ETV Bharat / state

खलंगा में गोरखा वॉरियर्स ने फिरंगियों को चटाई थी धूल, अंग्रेजों ने शौर्य के सम्मान में बनाया 'खलंगा युद्ध स्मारक' - खलंगा वॉर मेमोरियल लेटेस्ट न्यूज

खलंगा स्मारक गोरखाओं के रण कौशल का प्रतीक है. खलंगा के युद्ध में गोरखाओं ने अंग्रेजों को पानी पिलाया था. खलंगा युद्ध में 600 गोरखा सैनिक 3500 फिरंगियों पर भारी पड़े थे. इस युद्ध में 130 गोरखा शहीद हुए. साथ ही वीर बलभद्र थापा को भी यही पर शहादत मिली. गोरखाओं के शौर्य को देखते हुए अंग्रेजों ने खलंगा स्मारक का निर्माण करवाया.

History of Khalanga War Memorial
खास है खलंगा वॉर मेमोरियल
author img

By

Published : Aug 15, 2023, 5:02 AM IST

खास है खलंगा वॉर मेमोरियल

देहरादून: देवभूमि उत्तराखंड अपने आप में कई ऐतिहासिक धरोहरों को समेटे हुए है. दून घाटी की खूबसूरत वादियों के बीच बना खलंगा वॉर मेमोरियल भी इन्हीं में से एक है. खलंगा वॉर मेमोरियल गोरखा योद्धाों के शौर्य का प्रतीक है. खलंगा में केवल 600 गोरखाओं ने खुंखरियों के दम पर अंग्रेजी सेना के छक्के छुड़ा दिये थे. खलंगा युद्ध में गोरखा सैनिकों ने अपने अदभुत रण कौशल का परिचय दिया था. जिसका अंग्रेजों ने भी लोहा माना. खलंगा युद्ध के बाद अंग्रेजों ने गोरखाओं के सम्मान में खलंगा वॉर मेमोरियल का निर्माण करवाया.

खलंगा की पहाड़ी पर बना है मेमोरियल: खलंगा वॉर मेमोरियल नालापानी के पास खलंगा की पहाड़ी पर बना है. यह शौर्य के प्रतीक के रूप में देवभूमि के सपूतों की बहादुरी की याद दिलाता है. खलंगा की पहाड़ी पर जंगलों के बीचों बीच गोरखा सैनिक कमांडर बलभद्र सिंह थापा अपने सैनिकों और परिवार के साथ रह रहे थे. इस किले को जीतने के लिए ब्रिटिश सरकार के सैनिकों और अधिकारियों ने हमला बोल दिया.

History of Khalanga War Memorial
खलंगा में गोरखा वॉरियर्स ने फिरंगियों को चटाई धूल

पढ़ें- गोरखा शौर्य की निशानी है देहरादून का खलंगा स्मारक, अंग्रेजों ने करवाया था निर्माण

3500 अंग्रेजों से लड़े 600 गोरखा: उस दौरान करीब 600 गोरखा सैनिकों ने खलंगा पर मोर्चा संभाला. जिसमे करीब 100 महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे, जबकि बलभद्र के सैनिकों के सामने ब्रिटिश सरकार की 3500 सैनिक उस दौरान में आधुनिक हथियारों से लैस खड़े थे. बावजूद इसके गोरखा सैनिकों ने पारंपरिक हथियार खुंखरी, तलवार और धनुष-बाण से इस जंग को लड़ा.

History of Khalanga War Memorial
खलंगा स्मारक

पढ़ें- गोर्खाली समुदाय ने वीर बलभद्र थापा को किया याद, खलंगा युद्ध में 3 बार अंग्रेजों का खदेड़ा था

अंग्रेजों ने करवाया खलंगा वॉर मेमोरियल का निर्माण: इस जंग में गोरखा सैनिकों ने करीब 750 सैनिकों और 31 अधिकारियों को मौत के घाट उतारा. बलभद्र के करीब 130 सैनिकों की भी शहादत हुई. साथ ही देहरादून के खलंगा पहाड़ी पर हुए इस युद्ध में गोरखा सेना का नेतृत्व कर रहे वीर बलभद्र भी शहीद हो गये. इस जंग में गोरखा सैनिकों के शौर्य और वीरता को देख ब्रिटिश हुकुमत प्रभावित हुई. जिसके बाद अंग्रेजों ने शत्रु सेना के सम्मान में बलभद्र खलंगा युद्ध स्मारक का निर्माण करवाया. साथ ही 1815 में ब्रिटिश सरकार ने गोरखा रेजीमेंट की भी स्थापना की. बहादुरी की मिशाल पेश करता खलंगा युद्ध स्मारक आज एक फेमस टूरिस्ट स्पॉट भी है. यहां हजारों पर्यटक पहुंचते हैं.

History of Khalanga War Memorial
खास है खलंगा स्मारक

पढ़ें- खलंगा युद्ध के वीर-वीरांगनाओं को किया गया याद, ब्रितानी फौज भी थी बहादुरी की कायल

खलंगा का क्या मतलब: दरअसल, खलंगा एक नेपाली भाषा का शब्द है, जिसका मतलब छावनी है. अंग्रेजी इतिहासकारों ने इसे किला कहा था लेकिन यह किला कहते थे.

खास है खलंगा वॉर मेमोरियल

देहरादून: देवभूमि उत्तराखंड अपने आप में कई ऐतिहासिक धरोहरों को समेटे हुए है. दून घाटी की खूबसूरत वादियों के बीच बना खलंगा वॉर मेमोरियल भी इन्हीं में से एक है. खलंगा वॉर मेमोरियल गोरखा योद्धाों के शौर्य का प्रतीक है. खलंगा में केवल 600 गोरखाओं ने खुंखरियों के दम पर अंग्रेजी सेना के छक्के छुड़ा दिये थे. खलंगा युद्ध में गोरखा सैनिकों ने अपने अदभुत रण कौशल का परिचय दिया था. जिसका अंग्रेजों ने भी लोहा माना. खलंगा युद्ध के बाद अंग्रेजों ने गोरखाओं के सम्मान में खलंगा वॉर मेमोरियल का निर्माण करवाया.

खलंगा की पहाड़ी पर बना है मेमोरियल: खलंगा वॉर मेमोरियल नालापानी के पास खलंगा की पहाड़ी पर बना है. यह शौर्य के प्रतीक के रूप में देवभूमि के सपूतों की बहादुरी की याद दिलाता है. खलंगा की पहाड़ी पर जंगलों के बीचों बीच गोरखा सैनिक कमांडर बलभद्र सिंह थापा अपने सैनिकों और परिवार के साथ रह रहे थे. इस किले को जीतने के लिए ब्रिटिश सरकार के सैनिकों और अधिकारियों ने हमला बोल दिया.

History of Khalanga War Memorial
खलंगा में गोरखा वॉरियर्स ने फिरंगियों को चटाई धूल

पढ़ें- गोरखा शौर्य की निशानी है देहरादून का खलंगा स्मारक, अंग्रेजों ने करवाया था निर्माण

3500 अंग्रेजों से लड़े 600 गोरखा: उस दौरान करीब 600 गोरखा सैनिकों ने खलंगा पर मोर्चा संभाला. जिसमे करीब 100 महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे, जबकि बलभद्र के सैनिकों के सामने ब्रिटिश सरकार की 3500 सैनिक उस दौरान में आधुनिक हथियारों से लैस खड़े थे. बावजूद इसके गोरखा सैनिकों ने पारंपरिक हथियार खुंखरी, तलवार और धनुष-बाण से इस जंग को लड़ा.

History of Khalanga War Memorial
खलंगा स्मारक

पढ़ें- गोर्खाली समुदाय ने वीर बलभद्र थापा को किया याद, खलंगा युद्ध में 3 बार अंग्रेजों का खदेड़ा था

अंग्रेजों ने करवाया खलंगा वॉर मेमोरियल का निर्माण: इस जंग में गोरखा सैनिकों ने करीब 750 सैनिकों और 31 अधिकारियों को मौत के घाट उतारा. बलभद्र के करीब 130 सैनिकों की भी शहादत हुई. साथ ही देहरादून के खलंगा पहाड़ी पर हुए इस युद्ध में गोरखा सेना का नेतृत्व कर रहे वीर बलभद्र भी शहीद हो गये. इस जंग में गोरखा सैनिकों के शौर्य और वीरता को देख ब्रिटिश हुकुमत प्रभावित हुई. जिसके बाद अंग्रेजों ने शत्रु सेना के सम्मान में बलभद्र खलंगा युद्ध स्मारक का निर्माण करवाया. साथ ही 1815 में ब्रिटिश सरकार ने गोरखा रेजीमेंट की भी स्थापना की. बहादुरी की मिशाल पेश करता खलंगा युद्ध स्मारक आज एक फेमस टूरिस्ट स्पॉट भी है. यहां हजारों पर्यटक पहुंचते हैं.

History of Khalanga War Memorial
खास है खलंगा स्मारक

पढ़ें- खलंगा युद्ध के वीर-वीरांगनाओं को किया गया याद, ब्रितानी फौज भी थी बहादुरी की कायल

खलंगा का क्या मतलब: दरअसल, खलंगा एक नेपाली भाषा का शब्द है, जिसका मतलब छावनी है. अंग्रेजी इतिहासकारों ने इसे किला कहा था लेकिन यह किला कहते थे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.