देहरादून: उत्तरी कश्मीर के गुलमर्ग इलाके में पाकिस्तान बार्डर पर इसी साल आठ जनवरी को लापता हुए 11वीं गढ़वाल राइफल के जवान राजेंद्र सिंह नेगी का शव मिल गया है. बीती आठ जनवरी को पाकिस्तान बार्डर पर गश्त के दौरान उनका पैर फिसल गया था, जिसके बाद उनका कोई सुराग नहीं लगा पाया था. जुलाई तक जब राजेंद्र सिंह नेगी का शव नहीं मिला था तो सेना ने उन्हें शहीद घोषित कर दिया था.
बता दें कि राजेंद्र सिंह नेगी उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में तैनात थे. आठ जनवरी को अपने साथियों के साथियों गुलमर्ग इलाके में पाकिस्तान बार्डर गश्त कर रहे थे. तभी उनका पैर फिसल गया और वे खाई में गिर गए थे. सेना और स्थानीय पुलिस ने उनकी काफी खोजबीन की है, लेकिन उनकी कोई पता नहीं चल पाया था. छह महीने तक जब उनका कोई सुराग नहीं लगा था तो जुलाई में सेना ने उन्हें बैटल कैजुअल्टी में शहीद घोषित कर दिया था. हालांकि, तब उनका परिवार को यह बात मानने को तैयार नहीं था कि नेगी शहीद हो गए है. उनका मानना था कि जवान नियंत्रण रेखा पर तैनात था, हो सकता है कि हिमस्खलन की चपेट में आकर वह सीमा पार पाकिस्तान चला गया हो.
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हालांकि, अब आठ महीने बाद हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी का शव बरामद होने पर सभी संशयों पर विराम लग गया. सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद जवान का पार्थिव देहरादून लाया जाएगा. जिसके बाद पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. राजेंद्र सिंह नेगी का परिवार देहरादून के अंबीवाला में रहता है. वैसे वे मूल रूप से चमोली जिले के रहने वाले हैं.