देहरादून: उत्तराखंड में डेंगू के डंक से हाहाकार मचा है तो उधर आम लोगों के लिए लैब टेक्नीशियन का कार्य बहिष्कार उनकी मुश्किलें बढ़ाने जा रहा है. खास बात यह है कि लैब टेक्नीशियन ने अपनी मांगे पूरी न ने तक अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार पर जाने का एलान कर दिया है.
डेंगू को लेकर प्रदेश भर में पहले ही परेशानी बेहद ज्यादा है. उधर दून मेडिकल कॉलेज में तैनात लैब टेक्नीशियन ने कार्य बहिष्कार का ऐलान कर इन दिक्कतों को और भी बढ़ा दिया है.
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उत्तराखंड में फिलहाल डेंगू के मरीजों की संख्या 600 के पार पहुंच चुकी है. इसमें 90 प्रतिशत डेंगू के मरीज देहरादून में ही पाए गए हैं. इस बीच देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज में लैब टेक्नीशियन का कार्य बहिष्कार पर जाना ऐसे हालात में बेहद ज्यादा मुश्किलें बढ़ाने वाला है.
बता दें कि दून मेडिकल कॉलेज में कुल 57 लैब टेक्नीशियन है. जिन्होंने अनिश्चितकाल के लिए कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया है. इसके बाद सबसे बड़ी समस्या मरीजों की जांच रिपोर्ट को लेकर आएगी. हालांकि सभी 57 लैब टेक्नीशियन संविदा पर तैनात कर्मी है और फिलहाल स्थाई कर्मी कार्य पर मौजूद है, बावजूद इसके इन कर्मियों का काम पर न आना डेंगू के हालात में खासी दिक्कतें पैदा करेगा. संविदा पर तैनात लैब टेक्नीशियन का कहना है कि उन्हें पिछले 6 माह से वेतन नहीं दिया गया है. साथ ही उनके अनुबंध को भी आगे नहीं बढ़ाया गया है. इस कारण जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती तब तक वह कार्य बहिष्कार पर रहेंगे.
दून मेडिकल कॉलेज के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट एमएस खत्री भी मान रहे हैं कि संविदा कर्मी लैब टेक्नीशियन के हड़ताल पर जाने से फिलहाल कुछ फर्क पड़ रहा है लेकिन दूसरे अस्पतालों से स्टाफ मंगाने के बाद दिक्कतें बेहद ज्यादा नहीं है. साथ ही अस्पताल की तरफ से उचित व्यवस्थाएं कर ली गई हैं.
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दून में लगातार डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या स्वास्थ्य महकमे के लिए चिंता का सबब है. ऐसे में लैब टेक्नीशियन संविदा कर्मियों का कार्य बहिष्कार करना इस चिंता को और बढ़ाने लगा. हालांकि प्रशासन की तरफ से सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की बात कही जा रही हैं, बावजूद इसके अस्पताल में मरीजों को दिक्कतें आना तय है.