देहरादून: पिछले कई दिन से उत्तराखंड में चल रहे सियासी तूफान पर मंगलवार को आखिरकार विराम लग गया था. त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे के बाद से ही प्रदेशभर के सियासी पंडित, राजनीति दल और विश्लेषक से लेकर आम जनता के सामने सबसे बड़ा सवाल था कि आखिर कौन होगा देवभूमि का अगला मुख्यमंत्री ? कल से ही बीजेपी के बड़े दिग्गज नेताओं के नाम को लेकर गहमागहमी बनी हुई थी, लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि विधानमंडल की बैठक में तीरथ सिंह रावत प्रदेश के अगले सीएम चुने जाएंगे. शायद इस बात का अंदाजा खुद तीरथ सिंह रावत को भी नहीं था. इसलिए जब पार्टी ने उन्हें उत्तराखंड का कप्तान बनाया तो उनकी आंखें भी नम हो गईं और उन्होंने कहा कि मैंने कभी सोचा नहीं था कि मैं यहां पहुंचूंगा.
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आइए हम आपको बताते हैं कि शांत और सरल स्वभाव के माने जाने वाले तीरथ सिंह रावत का कैसा रहा है सियासी सफर. आखिर क्या है रही हैं उनकी उपलब्धियां, जिसकी वजह से पार्टी ने उन्हें उत्तराखंड की बागडोर सौंपी है.
पौड़ी जिले में तीरथ रावत का हुआ जन्म
तीरथ सिंह रावत का जन्म 1 अप्रैल 1964 को पौड़ी गढ़वाल के सीरों, पट्टी असवालस्यूं में हुआ था. उनके पिता श्री कलम सिंह रावत हैं. तीरथ वर्ष 1983 से 1988 तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रहे.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (उत्तराखंड) के संगठन मंत्री और राष्ट्रीय मंत्री रहे. चौबट्टाखाल से भूतपूर्व विधायक (2012-2017) रहे.
वर्तमान में तीरथ सिंह रावत भाजपा के राष्ट्रीय सचिव के साथ साथ गढ़वाल लोकसभा सीट से सांसद भी हैं. पौड़ी सीट से भाजपा के उम्मीदवार के अतिरिक्त 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हिमाचल प्रदेश का चुनाव प्रभारी भी बनाया गया था.
बीजेपी से शुरू किया राजनीति सफर
तीरथ सिंह रावत भारतीय जनता पार्टी से संबंधित राजनीतिज्ञ हैं. वर्ष 2000 में नवगठित उत्तराखंड के प्रथम शिक्षा मंत्री बने थे. इसके बाद 2007 में भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड के प्रदेश महामंत्री चुने गए.
तत्पश्चात प्रदेश चुनाव अधिकारी तथा प्रदेश सदस्यता प्रमुख रहे. वे 2013 में उत्तराखंड दैवीय आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के अध्यक्ष रहे हैं.
वर्ष 2012 में चौबट्टाखाल विधान सभा सीट से विधायक निर्वाचित हुए और वर्ष 2013 में उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने.
छात्र संघ अध्यक्ष भी रह चुके हैं तीरथ रावत
हेमवती नंदन गढ़वाल विश्वविद्यालय में छात्र संघ अध्यक्ष और छात्र संघ मोर्चा (उत्तर प्रदेश) में प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे हैं. इसके बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा (उत्तर प्रदेश) के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे.
इसके बाद 1997 में उत्तर प्रदेश विधान परिषद् के सदस्य निर्वाचित हुए तथा विधान परिषद् में विनिश्चय संकलन समिति के अध्यक्ष बनाये गए.
17वें लोकसभा चुनाव में सांसद बने
तीरथ सिंह रावत को पौड़ी सीट से भारत के 17 वें लोकसभा चुनाव में बीजेपी की तरफ से प्रत्याशी बनाया गया था, जिसमें वे भारी मतों से विजयी हुए. इन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के मनीष खंडूड़ी को 2,85,003 से अधिक मतों से हराया था.