देहरादून: ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण स्थित विधानसभा में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने उत्तराखंड का बजट पेश किया. वित्त मंत्री ने 77 हजार करोड़ से ज्यादा का बजट पेश किया. जिसको लेकर एक ओर जहां सरकार अपना पीठ थपथपा रही है. वहीं, कांग्रेस बजट को लेकर धामी सरकार पर निशाना साधा रही है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने बजट को आंखों में धूल झोंकने वाला बताया है. साथ ही उन्होंने कहा इस बजट में किसान और बेरोजगारों के लिए कुछ भी नहीं है. वही, पूर्व सीएम हरीश रावत ने बजट को निराशाजनक बताया है.
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श्री @pushkardhami सरकार द्वारा विधानसभा में प्रस्तुत बजट केवल केंद्र सरकार की..https://t.co/PaDtMBjIZq.. मुझे लगता है कि मैकेंजी ग्लोबल राज्य सरकार को ज्ञान देने में फेल हुआ है!#uttarakhand @INCIndia @RahulGandhi @kharge @INCUttarakhand pic.twitter.com/V0fg9KqMgW
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करन माहरा ने उत्तराखंड सरकार द्वारा पेश किया गए बजट 2022-23 को आंखों में धूल झोंकने वाला बताया है. बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए माहरा ने कहा इसमें किसानों और बेरोजगारों के लिए कुछ नहीं है. सरकार ने कैबिनेट बैठक में समर्थन मूल्य नहीं बढ़ाया और किसानों का बकाया भुगतान भी नहीं किया गया. उसका भी बजट में कहीं जिक्र नहीं है. 200 करोड़ रुपये से अधिक का किसानों का भुगतान बकाया है, लेकिन बजट में 100 करोड़ के आसपास का ही प्रावधान किया गया है. इससे सरकार की नीयत का पता चलता है.
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करन ने कहा बजट सत्र के दौरान विभागवार चर्चा के लिए सरकार ने 2 या 3 घंटे का भी समय नहीं दिया. जबकि एक दिन में ही सभी विभागों का बजट पास कर दिया गया. इससे पता चलता है कि सरकार आंखों में धूल झोंक बजट को पास करना चाहती है. उन्होंने सरकार की मंशा पर सवाल उठाया. माहरा ने कहा दरअसल सरकार नहीं चाहती थी कि विपक्ष और सत्तापक्ष के विधायक अपना समर्थन या अपना विरोध बजट सत्र के दौरान प्रकट कर सकें.
माहरा ने 2022-23 बजट की कमियां गिनाईं. उन्होंने कहा सरकार ने 3 बार विद्युत के दाम बढ़ाए हैं. ऐसे में विद्युत आपूर्ति को बहाल और ऊर्जा को पैदा करने के लिए बजट में कितना प्रावधान किया जाएगा, इसका भी कहीं जिक्र नहीं है. स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने को लेकर भी बजट में कहीं उल्लेख नहीं है. हेल्थ सेक्टर के लिए धनराशि भी बहुत कम रखी गई है. जिन योजनाओं के लिए ज्यादा बजट का प्रावधान किया गया है, उसमें धन खुर्द बुर्द किया जाएगा.
उन्होंने कहा राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट में कुछ भी नया नहीं है. सरकार ने सदन में जो बजट प्रस्तुत किया है, वह दिशाहीन और आंखों में धूल झोंकने वाला बजट है. बजट में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भी कुछ नहीं किया गया है. पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन को लेकर भी बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा धामी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023 के लिए सभी क्षेत्रों में निराशाजनक बजट प्रस्तुत किया है. बजट का आकार तो बढ़ाया गया है, लेकिन आय के स्रोत नहीं बताए गए हैं. बजट में ऐसे विभाग जो गांव, गरीब, दलित और कमजोर तबके को लाभ पहुंचाने वाले हैं, उनके लिए बजट में कुछ नहीं है. कृषि विभाग समाज कल्याण विभाग, एससीपी, एसटीपी, स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, बिजली, पानी और पंचायतों के बजट में आंकड़ों की जादूगरी के अलावा कुछ नहीं रह गया. जबकि बजट में पर्यटन, महिला सुरक्षा और नौजवानों के भविष्य की घोर उपेक्षा की गई है.