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लैब टेक्नीशियनों ने किया आंदोलन का ऐलान, उत्पीड़न का लगाया आरोप

लैब टेक्नीशियनों ने उत्पीड़न बंद करने का आरोप लगाते हुए 8 अक्टूबर से आंदोलन करने का ऐलान किया है. साथ ही उन्होंने नए लैब टेक्नीशियनों की भर्ती करने की मांग की है.

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लैब टेक्नीशियन
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Published : Oct 4, 2020, 3:41 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड मेडिकल लैब टेक्नीशियन एसोसिएशन ने चरणबद्ध तरीके से आंदोलन का ऐलान किया है. लैब टेक्नीशियनों ने आगामी आठ अक्टूबर से आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है. लैब टैक्नीशियन आगामी 12 अक्टूबर तक काली पट्टी बांधकर काम करेंगे. इसके बाद भी उनकी मांगे पूरी नहीं होने पर ओपीडी की लैब सेवाओं का बहिष्कार करेंगे.

लैब टेक्नीशियनों ने दी आंदोलन की चेतावनी.

एसोसिएशन के प्रांतीय महासचिव ने आरोप लगाया कि अस्पतालों में कोरोना जांच में लगे लैब टेक्निशयनों ने आंदोलन की चेतावनी दे दी है. टेक्नीशियन कर्मचारियों पर सैंपल लेने और जांच का दबाव है. साथ ही कई कर्मचारी कोरोनाकाल में संक्रमित हो चुके हैं, लेकिन उन्हें अस्पतालों से डिस्चार्ज होते ही तत्काल ड्यूटी पर बुलाया जा रहा है.

ये भी पढ़ेंः अब 'मास्क नहीं तो सामान नहीं', डीएम ने अधिकारियों को किया निर्देशित

एसोसिएशन के प्रांतीय महासचिव मनोज मिश्रा का कहना है कि लैब टेक्नीशियन कोरोना काल में जान जोखिम में डालकर दिन-रात काम कर रहे हैं. कोविड की सैंपलिग हो या फिर सैंपलों की जांच करना, इन सभी का जिम्मा लैब टेक्नीशियनों पर है. हर लैब टेक्नीशियन रोजाना 15 से 17 घंटे बिना रुके हुए काम कर रहा है. जिससे लैब टेक्नीशियन परेशान हैं. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को दिए ज्ञापन में उत्पीड़न बंद करने और नए लैब टेक्नीशियनों की भर्ती किए जाने की मांग की है.

देहरादूनः उत्तराखंड मेडिकल लैब टेक्नीशियन एसोसिएशन ने चरणबद्ध तरीके से आंदोलन का ऐलान किया है. लैब टेक्नीशियनों ने आगामी आठ अक्टूबर से आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है. लैब टैक्नीशियन आगामी 12 अक्टूबर तक काली पट्टी बांधकर काम करेंगे. इसके बाद भी उनकी मांगे पूरी नहीं होने पर ओपीडी की लैब सेवाओं का बहिष्कार करेंगे.

लैब टेक्नीशियनों ने दी आंदोलन की चेतावनी.

एसोसिएशन के प्रांतीय महासचिव ने आरोप लगाया कि अस्पतालों में कोरोना जांच में लगे लैब टेक्निशयनों ने आंदोलन की चेतावनी दे दी है. टेक्नीशियन कर्मचारियों पर सैंपल लेने और जांच का दबाव है. साथ ही कई कर्मचारी कोरोनाकाल में संक्रमित हो चुके हैं, लेकिन उन्हें अस्पतालों से डिस्चार्ज होते ही तत्काल ड्यूटी पर बुलाया जा रहा है.

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एसोसिएशन के प्रांतीय महासचिव मनोज मिश्रा का कहना है कि लैब टेक्नीशियन कोरोना काल में जान जोखिम में डालकर दिन-रात काम कर रहे हैं. कोविड की सैंपलिग हो या फिर सैंपलों की जांच करना, इन सभी का जिम्मा लैब टेक्नीशियनों पर है. हर लैब टेक्नीशियन रोजाना 15 से 17 घंटे बिना रुके हुए काम कर रहा है. जिससे लैब टेक्नीशियन परेशान हैं. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को दिए ज्ञापन में उत्पीड़न बंद करने और नए लैब टेक्नीशियनों की भर्ती किए जाने की मांग की है.

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