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झारखंड हाईकोर्ट ने पूर्व CM त्रिवेंद्र सिंह रावत को भेजा नोटिस, जानें क्या है पूरा मामला

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Published : Mar 25, 2022, 10:18 PM IST

Updated : Mar 25, 2022, 10:28 PM IST

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को झारखंड हाई कोर्ट ने नोटिस भेजा है. यह नोटिस पत्रकार उमेश कुमार पर राजद्रोह की एफआईआर करने के मामले और जुड़ा हुआ है.

Trivendra Singh Rawat
त्रिवेंद्र सिंह रावत

देहरादून/रांचीः उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और अमृतेश सिंह चौहान को झारखंड हाई कोर्ट ने नोटिस भेजा है. यह नोटिस पत्रकार उमेश कुमार पर राजद्रोह की एफआईआर करने के मामले से जुड़ा हुआ है. अदालत ने उमेश शर्मा के खिलाफ दर्ज मामले को निरस्त करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी. फिलहाल, अदालत ने इस मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपी उमेश के खिलाफ रांची की अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी है.

दरअसल, यह मामला 2018 का है. जब तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पर पत्रकार उमेश कुमार ने आरोप लगाए थे कि रांची के पूर्व किसान मोर्चा अध्यक्ष अमृतेश सिंह चौहान ने नोटबंदी के दौरान त्रिवेंद्र सिंह रावत के रिश्तेदारों के खाते में घूस के पैसे जमा करवाये थे. वहीं, इस मामले में अमृतेश सिंह चौहान ने उमेश शर्मा के खिलाफ रांची में कडरू निवासी अमृतेश सिंह चौहान ने जबरन सबूत मांगने और धमकी देने का आरोप लगा प्राथमिकी दर्ज कराई थी. उमेश शर्मा के खिलाफ यह प्राथमिकी वर्ष 2018 में दर्ज कराई गई थी. इसके बाद झारखंड पुलिस ने आरोपी को देहरादून से गिरफ्तार किया था. उमेश के खिलाफ रांची की अदालत में मामला चल रहा है. जबकि, उमेश शर्मा ने भी इस मामले के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दर्ज करवाई थी.
ये भी पढ़ें: दुष्कर्म मामले में प्रणव पंड्या को मिली राहत, जांच में झूठे पाये गए आरोप, पूर्व सेवादार ही निकला साजिशकर्ता

इधर, शुक्रवार को उमेश कुमार शर्मा की ओर से झारखंड हाईकोर्ट में पक्ष रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि उमेश के खिलाफ जो आरोप लगाए गए हैं. उसमें सच्चाई नहीं है. उसके खिलाफ एक भी साक्ष्य नहीं दिया गया है. ऐसे में उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है. इसलिए दर्ज मामले और सभी कार्यवाही को रद्द कर देना चाहिए.

यह है पूरा मामलाः बता दें कि प्राथमिकी में अमृतेश कुमार चौहान ने कहा था कि उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से उनके अच्छे संबंध है. उमेश शर्मा ने खुद को एक निजी न्यूज चैनल का मालिक बताकर उन्हें फोन किया. व्हाट्सएप कॉल और मैसेज भेजकर अमृतेश को लोकतांत्रिक सरकार गिराने के लिए गुप्त जानकारी इकट्ठा करने के लिए कहा. आरोप था कि उमेश कुमार ने कहा कि ऐसा नहीं करने पर ईडी के झूठे केस में फंसा दूंगा. दिल्ली या देहरादून जाकर मिलने का दबाव बनाया. पत्‍‌नी द्वारा कॉल उठाए जाने पर पत्‍‌नी को भी धमकी दी थी. वहीं, उमेश शर्मा ने भी इस मामले में कोर्ट में याचिका दायर करते हुए अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया था. ऐसे में अब इस मामले की सुनवाई के दौरान झारखंड हाई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और अमृतेश सिंह चौहान को नोटिस भेजा है.

देहरादून/रांचीः उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और अमृतेश सिंह चौहान को झारखंड हाई कोर्ट ने नोटिस भेजा है. यह नोटिस पत्रकार उमेश कुमार पर राजद्रोह की एफआईआर करने के मामले से जुड़ा हुआ है. अदालत ने उमेश शर्मा के खिलाफ दर्ज मामले को निरस्त करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी. फिलहाल, अदालत ने इस मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपी उमेश के खिलाफ रांची की अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी है.

दरअसल, यह मामला 2018 का है. जब तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पर पत्रकार उमेश कुमार ने आरोप लगाए थे कि रांची के पूर्व किसान मोर्चा अध्यक्ष अमृतेश सिंह चौहान ने नोटबंदी के दौरान त्रिवेंद्र सिंह रावत के रिश्तेदारों के खाते में घूस के पैसे जमा करवाये थे. वहीं, इस मामले में अमृतेश सिंह चौहान ने उमेश शर्मा के खिलाफ रांची में कडरू निवासी अमृतेश सिंह चौहान ने जबरन सबूत मांगने और धमकी देने का आरोप लगा प्राथमिकी दर्ज कराई थी. उमेश शर्मा के खिलाफ यह प्राथमिकी वर्ष 2018 में दर्ज कराई गई थी. इसके बाद झारखंड पुलिस ने आरोपी को देहरादून से गिरफ्तार किया था. उमेश के खिलाफ रांची की अदालत में मामला चल रहा है. जबकि, उमेश शर्मा ने भी इस मामले के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दर्ज करवाई थी.
ये भी पढ़ें: दुष्कर्म मामले में प्रणव पंड्या को मिली राहत, जांच में झूठे पाये गए आरोप, पूर्व सेवादार ही निकला साजिशकर्ता

इधर, शुक्रवार को उमेश कुमार शर्मा की ओर से झारखंड हाईकोर्ट में पक्ष रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि उमेश के खिलाफ जो आरोप लगाए गए हैं. उसमें सच्चाई नहीं है. उसके खिलाफ एक भी साक्ष्य नहीं दिया गया है. ऐसे में उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है. इसलिए दर्ज मामले और सभी कार्यवाही को रद्द कर देना चाहिए.

यह है पूरा मामलाः बता दें कि प्राथमिकी में अमृतेश कुमार चौहान ने कहा था कि उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से उनके अच्छे संबंध है. उमेश शर्मा ने खुद को एक निजी न्यूज चैनल का मालिक बताकर उन्हें फोन किया. व्हाट्सएप कॉल और मैसेज भेजकर अमृतेश को लोकतांत्रिक सरकार गिराने के लिए गुप्त जानकारी इकट्ठा करने के लिए कहा. आरोप था कि उमेश कुमार ने कहा कि ऐसा नहीं करने पर ईडी के झूठे केस में फंसा दूंगा. दिल्ली या देहरादून जाकर मिलने का दबाव बनाया. पत्‍‌नी द्वारा कॉल उठाए जाने पर पत्‍‌नी को भी धमकी दी थी. वहीं, उमेश शर्मा ने भी इस मामले में कोर्ट में याचिका दायर करते हुए अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया था. ऐसे में अब इस मामले की सुनवाई के दौरान झारखंड हाई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और अमृतेश सिंह चौहान को नोटिस भेजा है.

Last Updated : Mar 25, 2022, 10:28 PM IST
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