देहरादूनः कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने उत्तराखंड में भर्ती परीक्षा धांधली पर सरकार को घेरा है. उनका कहना है कि सरकार को फिलहाल कोई भी भर्ती परीक्षा आयोजित नहीं करानी चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि हाकम सिंह समेत तमाम अपराधियों को जमानत मिलना सरकार की कमजोर पैरवी का नतीजा है. उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग कुछ लोगों को लाभ देने के लिए जल्दबाजी में परीक्षाएं आयोजित करवा रहा है.
दरअसल, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने भर्ती घोटाले को मुद्दा बनाते हुए सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि भर्ती परीक्षा कराने वाले अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई है. ऐसे में अभी परीक्षाएं नहीं होनी चाहिए. पटवारी भर्ती समेत अन्य परीक्षाओं में हुई धांधली गंभीर चिंता का विषय है. करन माहरा ने परीक्षाएं स्थगित किए जाने की वजह बताते हुए कहा कि भर्ती परीक्षा धांधली में सचिव स्तर और गोपन विभाग के अनुभाग अधिकारी पकड़े गए हैं. ऐसे में जब मेंस का पेपर बनाया गया था, तब यह अधिकारी अपने पद पर तैनात थे. उस समय इन अधिकारियों की गिरफ्तारी नहीं हुई थी.
ऐसे में सवाल ये उठता है कि सरकार पीसीएस मेंस का पेपर आयोजित कराने में इतनी जल्दबाजी क्यों दिखा रही है? उन्होंने मांग की कि जांच पूरी हो जाने के बाद ही परीक्षाएं आयोजित कराई जानी चाहिए. करन माहरा ने आशंका जताते हुए कहा कि इस बात का क्या भरोसा है कि परीक्षा होने के बाद जब युवा चयनित हो जाएंगे, उसके बाद यह पता चले कि गोपन विभाग के किसी चतुर्वेदी ने इस परीक्षा का पेपर आउट करा दिया है, तब यह परीक्षा भी रद्द करनी पड़ जाएगी.
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भर्ती घोटालों की हो सीबीआई जांचः उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति से बचने के लिए सरकार को तत्काल निर्णय लेते हुए सभी परीक्षाएं स्थगित करनी चाहिए. जब परीक्षा धांधली की जांच पूरी हो जाए, उसके बाद ही परीक्षाएं आयोजित की जानी चाहिए. उन्होंने राज्य में हुए सभी भर्ती परीक्षा घोटाले की सीबीआई से जांच कराए जाने की भी मांग उठाई है.
खुलेआम चल रहा अवैध खनन, राजस्व का हो रहा नुकसानः करन माहरा ने उत्तराखंड में अवैध खनन को लेकर भी सरकार को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा कि कई ऐसे क्षेत्रों में संगठित रूप से अपराध को अंजाम दिया जा रहा है और अपने चहेतों को लाभ देने के लिए उनसे खनन करवाया जा रहा है.
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अवैध खनन को बढ़ावा दे रही है, जबकि खुलेआम पोकलैंड जेसीबी से नदियों के सीने को चीरा जा रहा है. इससे प्रदेश को राजस्व का नुकसान उठाने के साथ ही प्रकृति को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है. उन्होंने सरकार से तत्काल प्रभाव से खनन पर रोक लगाने के साथ ही इसमें संलिप्त लोगों को संरक्षण न देने की मांग उठाई है.