देहरादून: केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्या सिंधिया एक दिवसीय दौरे पर देहरादून हेली समिट में भाग लेने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने ड्रोन मेला 2021 का शुभारंभ किया. वहीं, उन्होंने ड्रोन से जूड़ी तमाम संभावनाओं के साथ-साथ आधुनिक तकनीकी के उपयोग से होने वाले फायदों के बारे में बताया. साथ ही दून ड्रोन मेले में प्रोटोटाइप का प्रदर्शन करने वाली कंपनियों के साथ बातचीत भी की.
ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा देहरादून मालदेवता में आयोजित किए गए ड्रोन फेस्टिवल में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मौजूद रहे. वहीं, इस दौरान उत्तराखंड आईटीडीए द्वारा विकसित की जा रही ड्रोन तकनीक का प्रजेंटेशन भी इस मेले में किया गया. उत्तराखंड आईटीडीए निदेशक आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि उत्तराखंड में देश का पहला ड्रोन फेस्टिवल 2018 में किया गया था. वहीं, इसके बाद अब तक 700 लोगों को ड्रोन के क्षेत्र में प्रशिक्षित किया जा चुका है, जिनमें से डिफेंस के अलावा पॉलिटेक्निक से जुड़े हुए छात्र भी मौजूद है.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा
उनका उत्तराखंड से विशेष लगाव है. क्योंकि वह उत्तराखंड में पूरे 4 साल तक रहे हैं. मैं दून स्कूल से पढ़ा हूं. आईटीडीए के कार्यों की सराहना करते हुए उन्होनें कहा कि उत्तराखंड ड्रोन के क्षेत्र में अच्छा काम कर रहा है. उत्तराखंड से पूरे अध्ययन के बाद एक प्रस्ताव मांगा है, जिसको वह तत्काल स्वीकृति दे देंगे. साथ ही इस ड्रोम फेस्टिवल में शामिल हुए एग्रीकल्चर स्प्रे ड्रोन की विशेष तारीफ करते हुए कहा कि यह कृषि के क्षेत्र में एक नायाब तकनीक साबित होने जा रही है
सिंधिया ने कहा
हम ड्रोन के इस्तेमाल से मिलने वाले अपार अवसरों को पहचानते हैं. भारत सरकार एक उदार ड्रोन नीति और उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना की शुरुआत के साथ इसे सक्षम करने की दिशा में काम कर रही है. हम उत्तराखंड सरकार से देहरादून को एयरोस्पोर्ट्स और भारत के ड्रोन हब के रूप में विकसित करने की दिशा में काम करने का अनुरोध करते हैं.
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नागरिक उड्डयन मंत्रालय के संयुक्त सचिव अंबर दुबे और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे. इसके अलावा, कार्यक्रम में स्थानीय पुलिस बल, राज्य आपदा मोचन बल, भारतीय वन्यजीव संस्थान, यूपीईएस, पेट्रोलियम और ऊर्जा अध्ययन विश्वविद्यालय, आईएमएस यूनिसन यूनिवर्सिटी, सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी, आईटीडीए देहरादून के छात्र, कर्मी और भारतीय ड्रोन उद्योग के विभिन्न गणमान्य व्यक्ति शामिल थे.
इस दौरान ड्रोन और एयरोस्पोर्ट्स का प्रदर्शन किया गया. इनमें सीमा सुरक्षा बल द्वारा पैराग्लाइडिंग प्रदर्शन, हर्ष सचान द्वारा पैरामोटर प्रदर्शन और आईओटेकवर्ल्ड एविएशन और दक्ष द्वारा एक कृषि छिड़काव संबंधी ड्रोन प्रदर्शन शामिल थे. इसके अलावा इस कार्यक्रम में ड्रोन एप्लिकेशन एंड रिसर्च सेंटर (डीएआरसी) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) द्वारा स्वदेशी रूप से 3 डी-प्रिंटेट ड्रोन के साथ एक आपातकालीन खोज और प्रतिक्रिया ड्रोन प्रदर्शन भी शामिल था.
इसके बाद स्वामित्व योजना के तहत आरव अनमैन्ड सिस्टम्स (एयूएस) द्वारा एक संक्षिप्त सर्वेक्षण ड्रोन प्रदर्शन के साथ-साथ स्कवाड्रन लीडर वर्षा कुकरेती (सेवानिवृत्त) द्वारा एक प्रशिक्षण ड्रोन प्रदर्शन किया गया.