देदेहरादूनः लोकसभा चुनाव की रणभेरी बज गई है. इसी के तहत कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने एक बार फिर वनाधिकार कानून से जुड़े मुद्दों को लेकर एक गोष्ठी का आयोजन किया. कार्यक्रम में नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने वनाधिकार कानून की मांग को लेकर अपने विचार व्यक्त किए. वहीं, किशोर ने कहा कि जंगल उत्तराखंड की लाइफ लाइन है, चुनाव से पहले सरकार को वनाधिकार कानून पर जल्द निर्णय लेना चाहिए.
रविवार को राजधानी में आयोजित वनाधिकार गोष्ठी पर बोलते हुए कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा जंगल प्रदेश की लाइफ लाइन है, जिस पर कब्जा कर लगातार काटा जा रहा है. साथ ही कहा कि राजस्थान की सरकार जनता को फ्री में पानी उपलब्ध करा रही है तो उत्तराखंड में गंगा, यमुना जैसी कई नदियों के स्रोत होने के बावजूद प्रदेश की सरकार पानी का बिल ले रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों को वन अधिकार के तहत गैस सिलेंडर और 100 यूनिट बिजली मुफ्त दिया जाना चाहिए.
किशोर ने कहा कि केंद्र सरकार की नौकरियों में प्रदेश के लोगों को आरक्षण मिलना चाहिए. साथ ही कहा कि पहाड़ों के निवासियों को मकान बनाने के लिए रेत, बजरी, पत्थर, लकड़ी निशुल्क मिलता था, लेकिन लाइफ लाइन कहे जाने वाले जंगलों पर सरकार ने कब्जा कर लिया है. वहीं, उन्होंने सरकार से फ्री में पानी उपलब्ध कराने की मांग भी की. साथ ही कहा कि सरकार इस पर चुनाव से पहले निर्णय लें.
गौर हो कि इससे पहले भी किशोर उपाध्याय वनाधिकार कानून लागू करने की मांग को लेकर और समर्थन को लेकर दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर चुके हैं.