देहरादून: ब्रेन ट्यूमर आज केवल बुजुर्गों में ही नहीं बल्कि तेजी से युवा और बच्चों को भी समान रूप से प्रभावित कर रहा है. ब्रेन ट्यूमर घातक तो है ही, लेकिन जानलेवा भी हो सकता है.
कैसे होता है ब्रेन ट्यूमर: डॉक्टरों का कहना है कि हमारे शरीर के सभी महत्वपूर्ण कार्य जैसे खाने, बोलने तथा चलने आदि और हमारी सभी भावनाएं, प्यार से नफरत तक, मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और तंत्रिकाएं ब्रेन द्वारा नियंत्रित होती हैं. खोपड़ी के अंदर ऊतकों की असामान्य वृद्धि से ट्यूमर का निर्माण होता है जो कि सामान्य ऊतकों को नष्ट करने और उन पर दबाव का कारण बनता है. लगातार सिरदर्द सहित लक्षणों की शुरुआती पहचान फायदेमंद हो सकती है. डॉक्टरों का कहना है कि इससे इलाज के नतीजे और मरीजों की रिकवरी में काफी सुधार होता है.
क्या कहते हैं डॉक्टर: डॉ. एएम ठाकुर, प्रिंसिपल कंसल्टेंट, न्यूरोसर्जरी, MIND ने बताया कि ब्रेन ट्यूमर कैंसर के रूप में भी हो सकता है. बिना कैंसर वाला ट्यूमर भी हो सकता है. कैंसर वाले ब्रेन ट्यूमर ज्यादातर, ब्रेन मैटर यानी आंतरिक ब्रेन से उत्पन्न होते हैं. इलाज के जरिए केवल इसकी रफ्तार पर थोड़ा नियंत्रण पाया जा सकता है. लेकिन इसे पूरी तरह से खत्म करना अभी तक चुनौती भरा है. इसके उपचार के लिए अलग अलग तरह की सर्जरी के बाद रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी का उपयोग करके कंट्रोल किया जा सकता है.
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ऐसे होता है ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन: वहीं इसके अलावा बिना कैंसर वाले ट्यूमर ज्यादातर मस्तिष्क के बाहरी या आसपास की संरचनाओं से जन्म लेते हैं. डॉक्टर बताते हैं कि ब्रेन ट्यूमर का अक्सर, जागते समय ऑपरेशन किया जाता है. ताकि मरीज द्वारा सर्जन को यह पता लगाने में मदद मिल सके कि शरीर के अन्य अंग काम कर रहे हैं या मरीज बोलने में समर्थ है.