देहरादूनः उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा कोरोना संक्रमण के कारण लगातार दूसरे साल भी रद्द कर दी गई है. मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कहा है कि उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा प्रतिबंधित है.
प्रदेश में भले ही कोविड-19 संक्रमण के मामले लगातार कम हो रहे हों, इसके बावजूद भी लगातार दूसरे साल उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा को रद्द कर दिया गया है. मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने ईटीवी भारत से स्पष्ट शब्दों में कहा है कि उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा फिलहाल प्रतिबंधित है.
सरकार के फैसले पर HC की रोक
बता दें कि हाईकोर्ट ने सोमवार को राज्य सरकार के चारधाम यात्रा शुरू करने के फैसले पर भी रोक लगा दी है. ऐसे में उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा को भी रद्द कर दिया है.
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500 करोड़ रुपयों का होता है कारोबार
अनुमान के मुताबिक हर सावन में लगने वाले कांवड़ मेले में 500 करोड़ रुपए का कारोबार होता है. इसमें उत्तराखंड के ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्यों से लोग उत्तराखंड आकर व्यापार करते हैं.
कांवड़ यात्रा में उमड़ती है श्रद्धालुओं की भीड़
सावन माह में शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. कांवड़ यात्रा में बिहार, झारखंड, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली, यूपी, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों से कांवड़िये हरिद्वार पहुंचते हैं. हरिद्वार से गंगा जल भरकर ऋषिकेश होते हुए नीलकंठ मंदिर में जलाभिषेक किया जाता है.
पर्यटन व्यवसायियों का बढ़ता है कारोबार
कांवड़ यात्रा से होटल, धर्मशालाओं, दुकानदारों के अलावा कांवड़ बनाने वालों की आमदनी भी बढ़ती है. हरिद्वार, ऋषिकेश के पर्यटन कारोबारियों को इस यात्रा के रद्द होने से खासा नुकसान होगा.