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क्या है ब्लैक फंगस, कैसे मिलेगी दवाई और कौन करेगा इलाज, पढ़िए ये रिपोर्ट

देश के कई राज्यों के साथ उत्तराखंड में भी ब्लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में ईटीवी भारत ने ब्लैक फंगस के उपचार के नोडल अधिकारी डॉक्टर नारायण जीत सिंह से खास बातचीत की. देखिए स्पेशल रिपोर्ट...

ब्लैक फंगस
ब्लैक फंगस से घबराए नहीं
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Published : May 21, 2021, 5:15 PM IST

Updated : May 21, 2021, 9:13 PM IST

देहरादून: अभी कोरोना का आतंक खत्म भी नहीं हुआ कि उससे पहले ब्लैक फंगस तेजी से पांव पसारने लगा है. जिसने देश के साथ-साथ प्रदेश की सरकार और आम जनता की चिंताएं बढ़ा दी हैं. उत्तराखंड में भी ब्लैक फंगस के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं, लेकिन कोविड से ब्लैक फंगस कैसे बिल्कुल अलग है. कैसे आपको आसानी से इसकी दवाई मिलेगी. इन सारे महत्वपूर्ण विषयों पर ईटीवी भारत ने ब्लैक फंगस के नोडल अधिकारी और दून मेडिकल कॉलेज के HOD डॉ. नारायण जीत सिंह से खास बातचीत की.

ब्लैक फंगस से घबराए नहीं

ब्लैक फंगस को लेकर डॉक्टरों की राय

ब्लैक फंगस उपचार के लिए नोडल अधिकारी बनाये गए दून मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन डिपार्टमेंट के हेड डॉक्टर नारायण जीत सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि ब्लैक फंगस बीमारी एक सामान्य बीमारी है, जो पुराने समय से चलती आ रही है. इस बीमारी में सामान्य फफूंद जो कि ब्रेड या फिर सड़े गले खाद्य पदार्थों पर लगती है, वही फफूंद हवा या फिर किसी अन्य माध्यम से हमारे शरीर में पहुंच जाती है.

कमजोर इम्यूनिटी वाले को ब्लैक फंगस से खतरा

उन्होंने कहा कि सामान्यतः हमारा शरीर इस फफूंद को खत्म कर देता है, लेकिन कोरोना वायरस के मामलों में यह इसलिए यह घातक साबित हो रहा है, क्योंकि इस महामारी से लोगों की इम्युनिटी बेहद कम हो जाती है. इसे खत्म करने के लिए डॉक्टरों को थोड़ा ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. उन्होंने कहा कि सामान्य लोगों में ब्लैक फंगस होने का चांस बेहद कम होता है, लेकिन जो पहले से ही किसी बीमारी से ग्रसित हो या फिर जिस की इम्युनिटी बहुत कम हो, उसके लिए यह थोड़ा चुनौती भरा हो जाता है.

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ये हैं ब्लैक फंगस से लक्षण

ये भी पढ़ें: ब्लैक फंगस : उत्तराखंड में तैयार होगी दवा, दो फैक्ट्रियों में होगा उत्पादन

कोविड जैसा नहीं फैलता ब्लैक फंगस

डॉ. नारायण जीत सिंह ने बताया कि कोविड-19 और ब्लैक फंगस में काफी आधारभूत अंतर है. आप ब्लैक फंगस वाले व्यक्ति के पास बैठ सकते हैं, उससे बात कर सकते हैं. ब्लैक फंगस संक्रमण की बीमारी नहीं है. वहीं, कोविड-19 जैसे ब्लैक फंगस से डरने की जरूरत नहीं है. दूसरी बात कि ब्लैक फंगस बीमारी का कोविड-19 जैसा विकराल रूप कभी नहीं हो सकता है. इसका खतरा मात्र कुछ लोगों तक सीमित है, जो कि पहले से किसी बीमारी जैसे कि शुगर, हाई ब्लड प्रेशर या फिर एंटीकैंसर ड्रग जैसी बीमारियों पर हैं. तो इसलिए ब्लैक फंगस बीमारी से बिल्कुल भी घबराने की जरूरत नहीं है. सही समय पर सही उपचार से इससे निपटा जा सकता है.

कैसे करें ब्लैक फंगस का उपचार ?

डॉ. नारायण जीत सिंह ने बताया कि ब्लैक फंगस बीमारी के उपचार में कोई दिक्कत नहीं आती है. उन्होंने बताया कोविड-19 बीमारी के लिए कोई दवाई अभी तक नहीं बनी है, लेकिन ब्लैक फंगस के मामले में लंबे समय से ही दवाइयां दी जाती हैं. इसके लिए दो दवा काम करती हैं, जो आसानी से बाजार में मिल जाती हैं. लेकिन जिस तरह से ब्लैक फंगस चर्चा का विषय बना हुआ है, उसे देखते हुए बाजार में दवाई की किल्लत हो गई है. सरकार ने इसके इलाज का जिम्मा अपने हाथों में लिया है. उन्होंने बताया कि इसके लिए सामान्य दवाइयां लगती हैं, जिनका सर्कुलेशन जल्द ही सामान्य हो जाएगा.

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ये है बचाव

ब्लैक फंगस का इलाज घर पर नहीं संभव

डॉ. नारायण जीत सिंह ने बताया कि ब्लैक फंगस ऐसी बीमारी है, जिसमें आपको तत्काल डॉक्टर के पास जाना चाहिए. क्योंकि यह कोविड-19 के जैसे घर में बैठकर ठीक नहीं होने वाली है. उन्होंने बताया कि इस बीमारी के लिए दवाइयां बनाई गई हैं और यह जल्द से जल्द डॉक्टर के पास जाकर ही ठीक की जा सकती है. आप जितना देर करेंगे उससे आपको नुकसान होगा. ब्लैक फंगस के शुरुआती लक्षणों में जैसे कि सर दर्द होना, चेहरे का एक तरफ बिल्कुल भारी हो जाना. नाक से कुछ काला पदार्थ आना. आंखों में दर्द, आंखें लाल होना जैसे लक्षण आपको खुद में दिखाई देंगे. जिसके बाद आपको जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

कैसे मिलेगी ब्लैक फंगस की दवाई ?

ब्लैक फंगस बीमारी के लिए सरकार द्वारा एसओपी (स्टैंडर्ड ऑफ ऑपरेटिंग सिस्टम) जारी की गई है. ताकि बाजार में ब्लैक फंगस की दवाई की कालाबाजारी ना हो. इसके लिए सरकार द्वारा ब्लैक फंगस ड्रग्स की उपलब्धता के लिए एक सिस्टम बनाया गया है. इस सिस्टम के तहत दवाई लिखकर डॉक्टर अपने प्रिस्क्रिप्शन के साथ इसे नोडल अधिकारी को भेजेगा. जिसे नोडल अधिकारी जांचने के बाद ड्रग अधिकारी को प्रेषित करेगा और ड्रग अधिकारी से अस्पताल को ब्लैक फंगस के इंजेक्शन प्राप्त होंगे.

देहरादून: अभी कोरोना का आतंक खत्म भी नहीं हुआ कि उससे पहले ब्लैक फंगस तेजी से पांव पसारने लगा है. जिसने देश के साथ-साथ प्रदेश की सरकार और आम जनता की चिंताएं बढ़ा दी हैं. उत्तराखंड में भी ब्लैक फंगस के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं, लेकिन कोविड से ब्लैक फंगस कैसे बिल्कुल अलग है. कैसे आपको आसानी से इसकी दवाई मिलेगी. इन सारे महत्वपूर्ण विषयों पर ईटीवी भारत ने ब्लैक फंगस के नोडल अधिकारी और दून मेडिकल कॉलेज के HOD डॉ. नारायण जीत सिंह से खास बातचीत की.

ब्लैक फंगस से घबराए नहीं

ब्लैक फंगस को लेकर डॉक्टरों की राय

ब्लैक फंगस उपचार के लिए नोडल अधिकारी बनाये गए दून मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन डिपार्टमेंट के हेड डॉक्टर नारायण जीत सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि ब्लैक फंगस बीमारी एक सामान्य बीमारी है, जो पुराने समय से चलती आ रही है. इस बीमारी में सामान्य फफूंद जो कि ब्रेड या फिर सड़े गले खाद्य पदार्थों पर लगती है, वही फफूंद हवा या फिर किसी अन्य माध्यम से हमारे शरीर में पहुंच जाती है.

कमजोर इम्यूनिटी वाले को ब्लैक फंगस से खतरा

उन्होंने कहा कि सामान्यतः हमारा शरीर इस फफूंद को खत्म कर देता है, लेकिन कोरोना वायरस के मामलों में यह इसलिए यह घातक साबित हो रहा है, क्योंकि इस महामारी से लोगों की इम्युनिटी बेहद कम हो जाती है. इसे खत्म करने के लिए डॉक्टरों को थोड़ा ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. उन्होंने कहा कि सामान्य लोगों में ब्लैक फंगस होने का चांस बेहद कम होता है, लेकिन जो पहले से ही किसी बीमारी से ग्रसित हो या फिर जिस की इम्युनिटी बहुत कम हो, उसके लिए यह थोड़ा चुनौती भरा हो जाता है.

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ये हैं ब्लैक फंगस से लक्षण

ये भी पढ़ें: ब्लैक फंगस : उत्तराखंड में तैयार होगी दवा, दो फैक्ट्रियों में होगा उत्पादन

कोविड जैसा नहीं फैलता ब्लैक फंगस

डॉ. नारायण जीत सिंह ने बताया कि कोविड-19 और ब्लैक फंगस में काफी आधारभूत अंतर है. आप ब्लैक फंगस वाले व्यक्ति के पास बैठ सकते हैं, उससे बात कर सकते हैं. ब्लैक फंगस संक्रमण की बीमारी नहीं है. वहीं, कोविड-19 जैसे ब्लैक फंगस से डरने की जरूरत नहीं है. दूसरी बात कि ब्लैक फंगस बीमारी का कोविड-19 जैसा विकराल रूप कभी नहीं हो सकता है. इसका खतरा मात्र कुछ लोगों तक सीमित है, जो कि पहले से किसी बीमारी जैसे कि शुगर, हाई ब्लड प्रेशर या फिर एंटीकैंसर ड्रग जैसी बीमारियों पर हैं. तो इसलिए ब्लैक फंगस बीमारी से बिल्कुल भी घबराने की जरूरत नहीं है. सही समय पर सही उपचार से इससे निपटा जा सकता है.

कैसे करें ब्लैक फंगस का उपचार ?

डॉ. नारायण जीत सिंह ने बताया कि ब्लैक फंगस बीमारी के उपचार में कोई दिक्कत नहीं आती है. उन्होंने बताया कोविड-19 बीमारी के लिए कोई दवाई अभी तक नहीं बनी है, लेकिन ब्लैक फंगस के मामले में लंबे समय से ही दवाइयां दी जाती हैं. इसके लिए दो दवा काम करती हैं, जो आसानी से बाजार में मिल जाती हैं. लेकिन जिस तरह से ब्लैक फंगस चर्चा का विषय बना हुआ है, उसे देखते हुए बाजार में दवाई की किल्लत हो गई है. सरकार ने इसके इलाज का जिम्मा अपने हाथों में लिया है. उन्होंने बताया कि इसके लिए सामान्य दवाइयां लगती हैं, जिनका सर्कुलेशन जल्द ही सामान्य हो जाएगा.

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ये है बचाव

ब्लैक फंगस का इलाज घर पर नहीं संभव

डॉ. नारायण जीत सिंह ने बताया कि ब्लैक फंगस ऐसी बीमारी है, जिसमें आपको तत्काल डॉक्टर के पास जाना चाहिए. क्योंकि यह कोविड-19 के जैसे घर में बैठकर ठीक नहीं होने वाली है. उन्होंने बताया कि इस बीमारी के लिए दवाइयां बनाई गई हैं और यह जल्द से जल्द डॉक्टर के पास जाकर ही ठीक की जा सकती है. आप जितना देर करेंगे उससे आपको नुकसान होगा. ब्लैक फंगस के शुरुआती लक्षणों में जैसे कि सर दर्द होना, चेहरे का एक तरफ बिल्कुल भारी हो जाना. नाक से कुछ काला पदार्थ आना. आंखों में दर्द, आंखें लाल होना जैसे लक्षण आपको खुद में दिखाई देंगे. जिसके बाद आपको जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

कैसे मिलेगी ब्लैक फंगस की दवाई ?

ब्लैक फंगस बीमारी के लिए सरकार द्वारा एसओपी (स्टैंडर्ड ऑफ ऑपरेटिंग सिस्टम) जारी की गई है. ताकि बाजार में ब्लैक फंगस की दवाई की कालाबाजारी ना हो. इसके लिए सरकार द्वारा ब्लैक फंगस ड्रग्स की उपलब्धता के लिए एक सिस्टम बनाया गया है. इस सिस्टम के तहत दवाई लिखकर डॉक्टर अपने प्रिस्क्रिप्शन के साथ इसे नोडल अधिकारी को भेजेगा. जिसे नोडल अधिकारी जांचने के बाद ड्रग अधिकारी को प्रेषित करेगा और ड्रग अधिकारी से अस्पताल को ब्लैक फंगस के इंजेक्शन प्राप्त होंगे.

Last Updated : May 21, 2021, 9:13 PM IST
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