खराब है. तापमान में गिरावट होने की वजह से अस्पताल में भर्ती मरीजों की हालत और खराब हो गई है.

दून मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों को ठंड से बचाने के लिए अस्पताल के पास हीटर तक उपलब्ध नहीं हैं, जो हीटर अस्पताल के पास मौजूद हैं वो या तो खराब हो गए हैं या कंडम अवस्था में हैं. बुधवार को तापमान में गिरावट देखने के बाद ठंड का प्रकोप बढ़ गया है. सुबह से ही ठंडी ठंडी हवाएं पूरे शरीर में ठिठुरन पैदा कर दे रही हैं. थोड़ी सी भी लापरवाही गंभीर मरीजों को जन्म दे सकती है. ऐसे में दून मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों को हीटर तक उपलब्ध नहीं करा पा रहा है.

वार्डों में हीटर आदि की सुविधा न होने से जच्चा-बच्चा वार्ड की स्थिति और भी खराब है. इस मौसम में खासकर जच्चा बच्चा वार्डों को गर्म रखना आवश्यक है. परन्तु दून मेडिकल कॉलेज किस जच्चा-बच्चा वार्ड में ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है. वार्डों में भर्ती महिला मरीजों और नवजातों को राहत देने के लिए हीटर है ही नहीं. वहां भर्ती महिलाओं के तीमारदार जच्चा बच्चा को गर्म कंबल और कपड़ों के माध्यम से गर्म रख रहे हैं. मेडिकल कॉलेज की महिला विंग में तैनात नर्स के मुताबिक उनके माध्यम से मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को कई बार हीटर उपलब्ध कराने को लेकर निवेदन किया गया है लेकिन अभी तक वार्डों में हीटर नहीं लगाए गए हैं जिससे वहां भर्ती महिलाओं और नवजातों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

यह भी पढ़ेंः हरिद्वारः कड़ाके की ठंड में ठिठुर रहे यात्री, नगर निगम ने नहीं कराई अलाव की व्यवस्था

वहीं, दून मेडिकल कॉलेज के डिप्टी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ एन एस खत्री के मुताबिक बीते साल भी काफी मात्रा में हीटर खरीदे गए थे, लेकिन उनमें से कई हीटरों को रिपेयर होने की जरूरत है. इस बार भी नये हीटर परचेस किए गए हैं जहां कहीं से भी डिमांड आएगी, वहां पूर्ति कर दी जाएगी. उन्होंने भी माना कि ठंड काफी बढ़ गई है, ऐसे में मरीजों के लिए जिन वार्डों में हीटरों की आवश्यकता होगी, उन वार्डों में हीटर की व्यवस्था कर दी जाएगी. दरअसल बुधवार को मौसम ने करवट बदलते हुए ठंड में अत्यधिक इजाफा कर दिया है लेकिन ठंड से राहत दिलाने के लिए दून अस्पताल के महिला वार्ड में नवजात व प्रसूताओं के लिए रूम हीटर नहीं है.

देहरादून: पहाड़ी क्षेत्रों में जहां एक तरफ भारी बर्फबारी हो रही है तो इसका असर मैदानी क्षेत्रों में भी दिखने लगा है. अगर खासकर बात सरकारी अस्पतालों की करें तो सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों की तादाद भी बढ़ने लगी है. वहीं, दून मेडिकल कॉलेज में आने वाले मरीजों के लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई भी सुविधाएं नहीं की गई हैं. इसे लेकर मरीज अपने घरों से रजाई गद्दे व अलाव की व्यवस्था स्वयं कर रहे हैं. हालांकि, अस्पताल में स्टॉफ नर्सों और डॉक्टरों के लिए अस्पताल प्रशासन ने अलाव जरूर मुहैया करवा रखे हैं.

दून अस्पताल में बढ़े मरीज.

तीमारदारों की मानें तो अस्पताल में मरीज की सही तरीके से देख-रेख हो रही है लेकिन काफी सर्दी होने के कारण अस्पताल प्रशासन ने कोई हीटर की व्यवस्था नहीं कर रखी है. इसलिए हम लोग हीटर घर से लेकर आये हैं. ठंड के कारण मरीज परेशान होते हैं इसलिए हीटर लगाना चाहिए.

वहीं दून अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ केसी पंत की मानें तो बढ़ती सर्दी के चलते अस्पतालों में मरीजों की तादाद भी बढ़ने लगी है. खासकर उन मरीजों की तादाद बढ़ रही है जिनमें हार्ट के मरीज ज्यादा हैं. साथ ही पंत ने कहा कि इस सर्द मौसम में लोगों को पूरे कपड़े पहनने चाहिए.हालांकि, वे यह भी मानते हैं कि पहाड़ों में हो रही बर्फबारी के चलते अस्पतालों में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि पहाड़ों में सड़क ब्लॉक होने से कई मरीज अस्पताल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं इससे वहां पर यह जीवन-यापन करने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

ऐसे में एक बात तो साफ है कि भले ही दून प्रशासन ने अस्पताल के कर्मचारियों के लिए अलाव की व्यवस्था कर दी हो लेकिन अस्पताल में आने वाले मरीज भगवान भरोसे है. बहराल देखना होगा कि दून अस्पताल प्रशासन मरीजों के लिए कोई व्यवस्था करता है या फिर इसी तरह से मरीजों को ठंड में ठिठुरना पड़ेगा. उत्तराखंड के सबसे बड़े सरकारी दून मेडिकल कॉलेज में ठंड से बचने के लिए भर्ती मरीजों के लिए हीटर का इंतजाम तक नहीं है. ठंड के कारण मरीज ठिठुर रहे हैं वार्डों में हीटर आदि की पर्याप्त सुविधा नहीं होने से जच्चा-बच्चा वार्ड की स्थिति और भी खराब है. तापमान में गिरावट होने की वजह से अस्पताल में भर्ती मरीजों की हालत और खराब हो गई है.

दून मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों को ठंड से बचाने के लिए अस्पताल के पास हीटर तक उपलब्ध नहीं हैं, जो हीटर अस्पताल के पास मौजूद हैं वो या तो खराब हो गए हैं या कंडम अवस्था में हैं. बुधवार को तापमान में गिरावट देखने के बाद ठंड का प्रकोप बढ़ गया है. सुबह से ही ठंडी ठंडी हवाएं पूरे शरीर में ठिठुरन पैदा कर दे रही हैं. थोड़ी सी भी लापरवाही गंभीर मरीजों को जन्म दे सकती है. ऐसे में दून मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों को हीटर तक उपलब्ध नहीं करा पा रहा है.

वार्डों में हीटर आदि की सुविधा न होने से जच्चा-बच्चा वार्ड की स्थिति और भी खराब है. इस मौसम में खासकर जच्चा बच्चा वार्डों को गर्म रखना आवश्यक है. परन्तु दून मेडिकल कॉलेज किस जच्चा-बच्चा वार्ड में ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है. वार्डों में भर्ती महिला मरीजों और नवजातों को राहत देने के लिए हीटर है ही नहीं. वहां भर्ती महिलाओं के तीमारदार जच्चा बच्चा को गर्म कंबल और कपड़ों के माध्यम से गर्म रख रहे हैं. मेडिकल कॉलेज की महिला विंग में तैनात नर्स के मुताबिक उनके माध्यम से मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को कई बार हीटर उपलब्ध कराने को लेकर निवेदन किया गया है लेकिन अभी तक वार्डों में हीटर नहीं लगाए गए हैं जिससे वहां भर्ती महिलाओं और नवजातों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

यह भी पढ़ेंः हरिद्वारः कड़ाके की ठंड में ठिठुर रहे यात्री, नगर निगम ने नहीं कराई अलाव की व्यवस्था

वहीं, दून मेडिकल कॉलेज के डिप्टी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ एन एस खत्री के मुताबिक बीते साल भी काफी मात्रा में हीटर खरीदे गए थे, लेकिन उनमें से कई हीटरों को रिपेयर होने की जरूरत है. इस बार भी नये हीटर परचेस किए गए हैं जहां कहीं से भी डिमांड आएगी, वहां पूर्ति कर दी जाएगी. उन्होंने भी माना कि ठंड काफी बढ़ गई है, ऐसे में मरीजों के लिए जिन वार्डों में हीटरों की आवश्यकता होगी, उन वार्डों में हीटर की व्यवस्था कर दी जाएगी. दरअसल बुधवार को मौसम ने करवट बदलते हुए ठंड में अत्यधिक इजाफा कर दिया है लेकिन ठंड से राहत दिलाने के लिए दून अस्पताल के महिला वार्ड में नवजात व प्रसूताओं के लिए रूम हीटर नहीं है.

Intro:पहाड़ी क्षेत्रों में जहां एक तरफ भारी बर्फबारी हो रही है तो इसका असर मैदानी क्षेत्रों में भी दिखने लगा है अगर खासकर बात सरकारी अस्पतालों की करें तो सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों की तादाद भी बढ़ने लगी है।वही दून मेडिकल कॉलेज में आने वाले मरीजों के लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई भी सुविधाएं नहीं की गई है इसे लेकर मरीज अपने घरों से रजाई गद्दे व अलाव की व्यवस्था स्वयं कर रहे हैं हालांकि अस्पताल में स्टॉप नर्सों और डॉक्टरों के लिए अस्पताल प्रशासन ने अलाव जरूर मुहैया करवा रखे हैं आप स्वयं इन तस्वीरों को देखिए हलाल के मरीजों के माने तो उन्हें इलाज तो मिल रहा है लेकिन लेकिन काफी ठंड होने के कारण मरीजों के लिए हीटर की व्यवस्था नहीं की गई है!Body:तीमारदारों की माने तो अस्पताल में मरीज की सही तरीके से देख रेख हो रही है लेकिन काफी सर्दी होने के कारण अस्पताल प्रशासन ने कोई हीटर की व्यवस्था नही कर रखी है।इसलिए हम लोग हीटर घर से लेकर आये है।ठंड के कारण मरीज परेशान होते है इसलिए हीटर लगाना चाहिए।  

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वही दून अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ केसी पंत की मानें तो बढ़ती सर्दी के चलते अस्पतालों में मरीजों की तादाद भी बढ़ने लगी है। खासकर उन मरीजों की तादाद बढ़ रही है जिनको की हार्ट की दिक्कत ज्यादा होती है।साथ ही के सी पंत ने का कि खासकर कहा कि इस सर्द मौसम में लोगों को पूरे कपड़े पहनने चाहिए हालांकि केसी पंत भी मानते हैं कि पहाड़ों में हो रही बर्फबारी के चलते अस्पतालों में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।साथ ही उन्होंने कहा कि पहाड़ों में सड़क ब्लॉक होने से कई मरीज अस्पताल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं इससे वहां पर यह जीवन यापन करने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

 बाइट-डॉ केसी पंत वरिष्ठ फिजिशियन दून अस्पतालConclusion:ऐसे में एक बात तो साफ है कि भले ही दून प्रशासन ने अस्पताल के कर्मचारियों के लिए अलाव की व्यवस्था कर दी हो लेकिन अस्पताल में आने वाले मरीज भगवान भरोसे हैं।बहराल देखना होगा कि दून अस्पताल प्रशासन मरीजों के लिए कोई व्यवस्था करता है या फिर इसी तरह से मरीजों को ठंड में ठिठुरना पडेगा।  
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