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Chardham Yatra: तीन धामों के कपाट हुए बंद, गंगोत्री-यमुनोत्री में पहुंचे 66 हजार से ज्यादा यात्री

उत्तराखंड में चार धामों में से केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं. जबकि, बदरीनाथ धाम के कपाट 20 नवंबर को बंद होंगे. चारधाम यात्रा के समापन पर राज्यपाल गुरुमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को बधाई दी है.

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चारधाम यात्रा
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Published : Nov 6, 2021, 5:17 PM IST

Updated : Nov 6, 2021, 10:11 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में चारधाम यात्रा (uttarakhand chardham yatra) का लगभग समापन हो चुका है. प्रसिद्ध केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो चुके हैं. जबकि, बदरीनाथ धाम की यात्रा जारी है. आगामी 20 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट भी बंद कर दिए जाएंगे. वहीं, इस बार 4,60,012 (चार लाख साठ हजार बारह) तीर्थ यात्री चारधाम यात्रा के लिए पहुंचे. जिनमें से 2 लाख 42 हजार से ज्यादा लोगों ने बाबा केदार के दर्शन किए. वहीं, गंगोत्री-यमुनोत्री में 66 हजार से ज्यादा यात्री पहुंचे.

गंगोत्री धाम के कपाट हो चुके बंदः चारधाम में सबसे पहले गंगोत्री धाम (Gangotri Dham) के कपाट बंद हुए. अन्नूकूट पर्व पर गंगोत्री धाम के कपाट शुक्रवार यानी 5 नवंबर को सुबह 11 बजकर 45 मिनट पर विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए. मां गंगा की उत्सव डोली भोगमूर्ति के साथ शुभ बेला पर मुखबा गांव के लिए रवाना हुई. जो आज भैयादूज के मौके पर मुखबा गांव पहुंची. अब अगले छह महीने तक मां गंगा की पूजा-अर्चना शीतकालीन प्रवास मुखबा में ही की जाएगी. गंगोत्री धाम में इस बार 33,166 तीर्थ यात्रियों ने दर्शन किए.

ये भी पढ़ेंः शीतकाल के लिए बंद हुए बाबा केदार के कपाट, इस बार 2.40 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने किये दर्शन

केदारनाथ के कपाट आज हुए बंद: केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) के कपाट भैयादूज के पर्व पर यानी आज सुबह 8.30 बजे विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं. कपाट बंद होने के बाद बाबा केदार की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर (Omkareshwar Temple) लाई जाती है, जहां शीतकाल में बाबा केदार की पंचमुखी चल उत्सव विग्रह डोली के दर्शन करते हैं. यहां शीतकाल के छह महीने बाबा केदार की पूजा-अर्चना की जाती है. वहीं, इस बार 2 लाख 40 हजार से ज्यादा लोगों ने बाबा केदार के दर्शन किए. कपाट बंद होने के मौके पर 3012 तीर्थ यात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किए. अभी तक 2,42,712 तीर्थयात्री भगवान केदारनाथ के दर्शन कर चुके हैं.

यमुनोत्री धाम के कपाट भी हुए बंदः प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम (Yamunotri Dham) के कपाट भैयादूज के अवसर पर यानी आज दोपहर 12:15 बजे विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं. अब आगामी 6 महीने तक यमुना जी के दर्शन श्रद्धालु उनके शीतकालीन प्रवास खुशीमठ (खरसाली) में कर सकेंगे. वहीं, कपाटबंद होने के अवसर पर बड़ी संख्या में तीर्थ पुरोहित, श्रद्धालुजन और स्थानीय लोग मौजूद रहे. यमुनोत्री धाम में कपाट बंद होने के मौके पर 240 लोगों ने दर्शन किए. ऐसे में इस बार 33,306 तीर्थ यात्री यमुनोत्री धाम के दर्शन को पहुंचे.

ये भी पढ़ेंः विधि-विधान से शीतकाल के लिए बंद हुए यमुनोत्री धाम के कपाट, 6 माह तक खरसाली में होंगे दर्शन

गंगोत्री-यमुनोत्री धाम में पहुंचे इतने श्रद्धालुः उत्तरकाशी जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि इस साल यात्रा में यमुनोत्री धाम 33,306 तीर्थयात्री दर्शन के लिए पहुंचे. जबकि, 33,166 तीर्थ यात्रियों ने गंगोत्री धाम के दर्शन किए. ऐसे में गंगोत्री-यमुनोत्री धाम में कुल 66 हजार से ज्यादा तीर्थ यात्रियों ने मां गंगा और मां यमुना के दर्शन किए.

बदरीनाथ धाम में शनिवार को पहुंचे 2,881 तीर्थ यात्रीः बदरीनाथ धाम में शनिवार को शाम 4 बजे दिन तक 2,881 तीर्थयात्री पहुंचे. अभी तक 15,0828 तीर्थयात्री बदरीनाथ के दर्शन कर चुके हैं. बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए 20 नवंबर को बंद होंगे. तब तक बदरीनाथ यात्रा जारी है.

उत्तराखंड चार धामों में से तीन धाम केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा सफलतापूर्ण समापन पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) गुरुमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी है. उन्होंने बताया कि कोरोनाकाल और प्रतिकूल मौसम के बावजूद सभी विभागों के परस्पर समन्वयन से तीर्थयात्रा सुचारू रूप से संचालित हुई.

हाईकोर्ट ने लगाई थी रोक: बता दें कि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा मई महीने में शुरू हो गई थी. तब कोरोना की बंदिशों के चलते केवल स्थानीय लोगों को ही धामों में जाने की अनुमति दी गई थी. जिसके बाद चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को देखते हुए हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी थी. जिसके कारण प्रदेश में कई महीने चारधाम यात्रा बंद रही.

ये भी पढ़ेंः PM मोदी के केदारनाथ दौरे पर एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला क्यों हो रहीं ट्रोल?

राज्य सरकार हाईकोर्ट की ओर से लगी इस रोक को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट भी गई. जिसके बाद 16 सितंबर को हाईकोर्ट से चारधाम यात्रा को सशर्त मंजूरी दी. जिसके तहत सीमित संख्या में यात्री, रजिस्ट्रेशन, आरटीपीसीआर रिपोर्ट की अनिवार्यता, कोरोना गाइडलाइन जैसी तमाम चीजों को जरुरी रखा गया. वहीं, 18 सितंबर से विधिवत रूप से चारधाम यात्रा शुरू हुई.

देहरादूनः उत्तराखंड में चारधाम यात्रा (uttarakhand chardham yatra) का लगभग समापन हो चुका है. प्रसिद्ध केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो चुके हैं. जबकि, बदरीनाथ धाम की यात्रा जारी है. आगामी 20 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट भी बंद कर दिए जाएंगे. वहीं, इस बार 4,60,012 (चार लाख साठ हजार बारह) तीर्थ यात्री चारधाम यात्रा के लिए पहुंचे. जिनमें से 2 लाख 42 हजार से ज्यादा लोगों ने बाबा केदार के दर्शन किए. वहीं, गंगोत्री-यमुनोत्री में 66 हजार से ज्यादा यात्री पहुंचे.

गंगोत्री धाम के कपाट हो चुके बंदः चारधाम में सबसे पहले गंगोत्री धाम (Gangotri Dham) के कपाट बंद हुए. अन्नूकूट पर्व पर गंगोत्री धाम के कपाट शुक्रवार यानी 5 नवंबर को सुबह 11 बजकर 45 मिनट पर विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए. मां गंगा की उत्सव डोली भोगमूर्ति के साथ शुभ बेला पर मुखबा गांव के लिए रवाना हुई. जो आज भैयादूज के मौके पर मुखबा गांव पहुंची. अब अगले छह महीने तक मां गंगा की पूजा-अर्चना शीतकालीन प्रवास मुखबा में ही की जाएगी. गंगोत्री धाम में इस बार 33,166 तीर्थ यात्रियों ने दर्शन किए.

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केदारनाथ के कपाट आज हुए बंद: केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) के कपाट भैयादूज के पर्व पर यानी आज सुबह 8.30 बजे विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं. कपाट बंद होने के बाद बाबा केदार की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर (Omkareshwar Temple) लाई जाती है, जहां शीतकाल में बाबा केदार की पंचमुखी चल उत्सव विग्रह डोली के दर्शन करते हैं. यहां शीतकाल के छह महीने बाबा केदार की पूजा-अर्चना की जाती है. वहीं, इस बार 2 लाख 40 हजार से ज्यादा लोगों ने बाबा केदार के दर्शन किए. कपाट बंद होने के मौके पर 3012 तीर्थ यात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किए. अभी तक 2,42,712 तीर्थयात्री भगवान केदारनाथ के दर्शन कर चुके हैं.

यमुनोत्री धाम के कपाट भी हुए बंदः प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम (Yamunotri Dham) के कपाट भैयादूज के अवसर पर यानी आज दोपहर 12:15 बजे विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं. अब आगामी 6 महीने तक यमुना जी के दर्शन श्रद्धालु उनके शीतकालीन प्रवास खुशीमठ (खरसाली) में कर सकेंगे. वहीं, कपाटबंद होने के अवसर पर बड़ी संख्या में तीर्थ पुरोहित, श्रद्धालुजन और स्थानीय लोग मौजूद रहे. यमुनोत्री धाम में कपाट बंद होने के मौके पर 240 लोगों ने दर्शन किए. ऐसे में इस बार 33,306 तीर्थ यात्री यमुनोत्री धाम के दर्शन को पहुंचे.

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गंगोत्री-यमुनोत्री धाम में पहुंचे इतने श्रद्धालुः उत्तरकाशी जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि इस साल यात्रा में यमुनोत्री धाम 33,306 तीर्थयात्री दर्शन के लिए पहुंचे. जबकि, 33,166 तीर्थ यात्रियों ने गंगोत्री धाम के दर्शन किए. ऐसे में गंगोत्री-यमुनोत्री धाम में कुल 66 हजार से ज्यादा तीर्थ यात्रियों ने मां गंगा और मां यमुना के दर्शन किए.

बदरीनाथ धाम में शनिवार को पहुंचे 2,881 तीर्थ यात्रीः बदरीनाथ धाम में शनिवार को शाम 4 बजे दिन तक 2,881 तीर्थयात्री पहुंचे. अभी तक 15,0828 तीर्थयात्री बदरीनाथ के दर्शन कर चुके हैं. बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए 20 नवंबर को बंद होंगे. तब तक बदरीनाथ यात्रा जारी है.

उत्तराखंड चार धामों में से तीन धाम केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा सफलतापूर्ण समापन पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) गुरुमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी है. उन्होंने बताया कि कोरोनाकाल और प्रतिकूल मौसम के बावजूद सभी विभागों के परस्पर समन्वयन से तीर्थयात्रा सुचारू रूप से संचालित हुई.

हाईकोर्ट ने लगाई थी रोक: बता दें कि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा मई महीने में शुरू हो गई थी. तब कोरोना की बंदिशों के चलते केवल स्थानीय लोगों को ही धामों में जाने की अनुमति दी गई थी. जिसके बाद चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को देखते हुए हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी थी. जिसके कारण प्रदेश में कई महीने चारधाम यात्रा बंद रही.

ये भी पढ़ेंः PM मोदी के केदारनाथ दौरे पर एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला क्यों हो रहीं ट्रोल?

राज्य सरकार हाईकोर्ट की ओर से लगी इस रोक को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट भी गई. जिसके बाद 16 सितंबर को हाईकोर्ट से चारधाम यात्रा को सशर्त मंजूरी दी. जिसके तहत सीमित संख्या में यात्री, रजिस्ट्रेशन, आरटीपीसीआर रिपोर्ट की अनिवार्यता, कोरोना गाइडलाइन जैसी तमाम चीजों को जरुरी रखा गया. वहीं, 18 सितंबर से विधिवत रूप से चारधाम यात्रा शुरू हुई.

Last Updated : Nov 6, 2021, 10:11 PM IST
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