डोईवाला: सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम के तहत 30 साल में पहली बार पहाड़ी गांव सनगांव में कोई उपजिलाधिकारी जनता की समस्या सुनने के लिए पहुंचे. एसडीएम लक्ष्मी राज चौहान ने जनता दरबार के दौरान ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं. हालांकि, इस दौरान तीन प्रमुख विभाग लोक निर्माण विभाग, जल संस्थान, विद्युत विभाग के अधिकारी रहे नदारद रहे. जिस पर एसडीएम ने कार्रवाई की बात कही है.
पहाड़ों में पलायन की प्रमुख वजह मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. इसके बावजूद प्रमुख विभागों के अधिकारी पहाड़ पर काम करने को तैयार नहीं हैं. इसका जीता-जागता उदाहरण डोईवाला विधानसभा क्षेत्र के सनगांव में देखने को मिला. 1 सितंबर को लगाये गये जनता दरबार में जिन विभागों की वजह से जनता परेशान है, उन तीनों विभागों के अधिकारी नदारद रहे. अब एसडीएम ने इन नदारद अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है.
एसडीएम ने कहा कि सरकार और जिलाधिकारी के निर्देश पर दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों में सरकार जनता के द्वार के तहत जनता दरबार कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. ऐसे कार्यक्रमों के जरिये सरकार की योजनाओं की जानकारी जनता तक पहुंचे और क्षेत्र की समस्याओं का निस्तारण भी मौके पर हो सके. उपजिलाधिकारी ने कहा कि सड़क, बिजली और पानी की समस्या के मामले सबसे ज्यादा आ रहे हैं. संबंधित अधिकारियों को बुलाकर समस्याओं के समाधान की कोशिश की जा रही है.
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ग्रामीण महिपाल सिंह ने बताया कि हर मॉनसून के बाद डोईवाला विधानसभा क्षेत्र के नजदीक पहाड़ी गांव सनगांव, नाहीकला, सतेली, बड़कोट, सूर्यधार समेत दर्जनों गांवों ऐसे हैं, जिनका संपर्क मार्ग मुख्य मार्ग से कट जाता है. सड़क खराब होने से किसानों की फसलें गांव में ही खराब हो जाती हैं. बिजली, पानी की गंभीर समस्या पैदा हो जाती है, लेकिन अधिकारी गांव में झांकने तक नहीं आते.
महिपाल ने कहा कि 30 साल बाद लगे जनता दरबार में भी प्रमुख विभागों के अधिकारी गायब रहे. ग्रामीण पुनीत ने बताया कि जनता की समस्या का इन अधिकारियों पर कोई फर्क नहीं पड़ता. पहाड़ों से पलायन होने का यही कारण है कि कोई भी सरकार आ जाये, लेकिन उनके नेता वोट लेने के बाद दोबारा गांव में नहीं जाते.