देहरादून: उत्तराखंड को टीबी मुक्त प्रदेश बनाने के लिए राज्य स्तरीय टीबी उन्मूलन समिति का गठन किया जाएगा, जो प्रदेशभर में क्षय रोग की रोकथाम के लिए संचालित जन जागरूकता अभियान, क्षय रोगियों का चिन्हिकरण एवं उपचार के लिए किये जा रहे कार्यों की निगरानी करेगी. जीत-2 परियोजना के तहत राज्य के छह जनपदों में क्षय रोग की रोकथाम के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा, जबकि अन्य सात जनपदों में विभाग द्वारा क्षय उन्मूलन कार्यक्रम संचालित किये जाएंगेय
विश्व मलेरिया दिवस पर सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने देहरादून में उत्तराखंड को टीबी मुक्त राज्य बनाने का लक्ष्य हासिल करने के लिए ‘जीत-2’ प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया. पीएमटीपीटी राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य के छह जनपदों बागेश्वर, नैनीताल, चमोली, रुद्रप्रयाग, हरिद्वार एवं देहरादून में सीएचआरआई संस्था द्वारा जीत-2 प्रोजेक्ट के तहत तकनीकी सहयोग दिया जाएगा. जबकि अन्य सात जनपदों में विभाग द्वारा स्वयं क्षय उन्मूलन कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे.
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डॉ रावत ने कहा कि वर्ष 2024 तक टीबी मुक्त उत्तराखंड के लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय क्षय रोग उन्मूलन समिति का गठन किया जाएगा. वर्ष 2021 में क्षय रोग के नियंत्रण में कमी लाने पर भारत सरकार द्वारा ब्रांज सर्टिफिकेट से सम्मानित किये जाने पर जनपद रुद्रप्रयाग की टीम को विभागीय मंत्री ने बधाई दी. स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने टीबी रोगियों के परिजनों को टीबी रोग से बचाव के लिए 3एचपी दवा को भी लॉन्च किया. जिसको विभाग द्वारा प्रथम चरण के अंतर्गत जनपद रुद्रप्रयाग में वितरित किया जाएगा.
विश्व मलेरिया दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में विभागीय मंत्री ने मलेरिया की रोकथाम के लिए नवीन प्रचार-प्रसार सामग्री का भी विमोचन किया. कार्यक्रम में पाथ संस्था के कंट्री हेड एवं जीत प्रोजेक्ट के सीईओ नीरज जैन ने कहा कि राज्य में मलेरिया एवं क्षय रोग की रोकथाम के अलावा हेल्थ एवं वेलनेस सेंटरों को आधुनिक प्रणालियों से जोड़ने, नवजात शिशुओं के लिए मदर मिल्क बैंक की स्थापना, एनीमिया की जांच आदि विभिन्न कार्यक्रमों के संचालन के लिए उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग के साथ शीघ्र एक एमओयू किया जाएगा.