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बेलड़ा गांव पहुंचे कांग्रेस नेता, मृतक के परिजनों से मिले करन माहरा, दोषियों के खिलाफ की कार्रवाई की मांग

इन दिनों रुड़की का बेलड़ा गांव युवक की मौत के बाद उपजे बवाल और पत्थरबाजी की वजह से सुर्खियों में है. आज कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में कांग्रसियों का दल बेलड़ा गांव पहुंचा और पंकज के परिजनों से मुलाकात. उन्होंने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की. साथ ही उत्तराखंड में कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाए.

Congress Leader Reached Belda village
बेलड़ा गांव में युवक की मौत
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Published : Jun 22, 2023, 3:32 PM IST

Updated : Jun 22, 2023, 3:48 PM IST

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का बयान

देहरादूनः रुड़की के बेलड़ा गांव में युवक की मौत के बाद उपजा विवाद का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. यह मामला एक तरफ हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गया है तो दूसरी तरफ मामले में सियासत भी शुरू हो गई है. मामले को लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने पहले बैठक की, फिर उनका एक दल घटनास्थल के लिए रवाना हुआ. यह दल कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में बेलड़ा गांव पहुंचा. जहां उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात की.

कांग्रेसियों का दल पहुंचा बेलड़ा गांवः दरअसल, आज कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, विधायक ममता राकेश, विधायक अनुपमा रावत, अनुसूचित जाति प्रदेश अध्यक्ष दर्शन लाल आर्य आदि बेलड़ा गांव पहुंचे. जहां उन्होंने मृतक पंकज के परिजनों से मुलाकात की और अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त की. इल मामले में उन्होंने पुलिस प्रशासन से निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की.

  • आज रुड़की के ग्राम #बेलडा जाकर मृतक युवक पंकज के परिजनों से मिल कर उनसे इस दुःख की घड़ी मे अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त की।और पुलिस प्रशासन से इस मामले में निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
    इस दौरान Yashpal Arya जी,Mamta Rakesh MLA जी, Anupama RAWAT जी… pic.twitter.com/5141reJ0V6

    — Karan Mahara (@KaranMahara_INC) June 22, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा समेत पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और गणेश गोदियाल ने बेलड़ा गांव में दलित परिवार के साथ घटी घटना को निंदनीय बताया है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस घटना की तीखी निंदा की है. उन्होंने कहा कि बेलड़ा में जिस बर्बरता से लोगों और महिलाओं को पीटा गया, वो दुर्भाग्यपूर्ण है.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड अनुसूचित जाति आयोग अध्यक्ष पहुंचे बेलड़ा, पीड़ित परिवार से की मुलाकात

उनका कहना है कि इस घटना को लेकर सीएम धामी से भी मिलने का प्रयास किया जाएगा. यदि ऐसा लगेगा कि सरकार पीड़ित पक्ष को न्याय नहीं दिला पा रही है तो ऐसे में कांग्रेसी आंदोलन का रास्ता अख्तियार करने को मजबूर हो जाएंगे. वहीं, करन माहरा ने मांग उठाई कि इस घटना की उच्चस्तरीय जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए.

करन माहरा का कहना है उत्तराखंड में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है, क्योंकि पुलिस की मौजूदगी में पीड़ित परिवार के साथ मारपीट और लूटपाट की घटना से हुई. इससे स्पष्ट होता है कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में माफिया राज चल रहा है. उन्होंने कहा कि जिस युवक की मौत हुई है, उसके पिता और महिलाओं के साथ जमकर मारपीट की गई. जिसका वीडियो वायरल हो रहे हैं, जो चिंता का विषय है.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि आज हम तकनीकी रूप से उन्नत हो चुके हैं, ऐसे में फॉरेंसिक जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह पता चल जाता है कि मौत स्वाभाविक रूप से हुई है या फिर मौत का कारण हादसा है, लेकिन पुलिस ने धारा लगाने में इतनी जल्दबाजी क्यों की?

Stone pelting in Roorkee
बेलड़ा गांव में तनाव

क्या था मामला? बीती 11 जून की रात को रुड़की से घर लौटते वक्त पंकज की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. बेलड़ा गांव के पास ही उसका शव पड़ा हुआ था. परिजनों और ग्रामीणों ने इसे हत्या बताकर अगले दिन यानी 12 जून को कोतवाली का घेराव कर दिया. परिजनों ने गांव के ही कुछ लोगों पर लोहे के सरियों से हमला कर उसकी हत्या करने का आरोप लगाया. साथ ही आरोपियों के खिलाफ पुलिस से मुकदमा दर्ज करने की मांग की.

ये भी पढ़ेंः रुड़की बेलड़ा गांव बवाल मामले में HC का आदेश, ग्रामीणों को सुरक्षा मुहैया कराए पुलिस, मेडिकल कराने के लिए भी कहा

उधर, गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों को पुलिस ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन वो नहीं माने और कोतवाली में डटे रहे. इस दौरान पुलिस के साथ ग्रामीणों की बहस भी हुई. लिहाजा, मामला बिगड़ता देख पुलिस को लाठियां फटकारनी पड़ी. मामला यहीं नहीं थमा गुस्साए लोग आरोपी पक्ष के घर पर पहुंच गए और जमकर तोड़फोड़ कर दी. इस दौरान ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव भी कर दिया, जिसमें दो इंस्पेक्टर, एक उपनिरीक्षक समेत 5 पुलिसकर्मी जख्मी हो गए.

वहीं, मामला बेकाबू होने पर प्रशासन ने बेलड़ा गांव में धारा 144 लागू कर दी. पुलिस ने पथराव और बवाल करने के आरोप में 50 लोगों को हिरासत में भी लिया. 13 जून को पुलिस की मौजूदगी में पंकज का दाह संस्कार किया गया. उधर, मामला हाईकोर्ट पहुंच गया. हाईकोर्ट ने पहले रुड़की की छात्रा नगमा कुरैशी की शिकायत पर सुनवाई की. जिस पर हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज की. इसके बाद एक और याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार को ग्रामीणों को पुलिस सुरक्षा के साथ मेडिकल जांच कराने के आदेश दिए.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का बयान

देहरादूनः रुड़की के बेलड़ा गांव में युवक की मौत के बाद उपजा विवाद का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. यह मामला एक तरफ हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गया है तो दूसरी तरफ मामले में सियासत भी शुरू हो गई है. मामले को लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने पहले बैठक की, फिर उनका एक दल घटनास्थल के लिए रवाना हुआ. यह दल कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में बेलड़ा गांव पहुंचा. जहां उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात की.

कांग्रेसियों का दल पहुंचा बेलड़ा गांवः दरअसल, आज कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, विधायक ममता राकेश, विधायक अनुपमा रावत, अनुसूचित जाति प्रदेश अध्यक्ष दर्शन लाल आर्य आदि बेलड़ा गांव पहुंचे. जहां उन्होंने मृतक पंकज के परिजनों से मुलाकात की और अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त की. इल मामले में उन्होंने पुलिस प्रशासन से निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की.

  • आज रुड़की के ग्राम #बेलडा जाकर मृतक युवक पंकज के परिजनों से मिल कर उनसे इस दुःख की घड़ी मे अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त की।और पुलिस प्रशासन से इस मामले में निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
    इस दौरान Yashpal Arya जी,Mamta Rakesh MLA जी, Anupama RAWAT जी… pic.twitter.com/5141reJ0V6

    — Karan Mahara (@KaranMahara_INC) June 22, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा समेत पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और गणेश गोदियाल ने बेलड़ा गांव में दलित परिवार के साथ घटी घटना को निंदनीय बताया है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस घटना की तीखी निंदा की है. उन्होंने कहा कि बेलड़ा में जिस बर्बरता से लोगों और महिलाओं को पीटा गया, वो दुर्भाग्यपूर्ण है.
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उनका कहना है कि इस घटना को लेकर सीएम धामी से भी मिलने का प्रयास किया जाएगा. यदि ऐसा लगेगा कि सरकार पीड़ित पक्ष को न्याय नहीं दिला पा रही है तो ऐसे में कांग्रेसी आंदोलन का रास्ता अख्तियार करने को मजबूर हो जाएंगे. वहीं, करन माहरा ने मांग उठाई कि इस घटना की उच्चस्तरीय जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए.

करन माहरा का कहना है उत्तराखंड में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है, क्योंकि पुलिस की मौजूदगी में पीड़ित परिवार के साथ मारपीट और लूटपाट की घटना से हुई. इससे स्पष्ट होता है कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में माफिया राज चल रहा है. उन्होंने कहा कि जिस युवक की मौत हुई है, उसके पिता और महिलाओं के साथ जमकर मारपीट की गई. जिसका वीडियो वायरल हो रहे हैं, जो चिंता का विषय है.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि आज हम तकनीकी रूप से उन्नत हो चुके हैं, ऐसे में फॉरेंसिक जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह पता चल जाता है कि मौत स्वाभाविक रूप से हुई है या फिर मौत का कारण हादसा है, लेकिन पुलिस ने धारा लगाने में इतनी जल्दबाजी क्यों की?

Stone pelting in Roorkee
बेलड़ा गांव में तनाव

क्या था मामला? बीती 11 जून की रात को रुड़की से घर लौटते वक्त पंकज की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. बेलड़ा गांव के पास ही उसका शव पड़ा हुआ था. परिजनों और ग्रामीणों ने इसे हत्या बताकर अगले दिन यानी 12 जून को कोतवाली का घेराव कर दिया. परिजनों ने गांव के ही कुछ लोगों पर लोहे के सरियों से हमला कर उसकी हत्या करने का आरोप लगाया. साथ ही आरोपियों के खिलाफ पुलिस से मुकदमा दर्ज करने की मांग की.

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उधर, गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों को पुलिस ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन वो नहीं माने और कोतवाली में डटे रहे. इस दौरान पुलिस के साथ ग्रामीणों की बहस भी हुई. लिहाजा, मामला बिगड़ता देख पुलिस को लाठियां फटकारनी पड़ी. मामला यहीं नहीं थमा गुस्साए लोग आरोपी पक्ष के घर पर पहुंच गए और जमकर तोड़फोड़ कर दी. इस दौरान ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव भी कर दिया, जिसमें दो इंस्पेक्टर, एक उपनिरीक्षक समेत 5 पुलिसकर्मी जख्मी हो गए.

वहीं, मामला बेकाबू होने पर प्रशासन ने बेलड़ा गांव में धारा 144 लागू कर दी. पुलिस ने पथराव और बवाल करने के आरोप में 50 लोगों को हिरासत में भी लिया. 13 जून को पुलिस की मौजूदगी में पंकज का दाह संस्कार किया गया. उधर, मामला हाईकोर्ट पहुंच गया. हाईकोर्ट ने पहले रुड़की की छात्रा नगमा कुरैशी की शिकायत पर सुनवाई की. जिस पर हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज की. इसके बाद एक और याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार को ग्रामीणों को पुलिस सुरक्षा के साथ मेडिकल जांच कराने के आदेश दिए.

Last Updated : Jun 22, 2023, 3:48 PM IST
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