देहरादून: कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन ने हजारों मजदूरों और गरीबों के सामने विकट समस्या खड़ी कर दी है. इस मुश्किल समय में कई लोग ऐसे हैं जो भूखे पेट सोने को मजबूर हैं. ऐसे लोगों की मदद के लिए मोहकमपुर स्थित भारतीय पेट्रोलियम संस्थान के पास आईआईपी कर्मचारी और कुछ अन्य लोगों ने 28 दिन पहले एक छोटी सी रसोई शुरू की थी.
28 दिन पहले केवल 50 लोगों की मदद के लिए शुरू की गई ये रसोई आज 350 गरीब मजदूरों का पेट भर रही है. ये छोटी रसोई गरीबों का पेट भरकर प्रदेश के लोगों के लिए मिसाल पेश कर रही है. देहरादून के मोहकमपुर में रह रहे मजदूरों और जरूरतमंदों के लिए ये रसोई उम्मीद की किरण बनकर आई है. जो पिछले 28 दिनों से गरीबों की मदद में जुटी हुई है.
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आईआईपी (भारतीय पेट्रोलियम संस्थान) से रिटायर हरीश चंद ने बताया कि मोहकमपुर के पास कई मजदूर लॉकडाउन के चलते बेरोजगार हो चुके हैं. ये मजदूर दो वक्त की रोटी के लिए दर-दर भटकने के लिए मजबूर हैं. इनकी मदद के लिए हरीश चंद ने आस-पास के लोगों के साथ मिलकर एक छोटी सी रसोई शुरू की थी. जो उस समय केवल 50 लोगों का पेट भर पाती थी, लेकिन अब ये रसोई 350 गरीब मजदूरों को एक वक्त का अच्छा और पौष्टिक खाना मुहैया करवा रही है.