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AICC List: 'मेरा नाम-तेरा नाम' में उलझी कांग्रेस, देवेंद्र यादव पर दो फाड़, BJP का 'रास्ता' साफ! - एआईसीसी सूची के खिलाफ प्रीतम सिंह

ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) की लिस्ट जारी होने के बाद उत्तराखंड कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है. प्रदेश से बड़े नामों में केवल पूर्व सीएम हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य का नाम ही लिस्ट में है, जिसके बाद पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह काफी नाराज हैं और वो खुलकर प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के खिलाफ विरोध में आ गए हैं. वहीं, कांग्रेस की इस खींचतान में बीजेपी ने चुटकी ली है.

Ruckus in Congress
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Published : Feb 21, 2023, 7:49 PM IST

Updated : Feb 21, 2023, 8:04 PM IST

AICC लिस्ट को लेकर कांग्रेस में दो फाड़, बीजेपी ले रही चुटकी.

देहरादूनः उत्तराखंड राज्य में मुख्य विपक्षी दल की भूमिका निभा रही कांग्रेस की अंदरूनी कलह दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है. कांग्रेस के भीतर लगातार हो रहे सिर-फूटव्वल की स्थिति खुद-ब-खुद इस बात को बयां कर रही है. दरअसल, एआईसीसी की सूची जारी होने के बाद से ही कांग्रेस के भीतर घमासान मच गया है. जहां एक ओर इस लिस्ट को लेकर पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव पर सवाल खड़े कर दिए हैं तो अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा पूर्व नेता प्रतिपक्ष पर निशाना साधते नजर आ रहे हैं. इसी बीच भाजपा ने कांग्रेस की अंतर्कलह पर खूब चुटकी ली है.

दरअसल, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सूची में इस बार प्रदेश के कई बड़े नेताओं के नाम को शामिल नहीं किया गया है. यही वजह है कि उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी से जुड़े कई बड़े नेता संगठन से नाराज बताए जा रहे हैं. वहीं इस पूरे मामले को लेकर पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया है, जिसके बाद से एक बार फिर उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के भीतर की अंतर्कलह अब खुलकर सामने आ गई है, साथ ही कांग्रेसी नेता एक दूसरे पर हमलावर नजर आ रहे हैं.

सूची के लिए नहीं ली गई नेताओं की रायः एआईसीसी की 43 सदस्यों वाली सूची को लेकर पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने बड़ा बयान दिया है. उनका कहना है कि इस सूची में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी हुई है, चाहे वो विधायक हों या फिर अन्य वरिष्ठ नेता. पूर्व नेता प्रतिपक्ष के इस बयान के बाद कांग्रेस में घमासान शुरू हो गया है. साथ ही प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रदेश प्रभारी ने जो सूची हाईकमान को दी उसके लिए न तो विधायकों की राय ली गई और न ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की सहमति लेना जरूरी समझा गया. प्रीतम सिंह ने खुलकर कहा कि प्रदेश प्रभारी ने अपनी डफली-अपना राग अलापने का काम किया है.

राष्ट्रीय नेतृत्व से नाराज नेता, करेंगे जांच की मांगः पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने ये भी कहा कि इस सूची में तिलक राज बेहड़, मयूख महर, मदन बिष्ट, गोपाल राणा, सुरेंद्र सिंह नेगी, दिनेश अग्रवाल, गोविंद सिंह कुंजवाल, जीत राम, विजय पाल सजवाण, खुशाल सिंह अधिकारी और राजकुमार समेत तमाम नेताओं को जगह नहीं दी गई है. इसको लेकर प्रीतम सिंह ने प्रदेश प्रभारी से जवाब मांगा है. उनका कहना है कि वो राष्ट्रीय नेतृत्व के पास जाएंगे और इस पूरे मामले की जांच कराने के साथ ही इस कृत्य के लिए कार्रवाई की मांग करेंगे.
पढ़ें- AICC Members List: उत्तराखंड कांग्रेस में बवाल, बीजेपी ने अंतर्कलह पर ली चुटकी

प्रदेश प्रभारी के कारण कांग्रेस हो रही है कमजोरः प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रदेश प्रभारी अपने दायित्व का निर्वहन नहीं कर रहे हैं बल्कि वो खुद पार्टी बने हुए हैं और एक पक्षीय निर्णय लेने का काम कर रहे हैं. प्रीतम सिंह ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि क्या प्रभारी का ये काम है कि जिस राज्य को वो देख रहे हैं वहां कांग्रेस को कमजोर करें? बल्कि उनका काम तो था कि वो राज्य में समन्वय बनाए और पार्टी को मजबूत करने का काम करें. सिंह ने कहा कि कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी ने जो स्थिति पैदा की है, उससे प्रदेश कांग्रेस कमेटी मजबूत नहीं हो रही बल्कि दिन प्रतिदिन कमजोर होती जा रही है.

प्रदेश अध्यक्ष का पलटवारः उधर, प्रीतम सिंह पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि एआईसीसी की जो सूची जारी हुई है उसमें सभी को समावेश करने का काम किया गया है. पूर्व नेता प्रतिपक्ष आपत्ति जताकर पार्टी को कमजोर करने का काम कर रहे हैं. माहरा ने कहा कि इस तरह के बयान उन नेताओं की मेहनत का मजाक उड़ाना है जो भाजपा के गलत नीतियों के खिलाफ सड़कों पर उतरकर पुरजोर विरोध कर रहे हैं.

माहरा ने कहा कि चुनाव से पहले प्रीतम सिंह प्रदेश प्रभारी की तारीफ करते हुए नजर आते थे और अब सार्वजनिक नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं. माहरा ने साथ ही कहा कि प्रीतम सिंह के कहने से पार्टी कमजोर नहीं हो रही बल्कि इस तरह की बयानबाजी से पार्टी कमजोर हो रही हैं.

कांग्रेस की अंतर्कलह पर भाजपा ने ली चुटकीः उधर, भाजपा ने कांग्रेस के अंतर्कलह पर चुटकी लेते हुए कहा कि जिस तरह से कांग्रेस में अंदरूनी कलह चल रही है, उससे बीजेपी को और मजबूती मिलेगी. भाजपा से विधायक एवं प्रदेश प्रवक्ता खजान दास ने कहा है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा को इसका पूरा फायदा मिलेगा और राज्य की सभी 5 लोकसभा सीटों पर पिछले चुनाव की भांति आने वाले चुनाव में जीत हासिल होगी.

AICC लिस्टः छत्तीसगढ़ के रायपुर में होने वाले कांग्रेस अधिवेशन से पहले अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने एआईसीसी डेलिगेट्स की लिस्ट जारी की है. उत्तराखंड से पूर्व सीएम हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य समेत 11 जिलों से कांग्रेसियों को शामिल किया है. इस लिस्ट में उत्तरकाशी और चंपावत जिले से किसी को जगह नहीं दी गई है.

गौर हो कि कांग्रेस में 25 सीडब्ल्यूसी सदस्य होते हैं, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष के अलावा 12 सदस्य चुनाव के जरिए और 12 अन्य सदस्यों को पार्टी अध्यक्ष मनोनीत करते हैं. वहीं, कांग्रेस के संगठन चुनावों में बूथ स्तर, ब्लॉक स्तर, जिला स्तर, प्रदेश स्तर और केंद्रीय कांग्रेस प्रतिनिधि होते हैं. प्रदेश स्तर के प्रतिनिधि कांग्रेस अध्यक्ष के लिए मतदान करते हैं. केंद्रीय कांग्रेस प्रतिनिधि (AICC डेलिगेट्स) कांग्रेस कार्यकारी समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्यों का चुनाव करते हैं. पीसीसी (प्रदेश कांग्रेस कमेटी) प्रतिनिधि एआईसीसी डेलिगेट्स भी चुनते हैं. हर आठ पीसीसी पर एक एआईसीसी डेलिगेट होता है.

AICC लिस्ट को लेकर कांग्रेस में दो फाड़, बीजेपी ले रही चुटकी.

देहरादूनः उत्तराखंड राज्य में मुख्य विपक्षी दल की भूमिका निभा रही कांग्रेस की अंदरूनी कलह दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है. कांग्रेस के भीतर लगातार हो रहे सिर-फूटव्वल की स्थिति खुद-ब-खुद इस बात को बयां कर रही है. दरअसल, एआईसीसी की सूची जारी होने के बाद से ही कांग्रेस के भीतर घमासान मच गया है. जहां एक ओर इस लिस्ट को लेकर पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव पर सवाल खड़े कर दिए हैं तो अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा पूर्व नेता प्रतिपक्ष पर निशाना साधते नजर आ रहे हैं. इसी बीच भाजपा ने कांग्रेस की अंतर्कलह पर खूब चुटकी ली है.

दरअसल, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सूची में इस बार प्रदेश के कई बड़े नेताओं के नाम को शामिल नहीं किया गया है. यही वजह है कि उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी से जुड़े कई बड़े नेता संगठन से नाराज बताए जा रहे हैं. वहीं इस पूरे मामले को लेकर पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया है, जिसके बाद से एक बार फिर उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के भीतर की अंतर्कलह अब खुलकर सामने आ गई है, साथ ही कांग्रेसी नेता एक दूसरे पर हमलावर नजर आ रहे हैं.

सूची के लिए नहीं ली गई नेताओं की रायः एआईसीसी की 43 सदस्यों वाली सूची को लेकर पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने बड़ा बयान दिया है. उनका कहना है कि इस सूची में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी हुई है, चाहे वो विधायक हों या फिर अन्य वरिष्ठ नेता. पूर्व नेता प्रतिपक्ष के इस बयान के बाद कांग्रेस में घमासान शुरू हो गया है. साथ ही प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रदेश प्रभारी ने जो सूची हाईकमान को दी उसके लिए न तो विधायकों की राय ली गई और न ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की सहमति लेना जरूरी समझा गया. प्रीतम सिंह ने खुलकर कहा कि प्रदेश प्रभारी ने अपनी डफली-अपना राग अलापने का काम किया है.

राष्ट्रीय नेतृत्व से नाराज नेता, करेंगे जांच की मांगः पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने ये भी कहा कि इस सूची में तिलक राज बेहड़, मयूख महर, मदन बिष्ट, गोपाल राणा, सुरेंद्र सिंह नेगी, दिनेश अग्रवाल, गोविंद सिंह कुंजवाल, जीत राम, विजय पाल सजवाण, खुशाल सिंह अधिकारी और राजकुमार समेत तमाम नेताओं को जगह नहीं दी गई है. इसको लेकर प्रीतम सिंह ने प्रदेश प्रभारी से जवाब मांगा है. उनका कहना है कि वो राष्ट्रीय नेतृत्व के पास जाएंगे और इस पूरे मामले की जांच कराने के साथ ही इस कृत्य के लिए कार्रवाई की मांग करेंगे.
पढ़ें- AICC Members List: उत्तराखंड कांग्रेस में बवाल, बीजेपी ने अंतर्कलह पर ली चुटकी

प्रदेश प्रभारी के कारण कांग्रेस हो रही है कमजोरः प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रदेश प्रभारी अपने दायित्व का निर्वहन नहीं कर रहे हैं बल्कि वो खुद पार्टी बने हुए हैं और एक पक्षीय निर्णय लेने का काम कर रहे हैं. प्रीतम सिंह ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि क्या प्रभारी का ये काम है कि जिस राज्य को वो देख रहे हैं वहां कांग्रेस को कमजोर करें? बल्कि उनका काम तो था कि वो राज्य में समन्वय बनाए और पार्टी को मजबूत करने का काम करें. सिंह ने कहा कि कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी ने जो स्थिति पैदा की है, उससे प्रदेश कांग्रेस कमेटी मजबूत नहीं हो रही बल्कि दिन प्रतिदिन कमजोर होती जा रही है.

प्रदेश अध्यक्ष का पलटवारः उधर, प्रीतम सिंह पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि एआईसीसी की जो सूची जारी हुई है उसमें सभी को समावेश करने का काम किया गया है. पूर्व नेता प्रतिपक्ष आपत्ति जताकर पार्टी को कमजोर करने का काम कर रहे हैं. माहरा ने कहा कि इस तरह के बयान उन नेताओं की मेहनत का मजाक उड़ाना है जो भाजपा के गलत नीतियों के खिलाफ सड़कों पर उतरकर पुरजोर विरोध कर रहे हैं.

माहरा ने कहा कि चुनाव से पहले प्रीतम सिंह प्रदेश प्रभारी की तारीफ करते हुए नजर आते थे और अब सार्वजनिक नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं. माहरा ने साथ ही कहा कि प्रीतम सिंह के कहने से पार्टी कमजोर नहीं हो रही बल्कि इस तरह की बयानबाजी से पार्टी कमजोर हो रही हैं.

कांग्रेस की अंतर्कलह पर भाजपा ने ली चुटकीः उधर, भाजपा ने कांग्रेस के अंतर्कलह पर चुटकी लेते हुए कहा कि जिस तरह से कांग्रेस में अंदरूनी कलह चल रही है, उससे बीजेपी को और मजबूती मिलेगी. भाजपा से विधायक एवं प्रदेश प्रवक्ता खजान दास ने कहा है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा को इसका पूरा फायदा मिलेगा और राज्य की सभी 5 लोकसभा सीटों पर पिछले चुनाव की भांति आने वाले चुनाव में जीत हासिल होगी.

AICC लिस्टः छत्तीसगढ़ के रायपुर में होने वाले कांग्रेस अधिवेशन से पहले अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने एआईसीसी डेलिगेट्स की लिस्ट जारी की है. उत्तराखंड से पूर्व सीएम हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य समेत 11 जिलों से कांग्रेसियों को शामिल किया है. इस लिस्ट में उत्तरकाशी और चंपावत जिले से किसी को जगह नहीं दी गई है.

गौर हो कि कांग्रेस में 25 सीडब्ल्यूसी सदस्य होते हैं, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष के अलावा 12 सदस्य चुनाव के जरिए और 12 अन्य सदस्यों को पार्टी अध्यक्ष मनोनीत करते हैं. वहीं, कांग्रेस के संगठन चुनावों में बूथ स्तर, ब्लॉक स्तर, जिला स्तर, प्रदेश स्तर और केंद्रीय कांग्रेस प्रतिनिधि होते हैं. प्रदेश स्तर के प्रतिनिधि कांग्रेस अध्यक्ष के लिए मतदान करते हैं. केंद्रीय कांग्रेस प्रतिनिधि (AICC डेलिगेट्स) कांग्रेस कार्यकारी समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्यों का चुनाव करते हैं. पीसीसी (प्रदेश कांग्रेस कमेटी) प्रतिनिधि एआईसीसी डेलिगेट्स भी चुनते हैं. हर आठ पीसीसी पर एक एआईसीसी डेलिगेट होता है.

Last Updated : Feb 21, 2023, 8:04 PM IST
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