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उत्तराखंड बजट सत्र: क्या रही है पिछले वित्तीय वर्ष में आय-व्यय की स्थिति, देखें रिपोर्ट

गैरसैंण में कल त्रिवेंद्र सरकार अपनी अंतिम बजट पेश करने जा रही है. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत करीब 57 हजार करोड़ से ज्यादा का बजट पेश करेंगे. वहीं, 2022 में होने वाले चुनाव को लेकर इस बजट के लोक लुभावन होने की उम्मीद जताई जा रही है.

त्रिवेंद्र सरकार अपनी अंतिम बजट पेश करेगी
त्रिवेंद्र सरकार अपनी अंतिम बजट पेश करेगी
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Published : Mar 3, 2021, 10:26 PM IST

Updated : Mar 4, 2021, 9:28 AM IST

देहरादून: 4 मार्च को त्रिवेंद्र सरकार के अपने कार्यकाल का अंतिम बजट पेश करने जा रही है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत गुरुवार को गैरसैंण विधानसभा में बजट पेश करेंगे. यह बजट कई मायने में बेहद खास रहने वाला है. इस को बजट चुनावी बजट के रूप में भी देखा जा रहा है. लिहाजा, यह बजट लोक लुभावना होने की उम्मीद है.

आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए त्रिवेंद्र सरकार 57 हजार करोड़ रुपये से अधिक का बजट पेश करने जा रही है. जबकि, पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 53,527.97 करोड़ का बजट पेश किया गया था. आखिर क्या रहा है पिछले कुछ वित्तीय वर्ष के आय-व्ययक की स्थिति. देखिए इस रिपोर्ट में.

ये भी पढ़ें: रोडवेज कर्मचारियों को वेतन न मिलने पर हाई कोर्ट सख्त, राज्य सरकार से मांगा जवाब

आगामी वित्तीय वर्ष के लिए पेश होने वाले बजट का दायरा हर साल राज्य सरकारे बढ़ाती है. ताकि आगामी वित्तीय वर्ष के खर्चों को पूरा किया जा सके. हालांकि, पिछले कुछ वित्तीय वर्ष के बजट पर गौर करें तो वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए आय व्ययक पिछले साल की तुलना में कम था, लेकिन उसके बाद आगामी वित्तीय वर्षों में आय व्ययक का दायरा बढ़ता चला गया. यही नहीं, जिस तरह आय व्ययक का साल दर साल आकार बढ़ता गया, उसी तरह राजकोषीय घाटा भी सालाना बढ़ता चला गया.

पिछले कुछ वित्तीय वर्षों में पेश किए गए बजट

पिछले वित्तीय वर्ष में आय-व्ययक की स्थिति
पिछले वित्तीय वर्ष में आय-व्ययक की स्थिति

पिछले कुछ वित्तीय वर्षों में मदो से राजस्व की स्तिथि-

  1. वित्तीय वर्ष 2017-18 में राज्य कर राजस्व मद से 34.36 फीसदी, गैर-कर राजस्व मद से 6.16 फीसदी, करों में सुधार मद से 17.74 फीसदी, सहायता अनुदान मद से 20.52 फीसदी, पब्लिक एकाउंट नेट मद से 0.62 फीसदी, ऋण और अग्रिमों की वसूली मद से 0.63 फीसदी और सार्वजनिक ऋण मद से 19.97 फीसदी रुपये आये थे.
  2. वित्तीय वर्ष 2018-19 में राज्य कर राजस्व मद से 32.96 फीसदी, गैर-कर राजस्व मद से 7.64 फीसदी, करों में सुधार मद से 18.26 फीसदी, सहायता अनुदान मद से 19.68 फीसदी, पब्लिक एकाउंट नेट मद से 0.44 फीसदी, ऋण और अग्रिमों की वसूली मद से 0.07 फीसदी और सार्वजनिक ऋण मद से 20.95 फीसदी रुपये आये थे.
  3. वित्तीय वर्ष 2019-20 में राज्य कर राजस्व मद से 30.18 फीसदी, गैर-कर राजस्व मद से 8.71 फीसदी, करों में सुधार मद से 18.20 फीसदी, सहायता अनुदान मद से 22.69 फीसदी, पब्लिक एकाउंट नेट मद से 0.31 फीसदी, ऋण और अग्रिमों की वसूली मद से 0.07 फीसदी और सार्वजनिक ऋण मद से 19.84 फीसदी रुपये आये थे.
  4. वित्तीय वर्ष 2020-21 में राज्य कर राजस्व मद से 26.02 फीसदी, गैर-कर राजस्व मद से 6.69 फीसदी, करों में सुधार मद से 16.37 फीसदी, सहायता अनुदान मद से 31.17 फीसदी, पब्लिक एकाउंट नेट मद से 0.87 फीसदी, ऋण और अग्रिमों की वसूली मद से 0.07 फीसदी और सार्वजनिक ऋण मद से 18.81 फीसदी रुपये आये थे.

पिछले कुछ वित्तीय वर्षों में राज्य के खर्चे की स्तिथि-

  1. वित्तीय वर्ष 2017-18 में वेतन, भत्ते, मजदूरी आदि में 31.01 फीसदी, निवेश ऋण में 7.52 फीसदी, सहायक अनुदान/अंशदान/सब्सिडी में 12.91 फीसदी, ब्याज/लाभांश में 11.04 फीसदी, प्रमुख निर्माण कार्य में 13.23 फीसदी, पेंशन में 10.71 फीसदी समेत अन्य खर्चे में 13.59 फीसदी धनराशि खर्च हुए थे.
  2. वित्तीय वर्ष 2018-19 में वेतन, भत्ते, मजदूरी आदि में 31.55 फीसदी, निवेश ऋण में 7.81 फीसदी, सहायक अनुदान/अंशदान/सब्सिडी में 12.43 फीसदी, ब्याज/लाभांश में 10.67 फीसदी, प्रमुख निर्माण कार्य में 12.73 फीसदी, पेंशन में 12.29 फीसदी समेत अन्य खर्चे में 12.52 फीसदी धनराशि खर्च हुए थे.
  3. वित्तीय वर्ष 2019-20 में वेतन, भत्ते, मजदूरी आदि में 31.15 फीसदी, निवेश ऋण में 6.88 फीसदी, सहायक अनुदान/अंशदान/सब्सिडी में 13.16 फीसदी, ब्याज/लाभांश में 10.96 फीसदी, प्रमुख निर्माण कार्य में 12.38 फीसदी, पेंशन में 12.36 फीसदी समेत अन्य खर्चे में 13.11 फीसदी धनराशि खर्च हुए थे.
  4. वित्तीय वर्ष 2020-21 में वेतन, भत्ते, मजदूरी आदि में 30.89 फीसदी, निवेश ऋण में 7.5 फीसदी, सहायक अनुदान/अंशदान/सब्सिडी में 7.19 फीसदी, ब्याज/लाभांश में 11.01 फीसदी, प्रमुख निर्माण कार्य में 13.35 फीसदी, पेंशन में 13.6 फीसदी समेत अन्य खर्चे में 16.47 फीसदी धनराशि खर्च हुए थे.

देहरादून: 4 मार्च को त्रिवेंद्र सरकार के अपने कार्यकाल का अंतिम बजट पेश करने जा रही है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत गुरुवार को गैरसैंण विधानसभा में बजट पेश करेंगे. यह बजट कई मायने में बेहद खास रहने वाला है. इस को बजट चुनावी बजट के रूप में भी देखा जा रहा है. लिहाजा, यह बजट लोक लुभावना होने की उम्मीद है.

आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए त्रिवेंद्र सरकार 57 हजार करोड़ रुपये से अधिक का बजट पेश करने जा रही है. जबकि, पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 53,527.97 करोड़ का बजट पेश किया गया था. आखिर क्या रहा है पिछले कुछ वित्तीय वर्ष के आय-व्ययक की स्थिति. देखिए इस रिपोर्ट में.

ये भी पढ़ें: रोडवेज कर्मचारियों को वेतन न मिलने पर हाई कोर्ट सख्त, राज्य सरकार से मांगा जवाब

आगामी वित्तीय वर्ष के लिए पेश होने वाले बजट का दायरा हर साल राज्य सरकारे बढ़ाती है. ताकि आगामी वित्तीय वर्ष के खर्चों को पूरा किया जा सके. हालांकि, पिछले कुछ वित्तीय वर्ष के बजट पर गौर करें तो वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए आय व्ययक पिछले साल की तुलना में कम था, लेकिन उसके बाद आगामी वित्तीय वर्षों में आय व्ययक का दायरा बढ़ता चला गया. यही नहीं, जिस तरह आय व्ययक का साल दर साल आकार बढ़ता गया, उसी तरह राजकोषीय घाटा भी सालाना बढ़ता चला गया.

पिछले कुछ वित्तीय वर्षों में पेश किए गए बजट

पिछले वित्तीय वर्ष में आय-व्ययक की स्थिति
पिछले वित्तीय वर्ष में आय-व्ययक की स्थिति

पिछले कुछ वित्तीय वर्षों में मदो से राजस्व की स्तिथि-

  1. वित्तीय वर्ष 2017-18 में राज्य कर राजस्व मद से 34.36 फीसदी, गैर-कर राजस्व मद से 6.16 फीसदी, करों में सुधार मद से 17.74 फीसदी, सहायता अनुदान मद से 20.52 फीसदी, पब्लिक एकाउंट नेट मद से 0.62 फीसदी, ऋण और अग्रिमों की वसूली मद से 0.63 फीसदी और सार्वजनिक ऋण मद से 19.97 फीसदी रुपये आये थे.
  2. वित्तीय वर्ष 2018-19 में राज्य कर राजस्व मद से 32.96 फीसदी, गैर-कर राजस्व मद से 7.64 फीसदी, करों में सुधार मद से 18.26 फीसदी, सहायता अनुदान मद से 19.68 फीसदी, पब्लिक एकाउंट नेट मद से 0.44 फीसदी, ऋण और अग्रिमों की वसूली मद से 0.07 फीसदी और सार्वजनिक ऋण मद से 20.95 फीसदी रुपये आये थे.
  3. वित्तीय वर्ष 2019-20 में राज्य कर राजस्व मद से 30.18 फीसदी, गैर-कर राजस्व मद से 8.71 फीसदी, करों में सुधार मद से 18.20 फीसदी, सहायता अनुदान मद से 22.69 फीसदी, पब्लिक एकाउंट नेट मद से 0.31 फीसदी, ऋण और अग्रिमों की वसूली मद से 0.07 फीसदी और सार्वजनिक ऋण मद से 19.84 फीसदी रुपये आये थे.
  4. वित्तीय वर्ष 2020-21 में राज्य कर राजस्व मद से 26.02 फीसदी, गैर-कर राजस्व मद से 6.69 फीसदी, करों में सुधार मद से 16.37 फीसदी, सहायता अनुदान मद से 31.17 फीसदी, पब्लिक एकाउंट नेट मद से 0.87 फीसदी, ऋण और अग्रिमों की वसूली मद से 0.07 फीसदी और सार्वजनिक ऋण मद से 18.81 फीसदी रुपये आये थे.

पिछले कुछ वित्तीय वर्षों में राज्य के खर्चे की स्तिथि-

  1. वित्तीय वर्ष 2017-18 में वेतन, भत्ते, मजदूरी आदि में 31.01 फीसदी, निवेश ऋण में 7.52 फीसदी, सहायक अनुदान/अंशदान/सब्सिडी में 12.91 फीसदी, ब्याज/लाभांश में 11.04 फीसदी, प्रमुख निर्माण कार्य में 13.23 फीसदी, पेंशन में 10.71 फीसदी समेत अन्य खर्चे में 13.59 फीसदी धनराशि खर्च हुए थे.
  2. वित्तीय वर्ष 2018-19 में वेतन, भत्ते, मजदूरी आदि में 31.55 फीसदी, निवेश ऋण में 7.81 फीसदी, सहायक अनुदान/अंशदान/सब्सिडी में 12.43 फीसदी, ब्याज/लाभांश में 10.67 फीसदी, प्रमुख निर्माण कार्य में 12.73 फीसदी, पेंशन में 12.29 फीसदी समेत अन्य खर्चे में 12.52 फीसदी धनराशि खर्च हुए थे.
  3. वित्तीय वर्ष 2019-20 में वेतन, भत्ते, मजदूरी आदि में 31.15 फीसदी, निवेश ऋण में 6.88 फीसदी, सहायक अनुदान/अंशदान/सब्सिडी में 13.16 फीसदी, ब्याज/लाभांश में 10.96 फीसदी, प्रमुख निर्माण कार्य में 12.38 फीसदी, पेंशन में 12.36 फीसदी समेत अन्य खर्चे में 13.11 फीसदी धनराशि खर्च हुए थे.
  4. वित्तीय वर्ष 2020-21 में वेतन, भत्ते, मजदूरी आदि में 30.89 फीसदी, निवेश ऋण में 7.5 फीसदी, सहायक अनुदान/अंशदान/सब्सिडी में 7.19 फीसदी, ब्याज/लाभांश में 11.01 फीसदी, प्रमुख निर्माण कार्य में 13.35 फीसदी, पेंशन में 13.6 फीसदी समेत अन्य खर्चे में 16.47 फीसदी धनराशि खर्च हुए थे.
Last Updated : Mar 4, 2021, 9:28 AM IST
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