देहरादून: उत्तराखंड सरकार में खाली पड़े तीन पदों का मामला अब एक बार फिर गरमाने लगा है. किच्छा विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक राजेश शुक्ला का कहना है कि उन्होंने चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को हराया है. ऐसे में वो भी चाहते हैं कि उन्हें भी जिम्मेदारी मिले, लेकिन इसका निर्णय पार्टी हाईकमान को लेना है.
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आपको बता दें कि भाजपा शासित राज्य हिमाचल और मध्यप्रदेश में कैबिनेट का विस्तार हो चुका है. ऐसे में उत्तराखंड में भी कैबिनेट विस्तार का दबाव बढ़ता जा रहा है. उत्तराखंड मंत्रिमंडल विस्तार के मामले को लेकर हाल ही में बीजेपी की कोर कमेटी की बैठक भी की गई थी. बैठक में निर्णय लिया गया था कि मंत्रिमंडल के विस्तार का अधिकार मुख्यमंत्री के विवेकाधीन पर होगा. मंत्रिमंडल में किसको शामिल किया जाए यह निर्णय लेना भी मुख्यमंत्री का अपना अधिकार होगा. लिहाजा क्षेत्रीय संतुलन, जातीय संतुलन और जनाधार वाले विधायक को ही मंत्री पद की कमान सौंपी जाएगी.
उधमसिंह नगर की किच्छा विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक राजेश शुक्ला का मानना है कि प्रदेश की मौजूदा त्रिवेंद्र सरकार के साढ़े तीन साल बीत चुके हैं, लेकिन अभी भी यदि खाली मंत्रीमंडल के सदस्यों के पद को भर दिया जाता है तो ठीक होगा. जिस भी विधायक को मंत्री बनाया जाएगा उसको ना सिर्फ जनता के कार्य करने का समय मिल पाएगा, बल्कि सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं को भी अपने क्षेत्र के साथ ही प्रदेश के कोने-कोने तक पहुंचा पाएगा.
उम्मीद की जानी चाहिए कि लंबे समय के इंतजार के बाद मजबूत जनाधार वाले विधायक को जरूर मंत्री पद की कमान सौंपी जाएगी, ताकि बीते साढ़े तीन साल से चले आ रहे खाली मंत्री पद को भरा जा सके. राजेश शुक्ला की दबी इच्छा के बीच अब देखना दिलचस्प होगा कि आखिर किस विधायक के सर पर मंत्री पद का ताज सजेगा और मंत्री बनने की आस लगाए बैठे किस-किस विधायक को निराशा का सामना करना पड़ेगा.